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Budaun News: जिला जेल में ऊन से महिला बंदी बुन रहीं आत्मनिर्भरता
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कोर्ट परिसर में लगी प्रदर्शिनी में लगे स्टॉल पर स्वेटर खरीद करते लोग। संवाद
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बदायूं। जिला जेल में 40 बंदी महिलाएं ऊन से आत्मनिर्भरता और समृद्धि बुनने का काम कर रहीं हैं। हाथों के बुने स्वेटर उनके लिए आत्मनिर्भरता की सीढ़ी बन गए हैं। बाजारों में अब जेल की महिलाओं के बने स्वेटरों का स्टॉल लग रहा है।
लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में बंदी महिलाओं के स्वेटर खूब पसंद किए जा रहे हैं। सर्दी से बचने के लिए लोग जैकेट पर 15 सौ से दो हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं, वहीं ऊन का हाथ से बना स्वेटर सात से आठ सौ रुपये में मिल जा रहा है। लोग इसको अधिक पसंद कर रहे हैं।
जेल कर्मचारी बाजार में स्टॉल लगाकर इन स्वेटरों का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। इनको खरीदने के लिए लोगों की डिमांड बढ़ गई है। लोग दिए गए नंबरों पर कॉल करके भी स्वेटर मंगा रहे हैं। स्वेटर खरीद रहे प्रदीप शर्मा ने बताया कि ऊनी स्वेटर लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में आठ सौ रुपये में खरीदा। सर्दी से बचाव के लिए यह बेहतर है। जैकेट से सर्दी नहीं रुक पाती है, लेकिन स्वेटर पहनकर अच्छा लगता है।
जेल प्रशासन उपलब्ध करा रहा ऊन
महिला बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जेल प्रशासन भी सहयोग कर रहा है। महिला बंदियों को स्वेटर बुनने के लिए ऊन जेल प्रशासन उपलब्ध करा रहा है। इससे महिलाएं अब स्वेटर के अलावा भी कई अन्य सामान बनाने का काम कर रहीं हैं।
40 महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
किसी न किसी आरोप के चलते जिला जेल में करीब 46 महिलाएं बंद हैं। इनमें 40 ऐसी महिलाएं हैं जो आत्मनिर्भर बनने की ललक में अपना हुनर निखार रहीं हैं।
महिलाएं तरह-तरह के हुनर में परिपूर्ण हैं। उनको घर में रहकर भले ही अपने हुनर को प्रदर्शित करने का मौका नहीं मिलता, लेकिन जेल के अंदर रहकर महिलाएं अपने हुनर से आत्मनिर्भर और समृद्ध बन रहीं हैं। -राजेंद्र कुमार, जेल अधीक्षक जिला जेल बदायूं
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लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में बंदी महिलाओं के स्वेटर खूब पसंद किए जा रहे हैं। सर्दी से बचने के लिए लोग जैकेट पर 15 सौ से दो हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं, वहीं ऊन का हाथ से बना स्वेटर सात से आठ सौ रुपये में मिल जा रहा है। लोग इसको अधिक पसंद कर रहे हैं।
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जेल कर्मचारी बाजार में स्टॉल लगाकर इन स्वेटरों का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। इनको खरीदने के लिए लोगों की डिमांड बढ़ गई है। लोग दिए गए नंबरों पर कॉल करके भी स्वेटर मंगा रहे हैं। स्वेटर खरीद रहे प्रदीप शर्मा ने बताया कि ऊनी स्वेटर लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में आठ सौ रुपये में खरीदा। सर्दी से बचाव के लिए यह बेहतर है। जैकेट से सर्दी नहीं रुक पाती है, लेकिन स्वेटर पहनकर अच्छा लगता है।
जेल प्रशासन उपलब्ध करा रहा ऊन
महिला बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जेल प्रशासन भी सहयोग कर रहा है। महिला बंदियों को स्वेटर बुनने के लिए ऊन जेल प्रशासन उपलब्ध करा रहा है। इससे महिलाएं अब स्वेटर के अलावा भी कई अन्य सामान बनाने का काम कर रहीं हैं।
40 महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
किसी न किसी आरोप के चलते जिला जेल में करीब 46 महिलाएं बंद हैं। इनमें 40 ऐसी महिलाएं हैं जो आत्मनिर्भर बनने की ललक में अपना हुनर निखार रहीं हैं।
महिलाएं तरह-तरह के हुनर में परिपूर्ण हैं। उनको घर में रहकर भले ही अपने हुनर को प्रदर्शित करने का मौका नहीं मिलता, लेकिन जेल के अंदर रहकर महिलाएं अपने हुनर से आत्मनिर्भर और समृद्ध बन रहीं हैं। -राजेंद्र कुमार, जेल अधीक्षक जिला जेल बदायूं
