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Budaun News: इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर समेत दो लोगों को अदालत का नोटिस
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Sat, 06 Dec 2025 11:40 PM IST
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बदायूं। इंश्योरेंस कंपनी ने युवक की मौत हाेने के बाद भी बीमा क्लेम नहीं दिया। आवेदन में कमी दर्शाकर निरस्त कर दिया। इस मामले में युवक के परिजन ने स्थायी लोक अदालत में तीन दिसंबर को वाद दायर किया। इसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक व महाप्रबंधक को स्थायी लोक अदालत ने नोटिस कर चार जनवरी को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव दौरी नरोत्तमपुर के रहने वाले संजू पुत्र सूरजपाल ने वाद दायर किया। संजू ने बताया कि उसके भाई विनोद ने आइसीआईसीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 29 सितंबर 2025 को बीमा कराया था। बीमा पॉलिसी 68 वर्षो तक कवर करेगी। 12 साल तक प्रीमियम जमा करना था।
एजेंट ने पूरी जांच पड़ताल व फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाकर शारीरिक परीक्षण भी कराया। इसके बाद ही बीमा किया गया। उसके भाई ने छमाही 45 सौ रुपये की पॉलिसी खरीदी थी। किस्त को भाई समय पर जमा कर रहे थे। एजेंट ने बताया था कि बीमित राशि 10 लाख रुपये की थी। 27 मई 2025 को भाई की अचानक मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवार के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई। 25 जुलाई काे उसने ऑनलाइन क्लेम को आवेदन किया।
बीमा कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर मौका मुआयना भी कराया गया। प्रबंधक व महा प्रबंधक ने 24 सितंबर को आवेदन निरस्त कर दिया। कार्यालय जाकर जानकारी ली तो बताया गया कि उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। बताया गया कि भाई को कैंसर था, जिससे उसकी मौत हुई है। पीड़ित ने बताया है कि उसके भाई को इस तरह की कोई बीमारी ही नहीं थी। इसके बाद उसने कोर्ट में वाद दायर किया।
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सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव दौरी नरोत्तमपुर के रहने वाले संजू पुत्र सूरजपाल ने वाद दायर किया। संजू ने बताया कि उसके भाई विनोद ने आइसीआईसीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 29 सितंबर 2025 को बीमा कराया था। बीमा पॉलिसी 68 वर्षो तक कवर करेगी। 12 साल तक प्रीमियम जमा करना था।
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एजेंट ने पूरी जांच पड़ताल व फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाकर शारीरिक परीक्षण भी कराया। इसके बाद ही बीमा किया गया। उसके भाई ने छमाही 45 सौ रुपये की पॉलिसी खरीदी थी। किस्त को भाई समय पर जमा कर रहे थे। एजेंट ने बताया था कि बीमित राशि 10 लाख रुपये की थी। 27 मई 2025 को भाई की अचानक मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवार के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई। 25 जुलाई काे उसने ऑनलाइन क्लेम को आवेदन किया।
बीमा कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर मौका मुआयना भी कराया गया। प्रबंधक व महा प्रबंधक ने 24 सितंबर को आवेदन निरस्त कर दिया। कार्यालय जाकर जानकारी ली तो बताया गया कि उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। बताया गया कि भाई को कैंसर था, जिससे उसकी मौत हुई है। पीड़ित ने बताया है कि उसके भाई को इस तरह की कोई बीमारी ही नहीं थी। इसके बाद उसने कोर्ट में वाद दायर किया।
