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UP: 'मैं ट्रक पर चढ़ा और चंद सेकंड में ही गिर गई मौत की दीवार..', भट्ठे पर घायल हुए मजदूर ने सुनाई भयावह कहानी
अमर उजाला नेटवर्क, बागपत
Published by: शाहरुख खान
Updated Fri, 24 Oct 2025 12:37 PM IST
सार
बागपत के रटौल के गौना में महादेव ब्रिक फील्ड (ईंट भट्ठा) पर ईंटों की दीवार गिरने पर मुनीम दिनेश यादव (50) निवासी गौना और राजेंद्र (62) निवासी निस्तौली जिला गाजियाबाद की मौत हो गई। तीन मजदूर घायल हो गए।
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Brick kiln wall collaps
- फोटो : अमर उजाला
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गौना गांव के महादेव ब्रिक फील्ड भट्ठे पर हादसे की जांच करने पहुंचे एएसपी प्रवीण कुमार चौहान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बताया कि तभी भट्ठे के दूसरी तरफ खड़े मुनीम दिनेश यादव वहां आ गए और बातचीत करने लगे। मैं ट्रक के ऊपर चढ़कर फट्टे लगाने लगा। चंद सेकेंड बाद ही दीवार भरभराकर गिर गई। दर्शन ने बताया कि उसके ट्रक के ऊपर भी कुछ ईंटे गिरीं, जिनके लगने से वह मामूली रूप से घायल हो गया। वह नीचे खड़ा होता तो वह भी मलबे में दब जाता।
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गौना गांव के महादेव ब्रिक फील्ड भट्ठे पर राजेंद्र की मौत के बाद विलाप करते परिजन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जान बचाने को दौड़े मजदूर
ईंट भट्ठे की दीवार गिरते ही आसपास खड़े मजदूरों ने शोर मचा दिया और भट्ठे पर रहने वाले दूसरे मजदूरों को भी बुला लिया। इसके बाद मजदूरों ने मलबे में दबे मजदूरों और मुनीम को बाहर निकाला। इसके बाद ईंट भट्ठे पर शोक का माहौल छा गया।
ईंट भट्ठे की दीवार गिरते ही आसपास खड़े मजदूरों ने शोर मचा दिया और भट्ठे पर रहने वाले दूसरे मजदूरों को भी बुला लिया। इसके बाद मजदूरों ने मलबे में दबे मजदूरों और मुनीम को बाहर निकाला। इसके बाद ईंट भट्ठे पर शोक का माहौल छा गया।
राजेंद्र की फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
परिवार वाले रोकते रहे मगर राजेंद्र गाड़ी पर चले गए
गाजियाबाद के निस्तौली गांव निवासी संजीव ने बताया कि उसके पिता राजेंद्र कई साल से ट्रक में ईंट भरने का काम करते थे। बृहस्पतिवार सुबह उसके पिता मजदूरी पर जाने लगे तो परिवार के सदस्यों ने बहन सुनीता और अनीता के भैया दूज मनाने के लिए घर आने की बात कहकर रोकने का प्रस भी किया। उस समय उसके पिता राजेंद्र तीन-चार घंटे में मजदूरी कर वापस आने की बात कहकर चले गए। इसके बाद भट्ठे की दीवार के नीचे दबने से उनकी मौत होने की सूचना मिली। राजेंद्र के परिवार में दो बेटियां और तीन बेटे हैं।
गाजियाबाद के निस्तौली गांव निवासी संजीव ने बताया कि उसके पिता राजेंद्र कई साल से ट्रक में ईंट भरने का काम करते थे। बृहस्पतिवार सुबह उसके पिता मजदूरी पर जाने लगे तो परिवार के सदस्यों ने बहन सुनीता और अनीता के भैया दूज मनाने के लिए घर आने की बात कहकर रोकने का प्रस भी किया। उस समय उसके पिता राजेंद्र तीन-चार घंटे में मजदूरी कर वापस आने की बात कहकर चले गए। इसके बाद भट्ठे की दीवार के नीचे दबने से उनकी मौत होने की सूचना मिली। राजेंद्र के परिवार में दो बेटियां और तीन बेटे हैं।
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दिनेश यादव की फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बहन को रास्ते में मिली भाई की मौत की सूचना
गौना गांव निवासी मुनीम दिनेश यादव पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे थे, जो पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। बहन शनेस देवी बालैनी में रहती हैं, जो बृहस्पतिवार को भैयादूज पर्व मनाने के लिए गौना गांव आ रही थीं।
गौना गांव निवासी मुनीम दिनेश यादव पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे थे, जो पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। बहन शनेस देवी बालैनी में रहती हैं, जो बृहस्पतिवार को भैयादूज पर्व मनाने के लिए गौना गांव आ रही थीं।
