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Budaun News: खोया, दूध, पनीर, बर्फी और गुड़ में मिली मिलावट, 21 मामलों में की गई कार्रवाई
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बदायूं। जिले में बीते अक्तूबर माह के दौरान खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न वादों पर निर्णायक कार्यवाही हुई। एडीएम न्यायालय द्वारा फैसले सुनाए गए। इन फैसलों में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से लिए गए कुल 21 खाद्य नमूनों की जांच रिपोर्ट में दोष मिलने पर संबंधित विक्रेताओं, फर्म संचालकों और जिम्मेदार व्यक्तियों पर दस हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया गया।
जांच रिपोर्ट में खोया, पनीर, मिश्रित दूध, बर्फी, नमकीन, किशमिश और गुड़ जैसे खाद्य पदार्थों में अधोमानक तत्व, मिथ्याछाप लेबलिंग, बाह्य पदार्थ या गुणवत्ता में गंभीर कमी पाए जाने की पुष्टि हुई। न्यायालय ने इन सभी प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के निर्धारित प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई करते हुए दोषी पाए गए व्यक्तियों पर आर्थिक दंड के आदेश पारित किए। कई मामलों में जुर्माने की राशि 90 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपये तक रही। जिन 21 प्रकरणों में जुर्माना लगाया गया, उनमें सिविल लाइन, अलापुर, बिनावर, उझानी, कुंवरगांव, बिसौली, दातागंज और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के नमूने शामिल थे।
गुणवत्ता से समझौता करने वालों को नहीं मिलेगी राहत
सहायक खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीएल यादव ने बताया कि जनपद में मिलावटखोरी के विरुद्ध अभियान लगातार जारी है। अधोमानक खाद्य पदार्थ बेचने, मिथ्या या गलत लेबलिंग करने, बाहरी पदार्थ मिलाने तथा बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ इसी प्रकार कठोर कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी।
उपभोक्ताओं से अपील, खरीदारी से पहले गुणवत्ता अवश्य जांचें
विभाग ने आम जनता से अपील की है कि खाद्य पदार्थ खरीदते समय उसके पैकेट पर दर्ज लाइसेंस नंबर, निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और गुणवत्ता मानकों की उचित जांच अवश्य करें। स्थानीय दुकानों से ढीले खाद्य पदार्थ खरीदते समय भी उसके रंग, गंध और स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।
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जांच रिपोर्ट में खोया, पनीर, मिश्रित दूध, बर्फी, नमकीन, किशमिश और गुड़ जैसे खाद्य पदार्थों में अधोमानक तत्व, मिथ्याछाप लेबलिंग, बाह्य पदार्थ या गुणवत्ता में गंभीर कमी पाए जाने की पुष्टि हुई। न्यायालय ने इन सभी प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के निर्धारित प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई करते हुए दोषी पाए गए व्यक्तियों पर आर्थिक दंड के आदेश पारित किए। कई मामलों में जुर्माने की राशि 90 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपये तक रही। जिन 21 प्रकरणों में जुर्माना लगाया गया, उनमें सिविल लाइन, अलापुर, बिनावर, उझानी, कुंवरगांव, बिसौली, दातागंज और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के नमूने शामिल थे।
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गुणवत्ता से समझौता करने वालों को नहीं मिलेगी राहत
सहायक खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीएल यादव ने बताया कि जनपद में मिलावटखोरी के विरुद्ध अभियान लगातार जारी है। अधोमानक खाद्य पदार्थ बेचने, मिथ्या या गलत लेबलिंग करने, बाहरी पदार्थ मिलाने तथा बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ इसी प्रकार कठोर कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी।
उपभोक्ताओं से अपील, खरीदारी से पहले गुणवत्ता अवश्य जांचें
विभाग ने आम जनता से अपील की है कि खाद्य पदार्थ खरीदते समय उसके पैकेट पर दर्ज लाइसेंस नंबर, निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और गुणवत्ता मानकों की उचित जांच अवश्य करें। स्थानीय दुकानों से ढीले खाद्य पदार्थ खरीदते समय भी उसके रंग, गंध और स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।
