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Budaun News: सर्दी में टूटे शीशे, धक्का परेड बसें, जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री
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गन्ना लदे ट्रैक्ट्रर- ट्राली में रिफ्लेक्टर लगवाते परिवहन विभाग के अधिकारी। स्रोत- विभाग
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बदायूं। ठंडक के मौसम में भी निजी बस संचालकों ने यात्री सुविधाओं पर गंभीरता दिखाना नहीं शुरू किया है। हाल यह है कि यात्रियों को कंडम बसों से सफर कराया जा रहा है। बसों के शीशे टूटे हैं, धक्का लगाकर स्टार्ट करना पड़ता है। फॉग लाइटें भी नहीं लगाई गईं हैं। ऐसे में कभी कोई बड़ा हादसा हो जाए तो इससे यात्रियों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। फिटनेस सही न होने से 38 बस संचालकों को एआरटीओ ने नोटिस जारी किए हैं।
शहर में प्राइवेट बस यूनियन के स्तर से निजी बस स्टेशन बनाकर बसों का संचालन कराया जाता है। करीब 225 बसें जिले में उसावां, इस्लामनगर, उझानी, बरेली, ककराला, दातागंज, उसहैत, सहसवान आदि इलाकों में संचालित की जा रहीं हैं। इन बसों से हर दिन करीब 25 हजार यात्री सफर करते हैं। भले ही बसों के साथ यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा हो, बावजूद इसके जर्जर व कंडम बसों का संचालन कराया जा रहा है। इससे यात्रियों की जान को भी खतरा बना हुआ है। वहीं बस स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार रहता है। यात्रियों के बैठने और पीने के पानी का भी उचित इंतजाम नहीं है।
एआरटीओ प्रवर्तन अंबरीश कुमार ने बताया कि निजी बसों में यदि शीशे टूटे हैं और नियमों के विपरीत संचालन कराया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि फिटनेस सही न होने के चलते 38 बस संचालकों को नोटिस जारी किया जा चुका है। एआरटीओ ने बताया कि विभाग की टीम लगातार चेकिंग अभियान चलाती है। जिन बसों में कमियां मिलती हैं उन पर जुर्माना व चालान करने की कार्रवाई भी की जा रही है।
घाटे में चल रहा कारोबार
निजी बस यूनियन से जुड़े कई लोगों ने बताया कि इस समय यह कारोबार घाटे में चल रहा है। जिनके पास पहले दस से बीस बसें थीं वह अब एक या दो बसों का संचालन करवा रहे हैं। इन सभी का आरोप है कि पुलिस व परिवहन निगम के स्तर से उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है। अवैध धन उगाही होती है।
जल्द दूर कराई जाएंगी कमियां
जिन बसों में कोई कमी है उसे जल्द ही सही करवा दिया जाएगा। ठंडक के मौसम में बसों में शीशे सही होने के साथ फॉग लाइटें लगना बहुत जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा व उनकी सुविधा से हम सबके लिए सर्वोपरि है। - ओमकार सिंह, जिलाध्यक्ष, प्राइवेट बस यूनियन
वाहनों में लगाए जा रहे रिफ्लेक्टर
सर्दी के मौसम के साथ कोहरा को देखते हुए परिवहन विभाग की तरफ से अभियान चलाकर वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाने का काम किया जा रहा है। एआरटीओ प्रवर्तन अंबरीश कुमार ने बताया कि इस समय नियमित विभाग की टीमें इस काम को कर रहीं हैं। खासकर गन्ना लदे ट्रैक्टर व ट्रॉलियों में विशेष तौर पर रिफ्लेक्टर लगवाए जा रहे हैं। बिना रिफ्लेक्टर लगे मिले 18 वाहनों का चालान भी किया जा रहा है।
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शहर में प्राइवेट बस यूनियन के स्तर से निजी बस स्टेशन बनाकर बसों का संचालन कराया जाता है। करीब 225 बसें जिले में उसावां, इस्लामनगर, उझानी, बरेली, ककराला, दातागंज, उसहैत, सहसवान आदि इलाकों में संचालित की जा रहीं हैं। इन बसों से हर दिन करीब 25 हजार यात्री सफर करते हैं। भले ही बसों के साथ यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा हो, बावजूद इसके जर्जर व कंडम बसों का संचालन कराया जा रहा है। इससे यात्रियों की जान को भी खतरा बना हुआ है। वहीं बस स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार रहता है। यात्रियों के बैठने और पीने के पानी का भी उचित इंतजाम नहीं है।
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एआरटीओ प्रवर्तन अंबरीश कुमार ने बताया कि निजी बसों में यदि शीशे टूटे हैं और नियमों के विपरीत संचालन कराया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि फिटनेस सही न होने के चलते 38 बस संचालकों को नोटिस जारी किया जा चुका है। एआरटीओ ने बताया कि विभाग की टीम लगातार चेकिंग अभियान चलाती है। जिन बसों में कमियां मिलती हैं उन पर जुर्माना व चालान करने की कार्रवाई भी की जा रही है।
घाटे में चल रहा कारोबार
निजी बस यूनियन से जुड़े कई लोगों ने बताया कि इस समय यह कारोबार घाटे में चल रहा है। जिनके पास पहले दस से बीस बसें थीं वह अब एक या दो बसों का संचालन करवा रहे हैं। इन सभी का आरोप है कि पुलिस व परिवहन निगम के स्तर से उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है। अवैध धन उगाही होती है।
जल्द दूर कराई जाएंगी कमियां
जिन बसों में कोई कमी है उसे जल्द ही सही करवा दिया जाएगा। ठंडक के मौसम में बसों में शीशे सही होने के साथ फॉग लाइटें लगना बहुत जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा व उनकी सुविधा से हम सबके लिए सर्वोपरि है। - ओमकार सिंह, जिलाध्यक्ष, प्राइवेट बस यूनियन
वाहनों में लगाए जा रहे रिफ्लेक्टर
सर्दी के मौसम के साथ कोहरा को देखते हुए परिवहन विभाग की तरफ से अभियान चलाकर वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाने का काम किया जा रहा है। एआरटीओ प्रवर्तन अंबरीश कुमार ने बताया कि इस समय नियमित विभाग की टीमें इस काम को कर रहीं हैं। खासकर गन्ना लदे ट्रैक्टर व ट्रॉलियों में विशेष तौर पर रिफ्लेक्टर लगवाए जा रहे हैं। बिना रिफ्लेक्टर लगे मिले 18 वाहनों का चालान भी किया जा रहा है।

गन्ना लदे ट्रैक्ट्रर- ट्राली में रिफ्लेक्टर लगवाते परिवहन विभाग के अधिकारी। स्रोत- विभाग

गन्ना लदे ट्रैक्ट्रर- ट्राली में रिफ्लेक्टर लगवाते परिवहन विभाग के अधिकारी। स्रोत- विभाग

गन्ना लदे ट्रैक्ट्रर- ट्राली में रिफ्लेक्टर लगवाते परिवहन विभाग के अधिकारी। स्रोत- विभाग
