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Deoria News: कड़ाके की ठंड के बीच बिगड़ी शहर की हवा, एक्यूआई पहुंची 300 के पार
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Updated Fri, 26 Dec 2025 12:51 AM IST
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शाम ढलते धुंध सिरा सड़क। संवाद
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देवरिया। बिगड़े मौसम के साथ शहर की हवा भी बिगड़ गई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हालात यह है कि सुबह-शाम टहलना भी सुरक्षित नहीं रह गया है। विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से मना कर रहे हैं। जरूरी होने पर पूरे कपड़े पहनकर मास्क के साथ निकलने की सलाह दे रहे हैं।
आसमान में कोहरा बढ़ने के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी खराब हो गया है। बृहस्पतिवार की सुबह एक्यूआई 185 रहा। दिन भर वाहनों की आवाजाही और आग जलाकर ठंड दूर करने के कारण शाम तक हवा और खराब हो गई। शाम सात बजे एक्यूआई बढ़कर 322 हो गया। इसके चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कई दिनों से छाए लगातार कोहरा व धुंध के चलते पहले से अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए परेशानी और बढ़ गई है। ऐसे मरीजों की संख्या मेडिकल कॉलेज में बढ़ गई है।
ओपीडी में आ रहे सांस की दिक्कत के 50 प्रतिशत मरीज
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के टीबी व श्वास रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना करीब 200 मरीज इलाज कराने आते हैं। इसमें से आधे मरीज सांस से संबंधित हैं। खराब हुई हवा के कारण सांस के मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। टीबी व श्वास रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराग शुक्ल ने बताया कि मौसम में बदलाव का असर मरीजों पर पड़ा है। अगर मरीजों ने जरा सी लापरवाही बरती है तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
खतरे का संकेत है 100 से अधिक एक्यूआई
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के टीबी व श्वास रोग विभाग के विभागाध्यक्ष असिस्टेट प्रोफेसर डॉ. अनुराग शुक्ला ने बताया कि 100 से अधिक एक्यूआई को खतरे का संकेत माना जाता है। हवा में प्रदूषण होने पर सबसे अधिक परेशानी सांस रोग के मरीजों को होती है। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे मरीजों को घर से निकलने पर मॉस्क पहनना चाहिए। इसके अलावा सुबह टहलने की बजाए उन्हें घर पर ही व्यायाम करना चाहिए। डॉक्टर ने बताया कि धुंध, धूल और हवा में नमी से अस्थमा और एलर्जी के रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें विशेष रूप से खुद का ध्यान रखने की जरूरत है। घर से निकलने से पहले शरीर को गर्म कपड़े से पूरी तरह ढंक लें। मास्क जरूर पहनें। इनहेलर लेते रहें। जिन्होंंने इनहेलर लेना बंद कर दिया है, वह शुरू कर दें।
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ओपीडी में आ रहे सांस की दिक्कत के 50 प्रतिशत मरीज
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के टीबी व श्वास रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना करीब 200 मरीज इलाज कराने आते हैं। इसमें से आधे मरीज सांस से संबंधित हैं। खराब हुई हवा के कारण सांस के मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। टीबी व श्वास रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराग शुक्ल ने बताया कि मौसम में बदलाव का असर मरीजों पर पड़ा है। अगर मरीजों ने जरा सी लापरवाही बरती है तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
खतरे का संकेत है 100 से अधिक एक्यूआई
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के टीबी व श्वास रोग विभाग के विभागाध्यक्ष असिस्टेट प्रोफेसर डॉ. अनुराग शुक्ला ने बताया कि 100 से अधिक एक्यूआई को खतरे का संकेत माना जाता है। हवा में प्रदूषण होने पर सबसे अधिक परेशानी सांस रोग के मरीजों को होती है। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे मरीजों को घर से निकलने पर मॉस्क पहनना चाहिए। इसके अलावा सुबह टहलने की बजाए उन्हें घर पर ही व्यायाम करना चाहिए। डॉक्टर ने बताया कि धुंध, धूल और हवा में नमी से अस्थमा और एलर्जी के रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें विशेष रूप से खुद का ध्यान रखने की जरूरत है। घर से निकलने से पहले शरीर को गर्म कपड़े से पूरी तरह ढंक लें। मास्क जरूर पहनें। इनहेलर लेते रहें। जिन्होंंने इनहेलर लेना बंद कर दिया है, वह शुरू कर दें।
