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Fatehpur News: तीन साल से अधर में लटके 29 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए मिले 4.78 करोड़
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फतेहपुर। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए वर्ष 2022 में 29 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। पहले चरण में कुल स्वीकृत धनराशि का 50 प्रतिशत यानी 4.41 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था को दे दिया गया लेकिन बजट में देरी के कारण प्रोजेक्ट ठहर गया।
जुलाई 2025 में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए 4.78 करोड़ रुपये का अवशेष बजट जारी किया गया जो पंचायत विभाग को ट्रांसफर हो गया। अब जब यह राशि कार्यदायी संस्था को मिलेगी तो अधूरे केंद्रों का निर्माण फिर शुरू होगा।
निर्माण में देरी के कारण करीब पांच लाख लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहे। कार्यदायी संस्था राज्य निर्माण सहकारी संघ ने बताया कि 29 उपकेंद्रों में करीब 60 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। अमौली केंद्र का काम पूर्ण हो गया है। शेष केंद्रों का निर्माण पंचायत विभाग से भुगतान मिलने के बाद पूरा कर दिया जाएगा।
वर्ष 2022-23 में प्रति उपकेंद्र की लागत 30.42 लाख रुपये तय की गई थी। कुल लागत का 50 प्रतिशत यानी 15.21 लाख रुपये प्रति उपकेंद्र के हिसाब से 4 करोड़ 41 लाख 9 हजार रुपये भुगतान किया गया। जब तक यह राशि उपलब्ध रही तब तक काम चलता रहा लेकिन बाद में निर्माण बीच में रुक गया। इससे स्थानीय मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा।
कार्यदायी संस्था के एई चंद्रभूषण मिश्र ने बताया कि 29 उपकेंद्रों का करीब 60 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। अमौली केंद्र का निर्माण पूर्ण हो चुका है। शेष धनराशि पंचायत विभाग के पास है। यहां से भुगतान होते ही बाकी केंद्रों का कार्य पूरा करा दिया जाएगा।
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जुलाई 2025 में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए 4.78 करोड़ रुपये का अवशेष बजट जारी किया गया जो पंचायत विभाग को ट्रांसफर हो गया। अब जब यह राशि कार्यदायी संस्था को मिलेगी तो अधूरे केंद्रों का निर्माण फिर शुरू होगा।
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निर्माण में देरी के कारण करीब पांच लाख लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहे। कार्यदायी संस्था राज्य निर्माण सहकारी संघ ने बताया कि 29 उपकेंद्रों में करीब 60 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। अमौली केंद्र का काम पूर्ण हो गया है। शेष केंद्रों का निर्माण पंचायत विभाग से भुगतान मिलने के बाद पूरा कर दिया जाएगा।
वर्ष 2022-23 में प्रति उपकेंद्र की लागत 30.42 लाख रुपये तय की गई थी। कुल लागत का 50 प्रतिशत यानी 15.21 लाख रुपये प्रति उपकेंद्र के हिसाब से 4 करोड़ 41 लाख 9 हजार रुपये भुगतान किया गया। जब तक यह राशि उपलब्ध रही तब तक काम चलता रहा लेकिन बाद में निर्माण बीच में रुक गया। इससे स्थानीय मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा।
कार्यदायी संस्था के एई चंद्रभूषण मिश्र ने बताया कि 29 उपकेंद्रों का करीब 60 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। अमौली केंद्र का निर्माण पूर्ण हो चुका है। शेष धनराशि पंचायत विभाग के पास है। यहां से भुगतान होते ही बाकी केंद्रों का कार्य पूरा करा दिया जाएगा।
