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Fatehpur News: सरकंडी बवाल में आरोपियों के असलहों की जांच तेज, लाइसेंस निरस्त की तैयारी
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फतेहपुर। सरकंडी गांव में घोटाले की जांच के दौरान 17 दिसंबर को हुए बवाल के मामले में पुलिस ने आरोपियों की तलाश और उनके असलहों की जांच तेज कर दी है। बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई लोग असलहे लहराते नजर आए थे। इसके आधार पर पुलिस असलहाधारियों को चिह्नित कर रही है। शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग की जांच के बाद संबंधित लाइसेंसों के निरस्त करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
पुलिस ने एक पक्ष से आदर्श उर्फ रोमिल तिवारी, रोशन सिंह, कोटेदार सुनील तिवारी, मनोज शर्मा, विनोद तिवारी उर्फ कल्लू, अशोक निगम उर्फ गुड्डू, अरुण निगम, नीरज तिवारी, इंद्रेश तिवारी, शुभम सिंह और हरतालिका दुबे को नामजद किया है।
दूसरे पक्ष से प्रधान के पति संतोष द्विवेदी सहित राजू, अभय जोशी, चंदन उर्फ रामेंद्र ठाकुर, महेंद्र मौर्या, वीरकरन शर्मा, पप्पू, साहिल, नक्की, प्रकाश निषाद, बबलू उर्फ अरुण, प्रियम, आदित्य, कुलदीप, राजेश मिश्रा, चेतन त्रिपाठी, मयंक समेत 15 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अब तक कुल 43 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। तीन नए नाम और सामने आए हैं। प्रकरण में छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। लापरवाही के आरोप में तत्कालीन थानाध्यक्ष अभिलाष तिवारी को निलंबित किया गया है। साथ ही आरोपियों पर हत्या के प्रयास और तोड़फोड़ की धाराएं बढ़ाई गई हैं।
जांच में सामने आया है कि प्रधान के पति और उनके करीबियों के पास करीब 20 शस्त्र लाइसेंस हैं। इनका बवाल में दुरुपयोग किया गया। पहले इन लाइसेंसों की निगरानी नहीं होती थी लेकिन घटना के बाद पुलिस ने इस पर सख्ती शुरू कर दी है। जेल भेजे गए अरुण उर्फ बबलू के नाम भी एक शस्त्र लाइसेंस है और उसके खिलाफ पूर्व में बलवे का मामला दर्ज है।
थानाध्यक्ष धीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्राथमिकी के अनुसार सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इसके साथ असलहों की जांच के बाद शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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पुलिस ने एक पक्ष से आदर्श उर्फ रोमिल तिवारी, रोशन सिंह, कोटेदार सुनील तिवारी, मनोज शर्मा, विनोद तिवारी उर्फ कल्लू, अशोक निगम उर्फ गुड्डू, अरुण निगम, नीरज तिवारी, इंद्रेश तिवारी, शुभम सिंह और हरतालिका दुबे को नामजद किया है।
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दूसरे पक्ष से प्रधान के पति संतोष द्विवेदी सहित राजू, अभय जोशी, चंदन उर्फ रामेंद्र ठाकुर, महेंद्र मौर्या, वीरकरन शर्मा, पप्पू, साहिल, नक्की, प्रकाश निषाद, बबलू उर्फ अरुण, प्रियम, आदित्य, कुलदीप, राजेश मिश्रा, चेतन त्रिपाठी, मयंक समेत 15 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अब तक कुल 43 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। तीन नए नाम और सामने आए हैं। प्रकरण में छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। लापरवाही के आरोप में तत्कालीन थानाध्यक्ष अभिलाष तिवारी को निलंबित किया गया है। साथ ही आरोपियों पर हत्या के प्रयास और तोड़फोड़ की धाराएं बढ़ाई गई हैं।
जांच में सामने आया है कि प्रधान के पति और उनके करीबियों के पास करीब 20 शस्त्र लाइसेंस हैं। इनका बवाल में दुरुपयोग किया गया। पहले इन लाइसेंसों की निगरानी नहीं होती थी लेकिन घटना के बाद पुलिस ने इस पर सख्ती शुरू कर दी है। जेल भेजे गए अरुण उर्फ बबलू के नाम भी एक शस्त्र लाइसेंस है और उसके खिलाफ पूर्व में बलवे का मामला दर्ज है।
थानाध्यक्ष धीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्राथमिकी के अनुसार सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इसके साथ असलहों की जांच के बाद शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
