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UP: बकरी संग दरिंदगी करने वाले को जेल में आया हार्ट अटैक, बेजुबान से पहले किशोरी को बनाना चाह रहा था शिकार

संवाद न्यूज एजेंसी, बुलंदशहर Published by: विकास कुमार Updated Thu, 25 Dec 2025 04:41 PM IST
सार

मृतक गजेंद्र के मामले में कानूनी प्रक्रिया अंतिम चरण में थी। न्यायालय में इस केस की सुनवाई पूरी होने वाली थी और आगामी 6 जनवरी को अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुनाया जाना था।

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ADO Panchayat accused of misdeed with goat dies in jail
बकरी से कुकर्म के आरोपी एडीओ पंचायत की जेल में मौत - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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यूपी के बुलंदशहर जिला कारागार में किशोरी के साथ दुष्कर्म की कोशिश, बकरी के साथ कुकर्म और पशु क्रूरता के गंभीर आरोपों में बंद विचाराधीन बंदी एवं एडीओ पंचायत गजेंद्र (58) की गुरुवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। जेल प्रशासन का कहना है कि, वह लंबे समय से हृदय रोग से ग्रसित थे। आगामी 6 जनवरी को इस चर्चित मामले में अदालत में अंतिम सुनवाई होनी थी, जिसके बाद इस मामले में फैसला आना था। लेकिन, उससे पहले ही उनकी सांसें थम गईं। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

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दिल्ली और मेरठ से चल रहा थी इलाज
जेलर अशोक कुमार ने बताया कि मूल रूप से सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर निवासी गजेंद्र जिला कारागार में निरुद्ध थे। गुरुवार सुबह अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। कारागार के चिकित्सकों ने तत्काल उनका प्राथमिक उपचार किया, लेकिन हालत में सुधार न होते देख उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया कि मृतक गजेंद्र हृदय रोग से गंभीर रूप से पीड़ित थे। उनका इलाज दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल और मेरठ मेडिकल कॉलेज से चल रहा था। जेल प्रशासन द्वारा उन्हें समय-समय पर विशेषज्ञ परामर्श और उपचार के लिए इन चिकित्सालयों में ले जाया जाता था। जेल रिकॉर्ड के अनुसार, वह नियमित रूप से दवाइयों का सेवन कर रहे थे।

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क्या था पूरा मामला
यह मामला 13 अगस्त 2024 का है, जब अहमदगढ़ थाना पुलिस ने गजेंद्र को बकरी के साथ कुकर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2) बी, पॉक्सो एक्ट, एससी-एसटी एक्ट और पशु क्रूरता अधिनियम जैसी संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज था। इस घटना ने पूरे जिले में काफी सुर्खियां बटोरी थीं, विशेषकर एक सरकारी पद एडीओ पंचायत पर तैनात व्यक्ति की संलिप्तता ने विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े किए थे।

6 जनवरी को होनी थी अंतिम सुनवाई
मृतक गजेंद्र के मामले में कानूनी प्रक्रिया अंतिम चरण में थी। न्यायालय में इस केस की सुनवाई पूरी होने वाली थी और आगामी 6 जनवरी को अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुनाया जाना था। परिजनों और कानूनी जानकारों को फैसले का इंतजार था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

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