UP News: बदायूं में घुसपैठियों के विरुद्ध चलाया बड़ा अभियान, पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा; अवैध कब्जे हटवाए
बदायूं में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिया होने की आशंका पर पुलिस-प्रशासन ने शनिवार को विशेष अभियान चलाया। सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के पहचान संबंधी दस्तावेज जांचे गए। इस दौरान जो लोग कोई वैध पहचान पत्र नहीं दिखा पाए, उन्हें हिरासत में लिया गया है।
विस्तार
बदायूं में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए शनिवार को अभियान चलाया। शहर के लालपुल स्थित बड़े सरकार परिसर में चलाए गए इस संयुक्त अभियान से इलाके में हड़कंप मच गया। हालांकि पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या तो नहीं मिले, लेकिन बड़े सरकार में अवैध रूप से वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जों को हटवाया गया। बिना वैध पहचान पत्र के मिले लोगों को हिरासत में लिया गया। यहां पर काफी संख्या में नए मकान भी बनाए जा रहे हैं। यह मकान भी बाहरी लोगों के बताए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस व प्रशासनिक टीमों की जांच के बाद इस बारे में अधिकारिक जानकारी सामने आ सकेगी।
पुलिस और प्रशासन की टीम ने बड़े सरकार परिसर और उसके आसपास झोपड़ी, तिरपाल व पन्नी डालकर रह रहे लोगों की गहन जांच की। सभी से आधार कार्ड, वोटर आईडी समेत अन्य वैध पहचान पत्र मांगे गए। कई लोग कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके, जिन्हें संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया गया। वहीं, परिसर स्थित मुसाफिरखाने में रह रहे लोगों से पूछताछ की गई, तो सामने आया कि कई लोग अन्य जनपदों से आकर वर्षों से परिवार सहित यहां रह रहे हैं।
यह भी पढ़ें- बेटा-बहू बने जान के दुश्मन: बरेली में संपत्ति की खातिर पिता को पीटा, कुत्ते की जूठी रोटी खिलाने का आरोप
अवैध कब्जा हटाने के आदेश
जांच के बाद प्रशासन ने इन सभी कब्जों को गैरकानूनी बताते हुए सख्ती से हटाने के निर्देश दिए। अवैध रूप से रह रहे लोगों को चेतावनी दी गई कि वे शाम तक स्वयं अपनी झोपड़ियां और अस्थायी निर्माण हटा लें, अन्यथा बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई की जाएगी। मौके पर एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश पाल, सीओ नगर रजनीश कुमार उपाध्याय, कोतवाली प्रभारी संजय कुमार, सिविल लाइन इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह तोमर, महिला थाना प्रभारी ज्योति सिंह सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
पक्के मकान बनाकर रह रहे लोग भी जांच के दायरे में
छापेमारी के दौरान पुलिस-प्रशासन ने पाया कि तमाम लोग अस्थायी झोपड़ीनुमा घर बनाकर रह रहे हैं। इसके साथ ही कई लोगों ने वहां पक्के मकान भी बना लिए हैं। जांच में सामने आया कि जिन लोगों ने पक्के मकान बना रखे हैं, उनमें से कुछ के नाम जमीन दर्ज है, जबकि कई मामलों में भूमि स्वामित्व को लेकर स्थिति संदिग्ध पाई गई। कई लोगों को बिजली कनेक्शन दिए जाने का मामला भी सामने आया। हैरानी की बात यह रही कि बिना किसी जांच-पड़ताल के मीटर तक लगाए गए थे। प्रशासन ने इस मामले में बिजली विभाग की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच के संकेत दिए हैं।
बिना अनुमति के बनाया गया धर्मस्थल
जांच के दौरान पुलिस-प्रशासन को परिसर में बिना अनुमति के संचालित मदरसा भी मिला। मदरसे में दो हुक्के रखे मिले और पढ़ाई के नाम पर फर्जी किताबें भी पाई गईं। टीम के पहुंचने की सूचना मिलते ही मदरसा संचालक ताला लगाकर भाग गया। बाद में पुलिस के बुलाने पर वह कई आईडी एकत्र कर लाया और खुद को पास के गांव का निवासी बताया। यहां बिना अनुमति के धर्मस्थल भी बनाया गया। प्रशासन ने फर्जी मदरसा और प्रतिबंधित लाउडस्पीकर हटाने के निर्देश दिए।
कई दुकानदार भी नहीं दिखा सके पहचान पत्र
आईडी जांच के दौरान कई दुकानदार मौके पर मौजूद नहीं मिले। बार-बार बुलाने के बावजूद वे सामने नहीं आए, जबकि दुकानें खुली रहीं। इसी तरह स्थायी रूप से घर बनाकर रह रहे कई लोग भी कार्रवाई से पहले ही घरों पर ताले डालकर भाग गए।
एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी ने बताया कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की आशंका को लेकर बड़े सरकार परिसर में अभियान चलाया गया। इस दौरान कुछ लोग बिना पहचान पत्र के मिले, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। अन्य जनपदों से आकर वर्षों से अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाया गया है। अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
संबंधित वीडियो
