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Farrukhabad News: जिले के मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति में पोर्टल का रोड़ा
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फर्रुखाबाद। जिले में मेडिकल काॅलेज की स्वीकृति में भारत सरकार के पोर्टल का रोड़ा फंसा है। वर्षों पुराने मेडिकल कालेज का नाम पोर्टल से न हटने के चलते नया आवेदन नहीं हो पा रहा है। जनप्रतिनिधियों की मांग पर जिलाधिकारी ने इस संबंध में शासन को पत्र भेजकर पोर्टल से पुराना नाम हटवाकर जिले में मेडिकल कालेज की स्वीकृति देने का प्रस्ताव दिया है।
जिले के प्रभारी व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के सामने सांसद व विधायक कई बार जनपद में मेडिकल कालेज बनवाने की मांग उठा चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक शासन से मेडिकल कालेज की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि जनपद में कई वर्ष पहले मेजर एसडी सिंह मेडिकल काॅलेज (एलोपैथी) संचालित था। कई वर्ष पूर्व उसकी मान्यता समाप्त होने के बावजूद अभी तक उसका नाम केंद्र सरकार के पोर्टल पर दर्ज है। सरकार की मंशा है कि एक जिला एक मेडिकल कालेज होना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों की मांग और प्रभारी मंत्री की सहमति पर जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने शासन व स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजा था। इसमें कहा कि कई वर्ष पूर्व बंद होने हो चुका जिले का मेडिकल काॅलेज अभी तक पोर्टल पर पर दर्ज है। इससे जिले में मेडिकल काॅलेज मानदंड पूरे न हो पाने से स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने पुराने मेडिकल कालेज का नाम पोर्टल से हटाने का अनुरोध किया है। इसके बाद भी अभी तक पोर्टल से मेडिकल काॅलेज का नाम नहीं हट सका।
तीन दिन पूर्व शासन से नामित प्रबुद्धजनों से जिले के विकास के लिए हुए संवाद के दौरान सांसद व विधायकों ने जनपद में मेडिकल काॅलेज की स्थापना का मुद्दा फिर से उठाया था। लोहिया अस्पताल का उच्चीकरण कर मेडिकल कालेज बनाने का सुझाव दिया। फिलहाल अभी तक पोर्टल का रोड़ा बरकरार है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि पोर्टल पर निजी मेडिकल काॅलेज का नाम दर्ज होने से नया आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। जनप्रतिनिधि भी मेडिकल काॅलेज बनवाने की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी की ओर से पत्र भेजकर पोर्टल से निजी मेडिकल काॅलेज का नाम हटाकर नए मेडिकल काॅलेज की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। पोर्टल से नाम हटने के बाद ही स्वीकृति की कार्रवाई आगे बढ़ सकेगी।

जिले के प्रभारी व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के सामने सांसद व विधायक कई बार जनपद में मेडिकल कालेज बनवाने की मांग उठा चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक शासन से मेडिकल कालेज की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि जनपद में कई वर्ष पहले मेजर एसडी सिंह मेडिकल काॅलेज (एलोपैथी) संचालित था। कई वर्ष पूर्व उसकी मान्यता समाप्त होने के बावजूद अभी तक उसका नाम केंद्र सरकार के पोर्टल पर दर्ज है। सरकार की मंशा है कि एक जिला एक मेडिकल कालेज होना चाहिए।
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जनप्रतिनिधियों की मांग और प्रभारी मंत्री की सहमति पर जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने शासन व स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजा था। इसमें कहा कि कई वर्ष पूर्व बंद होने हो चुका जिले का मेडिकल काॅलेज अभी तक पोर्टल पर पर दर्ज है। इससे जिले में मेडिकल काॅलेज मानदंड पूरे न हो पाने से स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने पुराने मेडिकल कालेज का नाम पोर्टल से हटाने का अनुरोध किया है। इसके बाद भी अभी तक पोर्टल से मेडिकल काॅलेज का नाम नहीं हट सका।
तीन दिन पूर्व शासन से नामित प्रबुद्धजनों से जिले के विकास के लिए हुए संवाद के दौरान सांसद व विधायकों ने जनपद में मेडिकल काॅलेज की स्थापना का मुद्दा फिर से उठाया था। लोहिया अस्पताल का उच्चीकरण कर मेडिकल कालेज बनाने का सुझाव दिया। फिलहाल अभी तक पोर्टल का रोड़ा बरकरार है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि पोर्टल पर निजी मेडिकल काॅलेज का नाम दर्ज होने से नया आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। जनप्रतिनिधि भी मेडिकल काॅलेज बनवाने की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी की ओर से पत्र भेजकर पोर्टल से निजी मेडिकल काॅलेज का नाम हटाकर नए मेडिकल काॅलेज की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। पोर्टल से नाम हटने के बाद ही स्वीकृति की कार्रवाई आगे बढ़ सकेगी।