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Fatehpur News: मनरेगा समेत अन्य मदों के घोटाले में प्रधान और जेई गिरफ्तार
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फोटो-44-सरकंडी घोटाले में आरोपी प्रधान पुष्पा देवी। स्रोत पुलिस
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फतेहपुर। असोथर ब्लॉक की सरकंडी ग्राम सभा में मनरेगा समेत अन्य मदों से हुए घोटाले की जांच में पुष्टि के बाद रविवार को पुलिस ने दो गिरफ्तारियां की हैं। कोर्ट में पेश करने के बाद महिला प्रधान पुष्पा देवी और अवर अभियंता (जेई) नरेंद्र गुप्ता को गबन और कूटरचना समेत अन्य आरोपों में जेल भेजा गया है।
वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दौरान 17 दिसंबर को प्रधान के पति संतोष द्विवेदी और शिकायतकर्ता पक्ष कोटेदार सुनील तिवारी के बीच बवाल हुआ था। बवाल को रोकने में नाकाम थानाध्यक्ष अभिलाष तिवारी को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में कुल छह आरोपी जेल भेजे गए हैं। जबकि संतोष द्विवेदी समेत कई पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। अब तक इस प्रकरण में 46 उपद्रवी शामिल किए जा चुके हैं।
बवाल के बाद घोटाले की जांच तेज कर दी गई। विवेचक सीओ वीर सिंह को विवेचना के दौरान घोटाले में प्रधान पुष्पा देवी की संलिप्तता मिली। इसके बाद असोथर और राधानगर पुलिस ने रविवार भोर में जेई संतोष द्विवेदी के आवास पर दबिश दी और घर से पुष्पा देवी को गिरफ्तार किया। जेई नरेंद्र गुप्ता को तांबेश्वर चौराहा से गिरफ्तार किया गया। जेई मूल रूप से प्रयागराज जिला सोरांव थाना लखनीपुर के निवासी है।
प्रधान की गिरफ्तारी के बाद जिले में सियासी हलचल बढ़ गई। कई कद्दावर दिन भर सिफारिशों में लगे रहे लेकिन कुछ नहीं हो सका। कोर्ट में बड़े अधिवक्ताओं ने प्रधान की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए जमानत की मांग की।
चर्चा है कि जल्द ही पुलिस के दबाव में प्रधान के पति संतोष द्विवेदी आत्मसमर्पण कर सकते हैं। थानाध्यक्ष धीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया है।
ऐसे पकड़ा गया घोटाला...
असोथर ब्लॉक के सरकंडी गांव में वित्तीय अनियमितताओं की शासन और जिला स्तर पर जांच चल रही हैं। दोनों ही जांच में मनरेगा समेत अन्य मदों में 50 से 60 लाख के बीच घोटाले की पुष्टि हो चुकी है। अभी भी जांच अधूरी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी के खाते में 1.20 लाख रुपये आते हैं। निर्माण के लिए मनरेगा मजदूरी के लिए 20 हजार रुपये मिलते हैं। जांच में 20 आवास लाभार्थी ऐसे मिले हैं जिनकी आवास की मजदूरी उनके अतिरिक्त अन्य दूसरे के खाते में भेजी गई थी। मनरेगा सॉफ्टवेयर के आधार पर एक लाख 36 हजार 762 रुपये की अनियमितता मिली है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ग्राम पंचायत सरकंडी में कुल 709 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में स्वीकृत थे। प्रारंभिक जांच में घोटाले की यह धनराशि 55 लाख 46 हजार 326 रुपये पाई गई है।
ब्लॉक के कई अधिकारी नामजद, कई लिए हैं स्टे
घोटाले में 10 अधिकारियों व कर्मचारियों पर बीडीओ की ओर से भ्रष्टाचार की दो सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्रकरण में तत्कालीन सेक्टर अधिकारी नरेंद्र गुप्ता, अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, वर्तमान सेक्टर अधिकारी अजय प्रताप सिंह, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी धर्मकीर्ति, वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्रनाथ, लेखाकार (प्रथम हस्ताक्षरकर्ता) सूर्य प्रकाश, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) नितिन श्रीवास्तव, पंचायक सहायक पूनम देवी, मनरेगा कंप्यूटर आपरेटर रामप्रकाश सिंह, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश सिंह, एनआरएलएम कंप्यूटर ऑपरेटर शिवम के नामजद हैं। इनमें कुछ के हाईकोर्ट इलाहाबाद से गिरफ्तारी के विरुद्ध स्टे होना बताया जा रहा है।
