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Budaun News: हर घर जल योजना कागज़ों में पूरी, फिर भी पानी के लिए तरस रहे गांव दिधौनी वाले
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बिल्सी के गांव दिधौनी में बना ओवरहैंड टेंक। संवाद
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बिल्सी। जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल योजना’ ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन बिल्सी क्षेत्र के ग्राम दिधौनी में यह योजना आज भी सिर्फ कागज़ों में ही पूरी दिखाई देती है।
वर्ष 2021 में शुरू हुआ यह कार्य लगभग दो वर्ष पूर्व ही पूर्ण घोषित कर दिया गया था। गांव में ओवरहेड टैंक, पाइपलाइन और हैंडपंप भी बना दिए गए, बावजूद इसके आधे से अधिक गांव के घर आज भी एक बूंद पानी को तरस रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इस योजना पर करीब 3.60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
बावजूद इसके पेयजल की आपूर्ति नियमित तौर पर शुरू नहीं हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि ओवरहेड टैंक में पानी आता ही नहीं, कई जगह पाइप लाइनें जर्जर पड़ी हैं। कुछ स्थानों पर कनेक्शन ही नहीं दिए गए। ग्रामीणों ने मांग की है कि शासन इस योजना की वास्तविक स्थिति की जांच कराए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए योजना को शीघ्र सुचारु कराया जाए, ताकि गांव के हर घर तक पेयजल की सुविधा वास्तव में पहुंच सके।
ग्राम पंचायत की ओर से कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें की गईं, लेकिन न जांच हुई और न कोई सुधार कार्य। स्थिति जस की तस है। - रामगोपाल शाक्य, ग्राम प्रधान, दिधौनी
-- -- गांव के लोगों ने बताई अपनी-अपनी परेशानी-- --
दो साल पहले हमसे कहा गया था कि हर घर में नल से पानी मिलेगा, लेकिन आज भी हम पुराने हैंडपंप और कुओं पर निर्भर हैं। कई बार पानी भी खराब आता है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी फायदा ज़ीरो है। - दुर्गेश बाबू
ओवरहेड टैंक तो बन गया, लेकिन पानी नहीं आ रहा। गर्मियों में सबसे ज़्यादा दिक्कत होती है। महिलाएं सुबह-सुबह दूर से पानी भरने जाती हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं। - हरीश पाल
गांव में पाइपलाइन कई जगह टूट चुकी हैं। कुछ घरों को कनेक्शन ही नहीं दिया गया। जब शिकायत करते हैं तो लोग कहते हैं काम कंपनी का था, हम क्या करें।’ आखिर हम किसके पास जाएं। -हेमेंद्र सिंह
पानी की किल्लत खेती और घर दोनों जगह परेशान करती है। सरकार कहती है कि हर घर पानी पहुंचा, लेकिन हमारे गांव में लोग आज भी बूंद-बूंद को तरसते हैं। जांच होनी चाहिए कि 3.60 करोड़ कहां खर्च हुए। - धर्मवीर
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वर्ष 2021 में शुरू हुआ यह कार्य लगभग दो वर्ष पूर्व ही पूर्ण घोषित कर दिया गया था। गांव में ओवरहेड टैंक, पाइपलाइन और हैंडपंप भी बना दिए गए, बावजूद इसके आधे से अधिक गांव के घर आज भी एक बूंद पानी को तरस रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इस योजना पर करीब 3.60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
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बावजूद इसके पेयजल की आपूर्ति नियमित तौर पर शुरू नहीं हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि ओवरहेड टैंक में पानी आता ही नहीं, कई जगह पाइप लाइनें जर्जर पड़ी हैं। कुछ स्थानों पर कनेक्शन ही नहीं दिए गए। ग्रामीणों ने मांग की है कि शासन इस योजना की वास्तविक स्थिति की जांच कराए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए योजना को शीघ्र सुचारु कराया जाए, ताकि गांव के हर घर तक पेयजल की सुविधा वास्तव में पहुंच सके।
ग्राम पंचायत की ओर से कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें की गईं, लेकिन न जांच हुई और न कोई सुधार कार्य। स्थिति जस की तस है। - रामगोपाल शाक्य, ग्राम प्रधान, दिधौनी
दो साल पहले हमसे कहा गया था कि हर घर में नल से पानी मिलेगा, लेकिन आज भी हम पुराने हैंडपंप और कुओं पर निर्भर हैं। कई बार पानी भी खराब आता है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी फायदा ज़ीरो है। - दुर्गेश बाबू
ओवरहेड टैंक तो बन गया, लेकिन पानी नहीं आ रहा। गर्मियों में सबसे ज़्यादा दिक्कत होती है। महिलाएं सुबह-सुबह दूर से पानी भरने जाती हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं। - हरीश पाल
गांव में पाइपलाइन कई जगह टूट चुकी हैं। कुछ घरों को कनेक्शन ही नहीं दिया गया। जब शिकायत करते हैं तो लोग कहते हैं काम कंपनी का था, हम क्या करें।’ आखिर हम किसके पास जाएं। -हेमेंद्र सिंह
पानी की किल्लत खेती और घर दोनों जगह परेशान करती है। सरकार कहती है कि हर घर पानी पहुंचा, लेकिन हमारे गांव में लोग आज भी बूंद-बूंद को तरसते हैं। जांच होनी चाहिए कि 3.60 करोड़ कहां खर्च हुए। - धर्मवीर

बिल्सी के गांव दिधौनी में बना ओवरहैंड टेंक। संवाद

बिल्सी के गांव दिधौनी में बना ओवरहैंड टेंक। संवाद

बिल्सी के गांव दिधौनी में बना ओवरहैंड टेंक। संवाद

बिल्सी के गांव दिधौनी में बना ओवरहैंड टेंक। संवाद
