{"_id":"692604f180d1b861be0f4f5a","slug":"no-clue-was-found-about-the-shooters-and-the-money-for-the-contract-chandauli-news-c-189-1-svns1010-139799-2025-11-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chandauli News: शूटरों और सुपारी की रकम का नहीं चला सुराग,","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chandauli News: शूटरों और सुपारी की रकम का नहीं चला सुराग,
विज्ञापन
विज्ञापन
पीडीडीयू नगर। दवा कारोबारी रोहिताश पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने साजिश के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी कर भले ही बड़ा खुलासा किया हो, लेकिन इस वारदात की परत अभी भी पूरी तरह नहीं खुल सकी हैं। हत्या की साजिश कितनी गहरी थी, इसमें कौन–कौन शामिल थे, किसने सुपारी दी थी और वारदात को अंजाम देने के लिए कितने शूटर आए थे। इन सभी सवालों पर अभी भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस यह नहीं बता रही है।
पुलिस के अनुसार भूमि विवाद को लेकर हत्या की योजना बनाई गई, लेकिन जांच के दौरान कई ऐसे बिंदु सामने आए हैं जो संकेत देते हैं कि मामला इससे कहीं ज्यादा बड़ा और संगठित हो सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हत्या की सुपारी आखिर किसने दी थी और इसके लिए अपराधियों को कितनी रकम दी गई थी। अब तक इस पहलू को लेकर पुलिस कोई ठोस जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकी है। वारदात को अंजाम देने में एक से अधिक शूटर शामिल थे। लेकिन उनकी पहचान, वे कहां से आए और हत्या के बाद किस दिशा में फरार हुए। इन सभी पहलुओं पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद वारदात में शामिल असली शूटरों के बारे में पुलिस के हाथ कोई सीधा सुराग नहीं लग सका है। पुलिस पूछताछ में यह भी साफ नहीं हो सका है कि हत्या की साजिश कब और कहां रची गई थी तथा इसमें शामिल लोगों की वास्तविक संख्या क्या थी।
सुपारी की रकम, शूटरों की पहचान, साजिश में शामिल अन्य लोगों की भूमिका और हत्या की असल वजह क्या थी इन सभी बिंदुओं पर अभी भी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
Trending Videos
पुलिस के अनुसार भूमि विवाद को लेकर हत्या की योजना बनाई गई, लेकिन जांच के दौरान कई ऐसे बिंदु सामने आए हैं जो संकेत देते हैं कि मामला इससे कहीं ज्यादा बड़ा और संगठित हो सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हत्या की सुपारी आखिर किसने दी थी और इसके लिए अपराधियों को कितनी रकम दी गई थी। अब तक इस पहलू को लेकर पुलिस कोई ठोस जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकी है। वारदात को अंजाम देने में एक से अधिक शूटर शामिल थे। लेकिन उनकी पहचान, वे कहां से आए और हत्या के बाद किस दिशा में फरार हुए। इन सभी पहलुओं पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद वारदात में शामिल असली शूटरों के बारे में पुलिस के हाथ कोई सीधा सुराग नहीं लग सका है। पुलिस पूछताछ में यह भी साफ नहीं हो सका है कि हत्या की साजिश कब और कहां रची गई थी तथा इसमें शामिल लोगों की वास्तविक संख्या क्या थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
सुपारी की रकम, शूटरों की पहचान, साजिश में शामिल अन्य लोगों की भूमिका और हत्या की असल वजह क्या थी इन सभी बिंदुओं पर अभी भी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।