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सड़कों पर उतरे शिक्षक-कर्मचारी
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इटावा। जिले भर के शिक्षक कर्मचारी निजीकरण तथा नई पेंशन का विरोध करने के लिए शुक्रवार को सड़कों पर उतरे। सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने पैदल मार्च करते हुए ज्ञापन सौंपा।
अटेवा की अगुवाई में हुए इस आंदोलन में कई कर्मचारी संगठनों ने भागीदारी की। सभी ने निजी करण का जोरदार विरोध किया। ऑल टीचर एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा पुरानी पेंशन बचाओ मंच इटावा और अन्य शिक्षक कर्मचारी संगठनों के तत्वावधान में आंदोलन किया गया।
नेताओं ने कहा कि एक अप्रैल 2005 से शिक्षक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन को समाप्त कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई, जो शिक्षक कर्मचारियों के हित में नहीं है।
कर्मचारियों के साथ-साथ प्रदेश में केंद्र सरकार का पैसा प्राइवेट कंपनियों के पास जमा हो रहा है। जिसका कोई भविष्य न कोई गारंटी दे रहा है। कर्मचारी शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकारी परिसंपत्तियां देश की धरोहर है।
सरकारी संस्थान रोजगार सृजन के माध्यम है। हमारे देश के गौरव हैं। इन संस्थानों का निजीकरण करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इन को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय उचित नहीं है।
यह व्यवस्था समाप्त करके पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। डायट से शुरू पैदल मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी शामिल हुए जो कचहरी तक पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। पद यात्रा में जनपद के कई संगठन शामिल हुए।
पैदल मार्च में ये रहे शामिल
उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, सिचाई संघ, नर्सेज संघ, िचकित्सा कर्मचारी संघ, रिम्स संघ,राज्य कर्मचारी चिकित्सा संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, कलक्ट्रेट संघ, पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ।
लेखपाल संघ, प्रधानाचार्य परिषद संघ, जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक एसोसिएशन, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन।
अंतरजनपदीय वेलफेयर एसोसिएशन, टीचर्स क्लब, बिजली विभाग संघ, ग्राम पंचायत संघ। इसके साथ अजय यादव, राजेश जादौन, लवकुश जाटवानी, शिवपाल सिंह कुशवाह, उर्वशी, गौरव पाठक।
संजय द्विवेदी, मंगेश यादव, अहसान अहमद, जितेंद्र त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी, देश दीपक तिवारी, सर्वजीत सिंह भदौरिया, देवेश राना, प्रदीप सक्सेना, शशिभूषण यादव, रविन्द्र गुप्ता, संजीव यादव, अर्चना चौधरी शामिल रहे।
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अटेवा की अगुवाई में हुए इस आंदोलन में कई कर्मचारी संगठनों ने भागीदारी की। सभी ने निजी करण का जोरदार विरोध किया। ऑल टीचर एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा पुरानी पेंशन बचाओ मंच इटावा और अन्य शिक्षक कर्मचारी संगठनों के तत्वावधान में आंदोलन किया गया।
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नेताओं ने कहा कि एक अप्रैल 2005 से शिक्षक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन को समाप्त कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई, जो शिक्षक कर्मचारियों के हित में नहीं है।
कर्मचारियों के साथ-साथ प्रदेश में केंद्र सरकार का पैसा प्राइवेट कंपनियों के पास जमा हो रहा है। जिसका कोई भविष्य न कोई गारंटी दे रहा है। कर्मचारी शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकारी परिसंपत्तियां देश की धरोहर है।
सरकारी संस्थान रोजगार सृजन के माध्यम है। हमारे देश के गौरव हैं। इन संस्थानों का निजीकरण करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इन को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय उचित नहीं है।
यह व्यवस्था समाप्त करके पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। डायट से शुरू पैदल मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी शामिल हुए जो कचहरी तक पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। पद यात्रा में जनपद के कई संगठन शामिल हुए।
पैदल मार्च में ये रहे शामिल
उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, सिचाई संघ, नर्सेज संघ, िचकित्सा कर्मचारी संघ, रिम्स संघ,राज्य कर्मचारी चिकित्सा संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, कलक्ट्रेट संघ, पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ।
लेखपाल संघ, प्रधानाचार्य परिषद संघ, जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक एसोसिएशन, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन।
अंतरजनपदीय वेलफेयर एसोसिएशन, टीचर्स क्लब, बिजली विभाग संघ, ग्राम पंचायत संघ। इसके साथ अजय यादव, राजेश जादौन, लवकुश जाटवानी, शिवपाल सिंह कुशवाह, उर्वशी, गौरव पाठक।
संजय द्विवेदी, मंगेश यादव, अहसान अहमद, जितेंद्र त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी, देश दीपक तिवारी, सर्वजीत सिंह भदौरिया, देवेश राना, प्रदीप सक्सेना, शशिभूषण यादव, रविन्द्र गुप्ता, संजीव यादव, अर्चना चौधरी शामिल रहे।