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हाईवे कांड: समाज के 'दंश' ने छुड़वा दिया था पीड़िता से ये शहर, सहानुभूति के बजाय मिली थी प्रताड़ना; छलका दर्द

विकास वत्स, अमर उजाला, बुलंदशहर Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 25 Dec 2025 02:16 PM IST
सार

बुलंदशहर हाईवे कांड में वारदात के बाद सहानुभूति के बजाय पीड़िता को प्रताड़ना मिली थी। समाज के 'दंश' ने पीड़िता से ये शहर छुड़वा दिया था। उपद्रवी युवकों ने दरिंदगी की शिकार बेटी की स्कूटी रोक ली थी।

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Bulandshahr Highway Case Social Stigma Forced Victims to Leave Ghaziabad City
Bulandshahr highway incident - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
बुलंदशहर हाईवे कांड की वो काली रात आज भी पीड़ितों के जेहन में खौफ बनकर जिंदा है। इस खौफ से ज्यादा दर्दनाक वो सामाजिक प्रताड़ना है, जिसने एक हंसते-खेलते परिवार को अपना घर और शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।


न्याय की लड़ाई लड़ रहीं मां-बेटी के लिए समाज की संकीर्ण सोच और अराजकतत्वों की बदसलूकी नासूर बन गई। पीड़िता ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि जिन लोगों ने वारदात के वक्त सहानुभूति दिखाई थी, पहचान उजागर होते ही वही लोग उन्हें गलत निगाह से देखने लगे।

 
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Bulandshahr Highway Case Social Stigma Forced Victims to Leave Ghaziabad City
हाईवे पर गांवदोस्तपुर के पास तैनात पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पीड़िता का रास्ता रोका गया तो परिवार को गाजियाबाद शहर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीड़िता के साथ हुई इस बर्बरता के कुछ साल बाद जब उसने सामान्य जीवन जीने की कोशिश की, तो समाज के कुछ अराजक तत्वों ने उसका रास्ता फिर रोक लिया।
 
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Bulandshahr Highway Case Social Stigma Forced Victims to Leave Ghaziabad City
हाईवे कांड के आरोपी सुनील और नरेश को जेल लेकर जाती पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पीड़िता ने बताया कि एक दिन जब वह स्कूटी लेकर घर से निकली, तो रास्ते में कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया। उन लड़कों को किसी तरह पीड़िता की पहचान का पता चल गया था।

 
Bulandshahr Highway Case Social Stigma Forced Victims to Leave Ghaziabad City
कोर्ट परिसर में हाईवे कांड की सुनाई गई सजा के दौरान मौजूद पुलिस बल - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हद तो तब हो गई जब उन युवकों ने सरेराह उसकी स्कूटी की चाबी निकाल ली और फब्तियां कसीं। इस घटना ने पीड़िता को अंदर तक झकझोर दिया। घर लौटकर जब उसने परिजनों को यह बात बताई तो सुरक्षा और सम्मान के डर से पूरा परिवार सिहर उठा और गाजियाबाद छोड़ने का फैसला कर लिया।

 
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हाईवे कांड के आरोपी धर्मवीर उर्फ राका को जेल लेकर जाती पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दहशत का वो दौर, पिता पर हुई थी फायरिंग 
वारदात के कुछ समय बाद ही पीड़ितों को चुप कराने और डराने के लिए अपराधियों के हौसले बुलंद थे। पीड़ित परिवार ने बताया कि वारदात के कुछ ही दिनों बाद पीड़िता के पिता पर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग कर दी थी। इस हमले के बाद इलाके में जमकर बवाल हुआ था और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे। उस समय प्रशासन ने सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए थे, जो वक्त के साथ धुंधले पड़ गए।
 
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