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Budaun News: चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर संकेतक नहीं, न कराए सुधारात्मक कार्य

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Wed, 17 Dec 2025 01:39 AM IST
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There are no signs at the identified black spots, and no corrective work has been carried out.
एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद - फोटो : katra news
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बदायूं। सुबह-शाम घना कोहरा पड़ रहा है, बावजूद इसके मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर कोहरे से संबंधित चेतावनी बोर्ड अब तक नहीं लगाए गए हैं। इस मार्ग के कई हिस्से पहले से ही ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित हैं, वहां भी अब तक सुधारात्मक कार्य नहीं कराए गए हैं। कोहरे में दृश्यता बेहद कम होने से ऐसे स्थानों पर दुर्घटनाओं की आशंका और बढ़ गई है। बता दें कि सबसे ज्यादा हादसे मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर ही होते हैं।
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वजीरंगज, रहेडिया, बिसौली, सिसिरका, ओरछी मोड़ पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। इन स्थानों पर ब्लैक स्पॉट के बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। न ही यहां कोई सुधारात्मक कार्य ही कराए गए हैं। कोहरे के दौरान यहां बोर्ड न होने से हादसों की आशंका और भी बढ़ गई है। तेज रफ्तार वाहन और चेतावनी संकेतकों की कमी से राहगीर और वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
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बिसौली से लेकर अन्य ब्लैक स्पॉट की स्थिति भी काफी चिंताजनक है। हाईवे पर दोनों ओर उगी झाड़ियों से खतरा बना रहता है। झाड़ियों में मील के पत्थर तक पूरी तरह ढक चुके हैं। इससे चालकों को दूरी का सही अंदाजा नहीं लग पाता। कोहरे में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।

सबसे अधिक हादसों का डर इस समय वजीरगंज के बनकोटा मार्ग पर है। यहां गंगा एक्सप्रेस-वे के पास चार दिन पहले ही बड़ा हादसा होने से बचा था। कार सवार लोग गन्ने लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकराने से बच गए थे। ट्रॉली असंतुलित होकर हाईवे पर पलट गई थी। वहीं सोमवार की रात रोडवेज की बस भी हादसे का शिकार होने से बच गई। इसमें चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
बिसौली के भटपुरा गांव के पास बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिसमें बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव भानुपर निवासी लालू व मनोज की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कोहरे को देखते हुए जल्द चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। झाड़ियों की कटाई कराई जाए और पुलिस गश्त बढ़ाई जाए, ताकि संभावित हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। टीएसआई आरएल राजपूत ने बताया कि मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर कोहरे में कुछ दिखाई नहीं देता है, जिससे हादसे हो रहे हैं। जल्द ही लोगों की मांग पर कार्रवाई शुरू कराई जाएगी।

----कोहरे में ये संकेतक जरूरी---

- कम दृश्यता के संकेतक

- धीमी गति से चलें का बोर्ड

- स्पीड लिमिट संकेतक

- तेज मोड़ आगे है

- ब्लैक स्पॉट क्षेत्र चेतावनी बोर्ड

- नो ओवरटेकिंग

- जोन का संकेत

- घुमावदार स्थानों पर हॉर्न बजाएं का बोर्ड

- रिफ्लेक्टिव कैट आई और डिवाइडर मार्किंग

- हेडलाइट व फॉग लाइट जलाकर चलें का संकेतक यह जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की होती है।


पीडब्ल्यूडी को कराने थे सुधारात्मक कार्य
चेतावनी बोर्ड, संकेतक और अन्य सड़क सुरक्षा व्यवस्थाएं उपलब्ध कराना पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी है। बावजूद इसके यहां न तो ब्रेकर हैं और न ही संकेतक। इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। संकेतकों के अभाव में कोहरे सहित कई स्थानों पर सड़क किनारे झाड़ियां उग आई हैं। यहां पर तीव्र मोड़ होने से दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है।
इसके अलावा ओवरहाइट गन्ना लदी ट्रॉलियां भी मार्ग से गुजरती हैं, जिनकी चपेट में आकर दोपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार होते रहते हैं। शाम ढलते ही कोहरे की चादर छा जाने से हालात और भयावह हो जाते हैं। लोक निर्माण विभाग की ओर से रानेट चौराहा, ओरछी चौराहा, भटपुरा चौराहा, मुड़िया चौराहा, मदनजुड़ी चौराहा, अटल चौराहा, सहावरखेड़ा चौराहा, सिलहरी मोड, जरीफनगर तिराहा, पटेल चौक, दातागंज तिराहा, बहेड़ी मोड़ आदि समेत अन्य ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक काम कराए जाने हैं। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग नरेश पाल सिंह ने बताया कि ब्लैक स्पॉट पर कुछ काम पूरे हो चुके हैं। बाकी का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसकी प्रक्रिया पूरी होते ही जल्द ही सड़क पर आवश्यक कार्य कराए जाएंगे, जिससे यात्रियों को राहत मिल सकेगी।


जिले में 31 ब्लैक स्पॉट
जनपद के कई मार्गों पर 31 ब्लैक स्पाॅट चिह्नित हैं। इसमें एमएफ हाईवे समेत 20 ब्लैक स्पॉट पीडब्ल्यूडी के हैं, जबकि एनएचआई के बिनावर से लेकर कछला तक 11 हैं। इसमें अधिकतर जगहों पर संकेत के लिए बोर्ड नहीं लगे हैं। जहां लगे हैैं वहां दूर से दिखाई नहीं देते हैं। जिले की इन सड़कों पर मौजूद ब्लैक स्पॉट पर संकेतकों का न होना सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रहा है। इसके अलावा वाहनों के तेज रफ्तार की जांच का भी इंतजाम नहीं है। कोहरे का समय चल रहा है इसके बाद भी सड़क किनारे की सफेद पट्टी का निशान ठीक नहीं करवाया गया। जिले में पिछले साल से अब तक 750 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 411 घायल हुए और 390 लोगों की जान चली गई।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ब्लैक स्पॉट पर जहां संकेतक नहीं लगे हैं उन पर जल्द ही संकेतक के साथ ही अन्य सुधारात्मक कार्य पूरे कराए जाए। जहां सबसे अधिक हादसे सामने आए हैं उन स्थानों पर रेडियम पट्टी लगाने के निर्देश दिए हैं। -अवनीश राय, जिलाधिकारी, बदायूं

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद- फोटो : katra news

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद- फोटो : katra news

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद

एमएफ हाईवे पर बनकोटा गांव के पास कोहरे में पलटी गन्ने से लदी ट्राली। संवाद- फोटो : katra news

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