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Budaun News: महिला नसबंदी लक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग फेल
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बदायूं। जिले में महिला नसबंदी अभियान इस वर्ष बुरी तरह पिछड़ गया है। जहां स्वास्थ्य विभाग हर साल परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूती देने का दावा करता है, वहीं आंकड़े इस बार चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में बदायूं जिले को कुल 3563 महिला नसबंदी का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य को 2025-26 के लिए भी बरकरार रखा गया है। हालांकि, इस वर्ष की प्रगति पिछले वर्ष की तुलना में काफी कमजोर साबित हुई है।
पिछले वर्ष महिला अस्पताल सहित जिले के कई ब्लॉक बेहतर प्रदर्शन कर लक्ष्य के नजदीक पहुंचे थे। विशेष रूप से कादरचौक और समरेर ब्लॉक ने शत-प्रतिशत तक पहुंचकर विभाग की सराहना बटोरी थी। कादरचौक ब्लॉक ने 116 महिलाओं की नसबंदी कराई थी, जबकि समरेर ने 102 मामलों का लक्ष्य पार किया था, लेकिन इस बार तस्वीर पूरी तरह उलट गई है।
कादरचौक में अब तक सिर्फ 88 महिलाएं ही नसबंदी के लिए आगे आईं हैं, जबकि समरेर का आंकड़ा और भी नीचे गिरकर केवल 38 तक ही सीमित रह गया है। इसी तरह जिले के अन्य ब्लॉकों में भी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। पिछले वर्ष सभी 15 ब्लॉकों में कुल 982 महिलाओं की नसबंदी कराई गई थी, लेकिन इस बार अब तक केवल 747 महिलाएं ही इस प्रक्रिया से गुजर सकी हैं। यह गिरावट विभाग की रणनीति, जागरूकता कार्यक्रम और मैदानी अमले की सक्रियता पर सवाल खड़े करती है। (संवाद)
जिला महिला अस्पताल, जगत और सैदपुर का प्रदर्शन बेहतर
जिले में केवल जिला महिला अस्पताल ने ही इस बार पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ा है। पिछले वर्ष जहां महिला अस्पताल ने सिर्फ 36 नसबंदी कराईं थीं, वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 74 तक पहुंच गई है। इसी प्रकार दहगवां ब्लॉक ने भी पिछले वर्ष 53 नसबंदी की थीं, वहीं इस साल 64 कर बेहतर प्रदर्शन किया है। जगत में पिछले साल 23 नसंबदी की थी, इस बार अब तक 46 की जा चुकी हैं। इन तीन जगहों को छोड़कर बाकी सभी ब्लॉकों में गिरावट दर्ज की गई है।
ब्लॉकों का हाल
ब्लाॅक 2025 2024
उसावां 50 68
सहसवान 74 93
उझानी 52 69
सालारपुर 44 81
वजीरगंज 40 61
अंबियापुर 39 79
म्यांउ 39 38
बिसौली 29 36
इस्लामनगर 24 25
आसफपुर 11 36
सभी को निर्देशित किया गया है शासन से जो लक्ष्य मिला है। उसको पूरा कराया जाए, किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। जागरुकता कार्यक्रम भी बढ़ाए जाएंगे। - डाॅ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
जिले में अब तक दो पुरुषों की हो सकी नसबंदी
बदायूं। जिले में पुरुष नसबंदी की रफ्तार बेहद धीमी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक सिर्फ दो पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी है, जबकि यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। पिछले साल शासन की ओर से 20 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से केवल आठ पुरुषों की नसबंदी ही कराई जा सकी। इस साल 42 का लक्ष्य विभाग को मिला लेकिन दाे पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता की कमी और सामाजिक संकोच इसकी मुख्य वजह है। विभाग अब पुरुषों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। संवाद
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पिछले वर्ष महिला अस्पताल सहित जिले के कई ब्लॉक बेहतर प्रदर्शन कर लक्ष्य के नजदीक पहुंचे थे। विशेष रूप से कादरचौक और समरेर ब्लॉक ने शत-प्रतिशत तक पहुंचकर विभाग की सराहना बटोरी थी। कादरचौक ब्लॉक ने 116 महिलाओं की नसबंदी कराई थी, जबकि समरेर ने 102 मामलों का लक्ष्य पार किया था, लेकिन इस बार तस्वीर पूरी तरह उलट गई है।
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कादरचौक में अब तक सिर्फ 88 महिलाएं ही नसबंदी के लिए आगे आईं हैं, जबकि समरेर का आंकड़ा और भी नीचे गिरकर केवल 38 तक ही सीमित रह गया है। इसी तरह जिले के अन्य ब्लॉकों में भी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। पिछले वर्ष सभी 15 ब्लॉकों में कुल 982 महिलाओं की नसबंदी कराई गई थी, लेकिन इस बार अब तक केवल 747 महिलाएं ही इस प्रक्रिया से गुजर सकी हैं। यह गिरावट विभाग की रणनीति, जागरूकता कार्यक्रम और मैदानी अमले की सक्रियता पर सवाल खड़े करती है। (संवाद)
जिला महिला अस्पताल, जगत और सैदपुर का प्रदर्शन बेहतर
जिले में केवल जिला महिला अस्पताल ने ही इस बार पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ा है। पिछले वर्ष जहां महिला अस्पताल ने सिर्फ 36 नसबंदी कराईं थीं, वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 74 तक पहुंच गई है। इसी प्रकार दहगवां ब्लॉक ने भी पिछले वर्ष 53 नसबंदी की थीं, वहीं इस साल 64 कर बेहतर प्रदर्शन किया है। जगत में पिछले साल 23 नसंबदी की थी, इस बार अब तक 46 की जा चुकी हैं। इन तीन जगहों को छोड़कर बाकी सभी ब्लॉकों में गिरावट दर्ज की गई है।
ब्लॉकों का हाल
ब्लाॅक 2025 2024
उसावां 50 68
सहसवान 74 93
उझानी 52 69
सालारपुर 44 81
वजीरगंज 40 61
अंबियापुर 39 79
म्यांउ 39 38
बिसौली 29 36
इस्लामनगर 24 25
आसफपुर 11 36
सभी को निर्देशित किया गया है शासन से जो लक्ष्य मिला है। उसको पूरा कराया जाए, किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। जागरुकता कार्यक्रम भी बढ़ाए जाएंगे। - डाॅ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
जिले में अब तक दो पुरुषों की हो सकी नसबंदी
बदायूं। जिले में पुरुष नसबंदी की रफ्तार बेहद धीमी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक सिर्फ दो पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी है, जबकि यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। पिछले साल शासन की ओर से 20 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से केवल आठ पुरुषों की नसबंदी ही कराई जा सकी। इस साल 42 का लक्ष्य विभाग को मिला लेकिन दाे पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता की कमी और सामाजिक संकोच इसकी मुख्य वजह है। विभाग अब पुरुषों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। संवाद
