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Budaun News: कपड़े के थैले बनाकर महिला बंदी बन रहीं आत्मनिर्भर
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Sat, 06 Dec 2025 11:37 PM IST
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राष्ट्रीय लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन करती सचिव।स्रोत- जेल प्रशासन
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बदायूं। जेल में महिला बंदियों को भी आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। जेल प्रशासन की ओर से 41 महिलाओं को जरी का प्रशिक्षण दिलाया गया है। साथ ही कपड़े के थैले बनाने का काम भी सिखाया गया है। यह महिलाएं सिलाई, कढ़ाई आदि सीखकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। इससे उन्हें अवसाद से मुक्ति भी मिल रही है।
जेल में निरुद्ध महिला बंदी अब आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ रहीं हैं। जेल में बंद 41 महिलाओं को जरी और कपड़े के थैले बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। वह थैले बना रही हैं। जिला जेल में 983 कैदी और बंदी हैं। इनमें करीब 41 महिला बंदी हैं। पुरुषों को कौशल विकास मिशन के तहत इलेक्ट्रीशियन, प्लंबरिंग जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि महिला बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उनको प्रशिक्षण दिलाया गया। अब वह कपड़े के थैले बना रही हैं। जेल से छूटने के बाद ये महिलाएं थैले बनाकर रोजगार शुरू कर सकती हैं।
लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में हुई सराहना
जेल में महिला बंदियों ने कपड़े के थैले बनाकर राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदर्शनी लगाई थी। इसमें बंदियों के थैलों की सराहना की गई। बंदियों का हौसला बढ़ाया गया।
महिलाएं कपड़े के थैले बना रहीं हैं। इससे पहले उन्होंने जरी का काम सीखा है। इस तरह यह महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही जेल में अवसाद मुक्त होकर रह रहीं हैं। इनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। - राजेंद्र सिंह, जेल अधीक्षक
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जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि महिला बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उनको प्रशिक्षण दिलाया गया। अब वह कपड़े के थैले बना रही हैं। जेल से छूटने के बाद ये महिलाएं थैले बनाकर रोजगार शुरू कर सकती हैं।
लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी में हुई सराहना
जेल में महिला बंदियों ने कपड़े के थैले बनाकर राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदर्शनी लगाई थी। इसमें बंदियों के थैलों की सराहना की गई। बंदियों का हौसला बढ़ाया गया।
महिलाएं कपड़े के थैले बना रहीं हैं। इससे पहले उन्होंने जरी का काम सीखा है। इस तरह यह महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही जेल में अवसाद मुक्त होकर रह रहीं हैं। इनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। - राजेंद्र सिंह, जेल अधीक्षक

राष्ट्रीय लोक अदालत में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन करती सचिव।स्रोत- जेल प्रशासन
