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Deoria News: बंदरों के आतंक से दहशत में नरियांव के ग्रामीण
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Updated Mon, 29 Dec 2025 12:02 AM IST
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मईल। भागलपुर ब्लॉक के नरियांव गांव में काले बंदरों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। स्थिति यह है कि लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं, जबकि वन विभाग को सूचना देने के बावजूद रविवार शाम तक कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों के अनुसार, गांव में सैकड़ों की संख्या में बंदर हैं। ट्रॉली-ट्रैक्टर, बाइक या किसी अन्य वाहन से आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर दे रहे हैं। कई बार बंदर लोगों को काफी दूर तक दौड़ाकर काट लेते हैं। शनिवार को गांव के महेश कुशवाहा उर्फ मंटू और सत्येंद्र गोंड उर्फ रामचेला पर बंदरों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। दोनों घायलों का उपचार पीएचसी भागलपुर में कराया गया।
बंदरों के आतंक के चलते ग्रामीण अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। बाइक सवार भी बंदरों के डर से गांव में वाहन बंद कर पैदल प्रवेश कर रहे हैं। ग्रामीणों को अपने घरों की लगातार निगरानी करनी पड़ रही है, ताकि बंदर अंदर न घुस जाएं।
ग्राम प्रधान पूनम देवी, इष्टदेव मिश्र, पंकज, मुन्ना बिहारी, ओमकार, लालबाबू, बबलू, भोला तिवारी, राजू, बृजेश, बालेंद सहित अन्य ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सूचना देने के बाद भी विभागीय अधिकारियों का न पहुंचना चिंताजनक है। संवाद
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ग्रामीणों के अनुसार, गांव में सैकड़ों की संख्या में बंदर हैं। ट्रॉली-ट्रैक्टर, बाइक या किसी अन्य वाहन से आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर दे रहे हैं। कई बार बंदर लोगों को काफी दूर तक दौड़ाकर काट लेते हैं। शनिवार को गांव के महेश कुशवाहा उर्फ मंटू और सत्येंद्र गोंड उर्फ रामचेला पर बंदरों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। दोनों घायलों का उपचार पीएचसी भागलपुर में कराया गया।
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बंदरों के आतंक के चलते ग्रामीण अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। बाइक सवार भी बंदरों के डर से गांव में वाहन बंद कर पैदल प्रवेश कर रहे हैं। ग्रामीणों को अपने घरों की लगातार निगरानी करनी पड़ रही है, ताकि बंदर अंदर न घुस जाएं।
ग्राम प्रधान पूनम देवी, इष्टदेव मिश्र, पंकज, मुन्ना बिहारी, ओमकार, लालबाबू, बबलू, भोला तिवारी, राजू, बृजेश, बालेंद सहित अन्य ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सूचना देने के बाद भी विभागीय अधिकारियों का न पहुंचना चिंताजनक है। संवाद