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वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दौरान 17 दिसंबर को प्रधान के पति संतोष द्विवेदी और शिकायतकर्ता पक्ष कोटेदार सुनील तिवारी के बीच बवाल हुआ था। बवाल को रोकने में नाकाम थानाध्यक्ष अभिलाष तिवारी को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में कुल छह आरोपी जेल भेजे गए हैं। जबकि संतोष द्विवेदी समेत कई पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। अब तक इस प्रकरण में 46 उपद्रवी शामिल किए जा चुके हैं।
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बवाल के बाद घोटाले की जांच तेज कर दी गई। विवेचक सीओ वीर सिंह को विवेचना के दौरान घोटाले में प्रधान पुष्पा देवी की संलिप्तता मिली। इसके बाद असोथर और राधानगर पुलिस ने रविवार भोर में जेई संतोष द्विवेदी के आवास पर दबिश दी और घर से पुष्पा देवी को गिरफ्तार किया। जेई नरेंद्र गुप्ता को तांबेश्वर चौराहा से गिरफ्तार किया गया। जेई मूल रूप से प्रयागराज जिला सोरांव थाना लखनीपुर के निवासी है।
प्रधान की गिरफ्तारी के बाद जिले में सियासी हलचल बढ़ गई। कई कद्दावर दिन भर सिफारिशों में लगे रहे लेकिन कुछ नहीं हो सका। कोर्ट में बड़े अधिवक्ताओं ने प्रधान की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए जमानत की मांग की।
चर्चा है कि जल्द ही पुलिस के दबाव में प्रधान के पति संतोष द्विवेदी आत्मसमर्पण कर सकते हैं। थानाध्यक्ष धीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया है।
ऐसे पकड़ा गया घोटाला...
असोथर ब्लॉक के सरकंडी गांव में वित्तीय अनियमितताओं की शासन और जिला स्तर पर जांच चल रही हैं। दोनों ही जांच में मनरेगा समेत अन्य मदों में 50 से 60 लाख के बीच घोटाले की पुष्टि हो चुकी है। अभी भी जांच अधूरी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी के खाते में 1.20 लाख रुपये आते हैं। निर्माण के लिए मनरेगा मजदूरी के लिए 20 हजार रुपये मिलते हैं। जांच में 20 आवास लाभार्थी ऐसे मिले हैं जिनकी आवास की मजदूरी उनके अतिरिक्त अन्य दूसरे के खाते में भेजी गई थी। मनरेगा सॉफ्टवेयर के आधार पर एक लाख 36 हजार 762 रुपये की अनियमितता मिली है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ग्राम पंचायत सरकंडी में कुल 709 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में स्वीकृत थे। प्रारंभिक जांच में घोटाले की यह धनराशि 55 लाख 46 हजार 326 रुपये पाई गई है।
ब्लॉक के कई अधिकारी नामजद, कई लिए हैं स्टे
घोटाले में 10 अधिकारियों व कर्मचारियों पर बीडीओ की ओर से भ्रष्टाचार की दो सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्रकरण में तत्कालीन सेक्टर अधिकारी नरेंद्र गुप्ता, अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, वर्तमान सेक्टर अधिकारी अजय प्रताप सिंह, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी धर्मकीर्ति, वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्रनाथ, लेखाकार (प्रथम हस्ताक्षरकर्ता) सूर्य प्रकाश, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) नितिन श्रीवास्तव, पंचायक सहायक पूनम देवी, मनरेगा कंप्यूटर आपरेटर रामप्रकाश सिंह, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश सिंह, एनआरएलएम कंप्यूटर ऑपरेटर शिवम के नामजद हैं। इनमें कुछ के हाईकोर्ट इलाहाबाद से गिरफ्तारी के विरुद्ध स्टे होना बताया जा रहा है।

फोटो-44-सरकंडी घोटाले में आरोपी प्रधान पुष्पा देवी। स्रोत पुलिस

फोटो-44-सरकंडी घोटाले में आरोपी प्रधान पुष्पा देवी। स्रोत पुलिस
