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Chitrakoot News: राइस मिल खुले और बाजार मिले तो बढ़ेगी धान की पैदावार
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:21 PM IST
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28 सीकेटीपी-6- परिचय- शहर के गल्ला मंडी परिसर की गोदाम में रखा धान। संवाद
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चित्रकूट। जिले में किसान धान की अच्छी पैदावार करते हैं मगर उन्हें फसल के वाजिब रेट नहीं मिलते हैं। अफसोस इस बात का है कि यहां एक भी राइस मिल नहीं है। ऐसे में मजबूरन किसानों को गल्ला मंडी में औने-पौने दाम पर धान बेचना पड़ता है। अगर स्थानीय स्तर पर राइस मिल एवं धान खरीद के लिए बेहतर बाजार की व्यवस्था हो तो उन्हें धान की खेती से ही किसान आत्मनिर्भर हो सकते हैं। मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा।
शंकर धान की पैदावार 3500 हेक्टेयर में होती है। जबकि 29,465 हेक्टेयर क्षेत्र में किसान अच्छे किस्म की धान की पैदावार करते हैं। इस समय बड़ी संख्या में किसान धान बेचने के लिए गल्लामंडी समेत धान क्रय केंद्रों में पहुंच रहे हैं, जहां आढ़तिया किसानों से मनमाने रेट में धान ले रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल सरकारी क्रय केंद्रों का भी है। यहां पर भी अगर धान में नमी होती है तो उनसे धान खरीदा नहीं जाता है। भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में उद्योग लगाने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है। बावजूद इसके आज तक जिले में एक भी धान मिल नहीं है। इससे किसान चावल के बजाए धान बेचने के लिए मजबूर हैं। धान केंद्रों में लगे धान मापी यंत्र से धान की गुणवत्ता देखी जाती है। इसके बाद धान खरीदा जाता है। इससे किसान परेशान रहते हैं। यदि जिले में धान मिल खुल जाए तो किसानों को फायदा होगा।
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सिंचाई के साधन बढ़ने से धान की फसल की पैदावार बढ़ी
चित्रकूट। प्रगतिशील किसान शिवकुमार व रेवती रमण ने बताया कि एक समय यहां का किसान खरीफ की फसल में ज्वार, बाजारा की खेती करता था। इधर पांच साल में सिंचाई के साधन बढ़े हैं। जिसमें ज्यादातर किसान नलकूप लगाए हैं। इसी के माध्यम से धान की खेती करते हैं। राजापुर क्षेत्र में सबसे अधिक धान की खेती होती है। बताया कि धान मिल लग जाए तो किसानों को इसका फायदा होगा। (संवाद)
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बडे़ मुश्किल से धान का उठान होता
चित्रकूट। जिले में धान खरीदने के लिए सरकारी धान केंद्र खुले हुए हैं। अभी तक 456.57 एमटी धान खरीद हुई। शहर के गल्लामंडी के गोदाम में धान रखा है। विपणन शाखा गल्लामंडी के केंद्र प्रभारी विनय मिश्रा ने बताया कि चित्रकूट जिले में एक भी धान मिल नहीं है। जबकि बांदा जिले के अतर्रा में धान मिल है। इससे यहां से बड़ी मुश्किल से धान का उठान होता है।
(संवाद)
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धान मिल लगाने पर मिलेगा लोन
चित्रकूट। जिला उद्योग अधिकारी एसके केसरवानी ने बताया कि जिले में एक भी बड़ी धान मिल नहीं है। यदि कोई धान मिल लगाना चाहता है तो विभाग की तरफ से लगभग 32 लाख का लोन मिल जाएगा। बशर्ते, दसवीं पास होना चाहिए। आयु 18 से 40 की होनी चाहिए। (संवाद)
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सिंचाई के साधन बढ़ने से धान की फसल की पैदावार बढ़ी
चित्रकूट। प्रगतिशील किसान शिवकुमार व रेवती रमण ने बताया कि एक समय यहां का किसान खरीफ की फसल में ज्वार, बाजारा की खेती करता था। इधर पांच साल में सिंचाई के साधन बढ़े हैं। जिसमें ज्यादातर किसान नलकूप लगाए हैं। इसी के माध्यम से धान की खेती करते हैं। राजापुर क्षेत्र में सबसे अधिक धान की खेती होती है। बताया कि धान मिल लग जाए तो किसानों को इसका फायदा होगा। (संवाद)
बडे़ मुश्किल से धान का उठान होता
चित्रकूट। जिले में धान खरीदने के लिए सरकारी धान केंद्र खुले हुए हैं। अभी तक 456.57 एमटी धान खरीद हुई। शहर के गल्लामंडी के गोदाम में धान रखा है। विपणन शाखा गल्लामंडी के केंद्र प्रभारी विनय मिश्रा ने बताया कि चित्रकूट जिले में एक भी धान मिल नहीं है। जबकि बांदा जिले के अतर्रा में धान मिल है। इससे यहां से बड़ी मुश्किल से धान का उठान होता है।
(संवाद)
धान मिल लगाने पर मिलेगा लोन
चित्रकूट। जिला उद्योग अधिकारी एसके केसरवानी ने बताया कि जिले में एक भी बड़ी धान मिल नहीं है। यदि कोई धान मिल लगाना चाहता है तो विभाग की तरफ से लगभग 32 लाख का लोन मिल जाएगा। बशर्ते, दसवीं पास होना चाहिए। आयु 18 से 40 की होनी चाहिए। (संवाद)
