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Deoria News: धूमधाम से मना अन्नकूट महोत्सव, महिलाओं ने की गोवर्धन पूजा
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Updated Fri, 24 Oct 2025 01:49 AM IST
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गोवर्धन पूजा करतीं युवतियां। संवाद
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बरहज। क्षेत्र में बृहस्पतिवार को अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पर्व पर महिलाओं और युवतियों ने विधि-विधान से गोवर्धन की पूजा करते हुए प्राकृतिक संपदाओं का अर्पण किया। चारों ओर उल्लास का माहौल रहा।
गोवर्धन पूजा के अवसर पर नगर के विभिन्न वार्डों सहित थाना मार्ग स्थित सरयू नदी तट के अलावा भलुअनी, मगहरा, करुअना, गड़ेर, सोनाड़ी, करुअना, पैना, कपरवार, बरांव, देवपार आदि क्षेत्रों में विधि-विधान से पूजा-अर्चन किया गया। अन्नकूट महोत्सव पर युवतियों और महिलाओं ने गाय के गोबर से गोवर्धन बाबा की आकृति तैयार किया था। जिस पर कांस कूट के अलावा विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संपदाएं अर्पित की गईं।
इस अवसर पर मंगलगीत गाते हुए महिलाओं और युवतियों ने पूजन-अर्चन किया। मान्यता है कि दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा गोवर्धन पर्वत के रूप में किया जाता है। यह महोत्सव प्रकृति, पशु और पर्यावरण के प्रति समर्पण का भाव होता है।
इसके पूजा-अर्चन से अहंकार का त्याग, विनम्रता और श्रद्धा का भाव पैदा करता है। हालांकि इस वर्ष गोवर्धन पूजा में कुछ जगहों पर पूर्व की अपेक्षा आधुनिक परिवेश में भी मनाया गया। त्योहार के दिन घरों में विविध पकवान बनाये गये थे। ं
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गोवर्धन पूजा के अवसर पर नगर के विभिन्न वार्डों सहित थाना मार्ग स्थित सरयू नदी तट के अलावा भलुअनी, मगहरा, करुअना, गड़ेर, सोनाड़ी, करुअना, पैना, कपरवार, बरांव, देवपार आदि क्षेत्रों में विधि-विधान से पूजा-अर्चन किया गया। अन्नकूट महोत्सव पर युवतियों और महिलाओं ने गाय के गोबर से गोवर्धन बाबा की आकृति तैयार किया था। जिस पर कांस कूट के अलावा विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संपदाएं अर्पित की गईं।
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इस अवसर पर मंगलगीत गाते हुए महिलाओं और युवतियों ने पूजन-अर्चन किया। मान्यता है कि दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा गोवर्धन पर्वत के रूप में किया जाता है। यह महोत्सव प्रकृति, पशु और पर्यावरण के प्रति समर्पण का भाव होता है।
इसके पूजा-अर्चन से अहंकार का त्याग, विनम्रता और श्रद्धा का भाव पैदा करता है। हालांकि इस वर्ष गोवर्धन पूजा में कुछ जगहों पर पूर्व की अपेक्षा आधुनिक परिवेश में भी मनाया गया। त्योहार के दिन घरों में विविध पकवान बनाये गये थे। ं
