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Budaun News: सरकारी कंबलों से नहीं जा रही ठंड, जो सक्षम, वो घर से मंगा रहे
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Sat, 06 Dec 2025 11:39 PM IST
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जिला महिला अस्पताल में भर्ती महिला मरीज। संवाद
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बदायूं। जिले में बढ़ती ठंड ने आम लोगों के साथ अस्पतालों में भर्ती मरीजों की दिक्कतें और बढ़ा दी हैं। जिला महिला अस्पताल में हालत यह है कि सरकारी कंबल ठंड रोक पाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। अस्पताल में भर्ती प्रसूताएं और नवजात रातभर ठिठुरते रहते हैं। कई मरीजों ने बताया कि ठंड से बचने के लिए या तो घर से कंबल मंगवाने पड़ रहे हैं या फिर ठंड से कांपते हुए रात गुजारनी पड़ रही है।
ठंड बढ़ने के बाद भी जिला महिला अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रसूता वार्ड में हीटर लगाए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। सुबह से लेकर देर रात तक वार्ड की हालत ठंडी रहती है। ऐसे में प्रसव के बाद कमजोर हुई महिलाओं के लिए यह ठंड सहना बेहद मुश्किल हो रहा है। वहीं, नवजात बच्चों को ठंड लगने का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों के साथ आई महिलाओं ने बताया कि रात के समय में वार्ड में काफी ठंडक हो जाती है। जिससे छोटे बच्चों को सांस संबंधी समस्याओं का डर बना रहता है। वहीं, सरकार की ओर से अस्पतालों को कंबल उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी कमजोर है कि इस ठंड में राहत नहीं मिल पा रही है।
मरीजों ने बताया कि सरकारी कंबल बेहद पतले हैं और कई तो फटने की स्थिति में हैं। प्रसूता के परिजन रवि कुमार ने कहा कि सक्षम परिवार तो घर से कंबल व रजाई ले आते हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है। उन्हें सरकारी कंबल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में उनकी रातें ठंड में गुजर रही हैं। कई बार मरीजों ने शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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वर्जन-
-कंबल सभी को मुहैया कराए जा रहे हैं, कुछ महिलाएं कंबल लेने से मना कर देती है। वह अपने कंबल घर से मांगा लेती है, अभी किसी ने हीटर के लिए नहीं बोला है। अगर कोई कहेगा, तो उसको लगवा दिया जाएगा।
-डॉ. शोभा अग्रवाल, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल बदायूं
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ठंड बढ़ने के बाद भी जिला महिला अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रसूता वार्ड में हीटर लगाए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। सुबह से लेकर देर रात तक वार्ड की हालत ठंडी रहती है। ऐसे में प्रसव के बाद कमजोर हुई महिलाओं के लिए यह ठंड सहना बेहद मुश्किल हो रहा है। वहीं, नवजात बच्चों को ठंड लगने का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों के साथ आई महिलाओं ने बताया कि रात के समय में वार्ड में काफी ठंडक हो जाती है। जिससे छोटे बच्चों को सांस संबंधी समस्याओं का डर बना रहता है। वहीं, सरकार की ओर से अस्पतालों को कंबल उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी कमजोर है कि इस ठंड में राहत नहीं मिल पा रही है।
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मरीजों ने बताया कि सरकारी कंबल बेहद पतले हैं और कई तो फटने की स्थिति में हैं। प्रसूता के परिजन रवि कुमार ने कहा कि सक्षम परिवार तो घर से कंबल व रजाई ले आते हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है। उन्हें सरकारी कंबल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में उनकी रातें ठंड में गुजर रही हैं। कई बार मरीजों ने शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
वर्जन-
-कंबल सभी को मुहैया कराए जा रहे हैं, कुछ महिलाएं कंबल लेने से मना कर देती है। वह अपने कंबल घर से मांगा लेती है, अभी किसी ने हीटर के लिए नहीं बोला है। अगर कोई कहेगा, तो उसको लगवा दिया जाएगा।
-डॉ. शोभा अग्रवाल, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल बदायूं
