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हाईवे कांडः आठ गांवों के लोगों ने चंदा कर लड़ी थी निर्दोष रईस की लड़ाई, चार माह रहा था बंद; मां का छलका दर्द

अमर उजाला नेटवर्क, बुलंदशहर Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 24 Dec 2025 06:54 PM IST
सार

बुलंदशहर के हाईवे कांड में आठ गांवों के लोगों ने चंदा करके निर्दोष रईस की लड़ाई लड़ी थी। रईस करीब चार महीने जेल में बंद रहा था। सदमे में पिता की जान चली गई थी। सूतारी गांव के रईस को पुलिस ने इस मामले में आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था।

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Bulandshahr highway incident 8 villages people had raised money through donations to fight for innocent man
Bulandshahr highway incident - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
बुलंदशहर हाईवे कांड पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद मां-बेटी और उसके परिवार ने तो दंश झेला ही, एक ऐसे परिवार को भी दर्द से गुजरना पड़ा, जिसका इस घटना से लेना-देना नहीं था। पुलिस ने चोला थाना क्षेत्र के गांव सूतारी निवासी निर्दोष रईस को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था।


इससे परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आया तो क्षेत्र के आठ से अधिक गांवों के लोग उनके लिए फरिश्ता बनकर खड़े हो गए। उन्होंने चंदा करके परिवार की आर्थिक मदद के साथ न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। मंगलवार को रईस के परिवार और ग्रामीणों ने न्यायालय के निर्णय पर जहां खुशी जताई, वहीं अपने उस दर्द को भी बयां किया।
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Bulandshahr highway incident 8 villages people had raised money through donations to fight for innocent man
हाईवे पर गांवदोस्तपुर के पास तैनात पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रईस की मां जमीला ने आंखों में आंसू और रुंधे गले से दर्द बयां करते हुए बताया कि जिस रात हाईवे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और लूट की घटना हुई, उनका बेटा घर में था। वह लकड़ी काटकर आया था। थककर अपने बच्चों के साथ सो गया था।
 
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हाईवे कांड के आरोपी सुनील और नरेश को जेल लेकर जाती पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
घटना के दो दिन बाद पुलिस अचानक प्रधान को लेकर उनके घर पहुंची। उनसे कहा गया कि बेटे को 10 मिनट में छोड़ देंगे। प्रधान साथ था, इसलिए डर नहीं लगा। जब दो घंटे तक बेटा नहीं आया तो पूछने पर बताया कि पुलिस साथ ले गई है।
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कोर्ट परिसर में हाईवे कांड की सुनाई गई सजा के दौरान मौजूद पुलिस बल - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
अगले दिन थाने पहुंचने पर पता चला कि बेटे को सामूहिक दुष्कर्म की घटना में आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। इससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उस समय रईस का बड़ा बेटा एक वर्ष का था।
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हाईवे कांड के आरोपी धर्मवीर उर्फ राका को जेल लेकर जाती पुलिस - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उस वक्त को याद कर कांप जाती है रूह
रईस की पत्नी शाबरून ने बताया कि उस वक्त को याद करके रूह कांप जाती है। पति को जब आरोपी बनाया गया, तब पता चला कि पुलिस निर्दोष लोगों को कैसे फंसा देती है। उन्होंने कहा कि रईस के जेल जाने के बाद हम ऊपर वाले से बस एक ही दुआ करते थे कि सच्चाई की जीत होनी चाहिए। करीब चार महीने बाद पति जेल से घर आ गए। कहा कि पुलिस को अपना काम निष्पक्ष तरीके से करना चाहिए।
 
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