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UP News: फतेहपुर में बोलीं राज्यपाल आनंदीबेन- एसआईआर का विरोध न करें, घुसपैठियों को बाहर निकाला जा रहा
अमर उजाला नेटवर्क, फतेहरपुर
Published by: राहुल तिवारी
Updated Mon, 22 Dec 2025 05:07 PM IST
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सार
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एसआईआर का कार्य लगातार चल रहा है और यह स्पष्ट हो चुका है कि देश में अवैध रूप से घुसे लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो घुसपैठिए हैं, उन्हें बाहर निकालने का काम सरकारें कर रही हैं, इसलिए एसआईआर का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
फतेहपुर कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को फतेहपुर पहुंचीं, जहां उन्होंने सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट वितरित की गईं, महिलाओं को पोषण किट दिए गए और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया गया।
आंगनबाड़ी व्यवस्था पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं, लेकिन लंबे समय तक इन पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े कॉलेज, विश्वविद्यालय और अधिकारियों के भवन तो सुविधाओं से युक्त हैं, लेकिन जहां छोटे बच्चे पढ़ते और आते हैं, वहां आवश्यक सुविधाओं का अभाव रहा। इसी कमी को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने की पहल की गई।
राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2019 में पदभार संभालने के बाद आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। बजट की सीमाओं को देखते हुए जनसहयोग के माध्यम से कार्य शुरू किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 50 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 से 25 हजार रुपये मूल्य के करीब 22 प्रकार के आवश्यक संसाधन पहुंचाए जा चुके हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में बेटियों को एचपीवी वैक्सीन दिए जाने के अभियान का भी उल्लेख किया। राज्यपाल ने जिला अधिकारी से आग्रह किया कि जनसहयोग के माध्यम से सरस्वती विद्या मंदिर और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्ययनरत सभी पात्र छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर यह टीका लगाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि पुलिस कॉलोनियों का सर्वे कराकर वहां रहने वाली 9 से 15 वर्ष आयु की बच्चियों की सूची तैयार की जाए और उनका टीकाकरण कराया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मी चौबीस घंटे जनता की सुरक्षा में लगे रहते हैं, इसलिए उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी समाज और सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य बेटियों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाना और उन्हें स्वस्थ भविष्य देना है।
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आंगनबाड़ी व्यवस्था पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं, लेकिन लंबे समय तक इन पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े कॉलेज, विश्वविद्यालय और अधिकारियों के भवन तो सुविधाओं से युक्त हैं, लेकिन जहां छोटे बच्चे पढ़ते और आते हैं, वहां आवश्यक सुविधाओं का अभाव रहा। इसी कमी को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने की पहल की गई।
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राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2019 में पदभार संभालने के बाद आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। बजट की सीमाओं को देखते हुए जनसहयोग के माध्यम से कार्य शुरू किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 50 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 से 25 हजार रुपये मूल्य के करीब 22 प्रकार के आवश्यक संसाधन पहुंचाए जा चुके हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में बेटियों को एचपीवी वैक्सीन दिए जाने के अभियान का भी उल्लेख किया। राज्यपाल ने जिला अधिकारी से आग्रह किया कि जनसहयोग के माध्यम से सरस्वती विद्या मंदिर और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्ययनरत सभी पात्र छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर यह टीका लगाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि पुलिस कॉलोनियों का सर्वे कराकर वहां रहने वाली 9 से 15 वर्ष आयु की बच्चियों की सूची तैयार की जाए और उनका टीकाकरण कराया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मी चौबीस घंटे जनता की सुरक्षा में लगे रहते हैं, इसलिए उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी समाज और सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य बेटियों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाना और उन्हें स्वस्थ भविष्य देना है।
