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Budaun News: बिल में लिखी मात्रा से कम दिया 11 हजार का सामान
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ओरछी। बदायूं के नवादा स्थित बिजली गोदाम पर तैनात कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता किसान का कहना है कि बिना सुविधा शुल्क के ट्यूबवेल कनेक्शन का सामान नहीं दिया जाता। सामान में भी कटौती कर ली जाती है। इससे किसानों को दोहरा नुकसान होता है। इसे लेकर थाना फैजगंज के गांव कनुआ खेड़ा निवासी किसान पुनीत कुमार सिंह पुत्र सतीश चंद्र ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़ित किसान ने बताया कि उसने अपने पिता सतीश कुमार सिंह के नाम ट्यूबवेल कनेक्शन में पूरी प्रक्रिया अपनाई, फिर भी उन्हें विभाग की कार्यप्रणाली के कारण मानसिक और आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ा। ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए एस्टीमेट के अनुसार 1,68,619 रुपये विभाग में जमा किए थे।
आरोप लगाया कि सामान लेने जब वह नवादा बिजली गोदाम पहुंचे तो वहां तैनात स्टाफ ने लेबर चार्ज के नाम पर 1000 रुपये मांगे, जो उन्होंने उसे दे दिए। बावजूद इसके उनके साथ धोखाधड़ी की गई। सामान की सूची में 18 अदद थे, उसमें से सिर्फ 10 अदद सामान ही दिया गया।
गेटपास पर कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी 10 अदद सामान ले जाना ही दर्शाया। जब एस्टीमेट और गेटपास का मिलान किया तो पाया कि जो आठ अदद नहीं दिए गए उनकी कीमत करीब 11,129 रुपये थी।
इस बाबत जब उसने शिकायत की तो कर्मचारी गाली-गलौज और अभद्रता पर उतारू हो गए। भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए 17 दिसंबर को अधीक्षण अभियंता को पूर्वाह्न 11:38 से अपराह्न 12:33 के बीच तीन बार कॉल की, फिर भी फोन नहीं उठा। किसान को अधूरा सामान लेकर ही लौटना पड़ा।
पीड़ित बोला- क्षतिपूर्ति नहीं दी तो लूंगा कोर्ट की शरण
पीड़ित पुनीत कुमार ने अब इस मामले में आरटीआई के माध्यम से निगम से जवाब मांगा है। आखिर एस्टीमेट से कम सामान क्यों दिया गया और लेबर चार्ज के नाम पर वसूली किस आधार पर की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने 11,129 रुपये की क्षतिपूर्ति नहीं दी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की तो वह न्यायालय की शरण लेगा।
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पीड़ित किसान ने बताया कि उसने अपने पिता सतीश कुमार सिंह के नाम ट्यूबवेल कनेक्शन में पूरी प्रक्रिया अपनाई, फिर भी उन्हें विभाग की कार्यप्रणाली के कारण मानसिक और आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ा। ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए एस्टीमेट के अनुसार 1,68,619 रुपये विभाग में जमा किए थे।
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आरोप लगाया कि सामान लेने जब वह नवादा बिजली गोदाम पहुंचे तो वहां तैनात स्टाफ ने लेबर चार्ज के नाम पर 1000 रुपये मांगे, जो उन्होंने उसे दे दिए। बावजूद इसके उनके साथ धोखाधड़ी की गई। सामान की सूची में 18 अदद थे, उसमें से सिर्फ 10 अदद सामान ही दिया गया।
गेटपास पर कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी 10 अदद सामान ले जाना ही दर्शाया। जब एस्टीमेट और गेटपास का मिलान किया तो पाया कि जो आठ अदद नहीं दिए गए उनकी कीमत करीब 11,129 रुपये थी।
इस बाबत जब उसने शिकायत की तो कर्मचारी गाली-गलौज और अभद्रता पर उतारू हो गए। भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए 17 दिसंबर को अधीक्षण अभियंता को पूर्वाह्न 11:38 से अपराह्न 12:33 के बीच तीन बार कॉल की, फिर भी फोन नहीं उठा। किसान को अधूरा सामान लेकर ही लौटना पड़ा।
पीड़ित बोला- क्षतिपूर्ति नहीं दी तो लूंगा कोर्ट की शरण
पीड़ित पुनीत कुमार ने अब इस मामले में आरटीआई के माध्यम से निगम से जवाब मांगा है। आखिर एस्टीमेट से कम सामान क्यों दिया गया और लेबर चार्ज के नाम पर वसूली किस आधार पर की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने 11,129 रुपये की क्षतिपूर्ति नहीं दी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की तो वह न्यायालय की शरण लेगा।
