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Budaun News: 30 गोशालाएं बंद, सड़कों पर घूम रहे चार हजार गोवंश

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Sat, 13 Dec 2025 12:39 AM IST
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30 cow shelters have been closed, and four thousand cattle are roaming the streets.
दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद
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बदायूं। जिले में 320 गोशालाएं संचालित हैं, इनमें 30 ऐसी हैं जिनकी क्षमता 30 पशुओं को रखने की है, प्रशासन ने ऐसी गोशालाएं बंद करा दी हैं। यही कारण है कि जिले में छुट्टा घूम रहे गोवंशों की संख्या 4 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। इन गोवंशों की वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं। कोहरे के दिनों में हादसों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बावजूद इसके प्रशासन इस समस्या पर लापरवाही बरत रहा है। इसी के साथ ही सांड़ के बधियाकरण में भी विभाग पिछड़ा हुआ है।
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सरकार के तमाम दावों के बाद भी छुट्टा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो सका। जिले में अब भी चार हजार से ज्यादा छुट्टा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। यह हाल तब है जब जिले में 290 गोआश्रय स्थल संचालित हैं, जहां 30 हजार से ज्यादा गोवंश रखे गए हैं। बावजूद इसके छुट्टा पशु खेत चर जा रहे हैं और लोगों पर हमलावर हो रहे हैं। साथ ही सड़कों पर हादसे का सबब बन रहे हैं।
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पशु पालन विभाग का दावा है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 290 गोआश्रय स्थल बदायूं में हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का कहना है कि इनमें 30,687 गोवंश संरक्षित हैं। एक गोआश्रय स्थल का सूरजपुर व कछला गांव में निर्माण चल रहा है। किसी भी जिले में इतने गोआश्रय स्थल नहीं हैं। बावजूद इसके जिले में छुट्टा पशुओं की समस्या खत्म नहीं हो रही है।

यह हाल तब है जब करीब 25,500 गोवंशों को पकड़कर ग्रामीणों की सुपुदर्गी में दिया जा चुका है। एक अनुमान के तहत जिले में चार हजार से ज्यादा छुट्टा पशु अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं। छुट्टा पशु किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। इन दिनों खेतों में गेहूं और सरसों की फसल खड़ी हैं, सब्जियां भी हो रहीं है जिन्हें छुट्टा जानवर चरते आ रहे हैं। इन गोवंशों से टकराकर हर माह चार से पांच लोगों की जान जा रही है।


गोआश्रय स्थल में 1800 से ज्यादा सांड़ बंद
पशु पालन विभाग का दावा है कि जिले के गोआश्रय स्थल में नंदी (सांड़) को रखने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। मौजूदा समय में जिले में 1800 से ज्यादा नंदी बंद हैं। इसके बाद भी सड़कों पर करीब 500 से ज्यादा सांड़ घूम रहे हैं। इन सांड़ों से अब लोगों की जान को खतरा हो रहा है। तीन महीने में चार लोगों की जिले में सांड़ के हमले में मौत हो चुकी है। अधिकांश सांड़ों का बधियाकरण नहीं कराया गया है, जबकि आदेश है कि जिले में सभी सांड़ों का बधियाकरण कराया जाए।


बदायूं जिले में यह गोशालाएं हाे चुकी हैं बंद

ब्लॉक अंबियापुर के गांव सतेती, बांस बरौलिया, आसफपुर के कोरेरा, दहगवां के सिलहरी,दातागंज के चिंजरी, भटौली, धर्मपुर कलां, दियोरी, म्याऊं के बिलहरी, सहसवान के पतरचोहा,सलारपुर के परीदपुर चकोलर, समरेर के नवलपुर बमियान, उझानी के रियोनईया वजीरगंज के ब्यौली, बिसौली के राजपुर कटघर समेत तीस गोशालाएं बंद कर दी गईं हैं।

छुट्टा पशुओं को रखने के लिए जिले में सात नए गोआश्रय स्थल और बनाए जा रहे हैं। सरकार की मंशा है कि छोटे गोआश्रय स्थल बंद कर बढ़े स्थलों पर गोवंशों को रखा जाए ताकि उनकी अच्छे से देखभाल हो सके। यही वजह है कि 30 की क्षमता वाले गो आश्रय स्थल बंद कर दिए गए हैं। वहां मौजूद गोवंशों को बढ़ी गोशालाओं में शिफ्ट करा दिया गया है। - समदर्शी सरोज, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बदायूं

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

दहगवां क्षेत्र के सिलहरी में गोशाला बंद होने इके बाद पास के हाईवे पर गोवंश। संवाद

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