सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Firozabad News ›   The difference in GST rates is making the glass industry lag behind, making it difficult to compete with the ceramic business.

Firozabad News: जीएसटी दरों में अंतर से पिछड़ रहा कांच उद्योग, सिरेमिक कारोबार से मुकाबला मुश्किल

संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद Updated Wed, 19 Nov 2025 11:41 PM IST
विज्ञापन
The difference in GST rates is making the glass industry lag behind, making it difficult to compete with the ceramic business.
कांच आइटम। संवाद - फोटो : कांच आइटम। संवाद
विज्ञापन
फिरोजाबाद। जिले का 70 साल से अधिक पुराना और प्रतिष्ठित कांच उद्योग इस समय घरेलू मोर्चे पर अपने सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी, सिरेमिक कारोबार से पिछड़ रहा है। इसका मुख्य कारण सिरेमिक आइटम की तुलना में कांच के आइटम पर लगने वाली जीएसटी दर में 6 प्रतिशत का बड़ा अंतर है, जिसने घरेलू बाजारों में कांच के उत्पादों की मांग को बुरी तरह प्रभावित किया है।
Trending Videos


कांच कारोबारियों के अनुसार, सिरेमिक आइटम पर जहां 12 प्रतिशत जीएसटी लागू है, वहीं समान उत्पादन प्रणाली से तैयार होने वाले कांच के आइटम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती है। जीएसटी दरों में इस बड़े अंतर के कारण, लगभग 1500 करोड़ के वार्षिक कारोबार वाला फिरोजाबाद का कांच उद्योग घरेलू बाजारों में सिरेमिक इंडस्ट्रीज से मुकाबला नहीं कर पा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन




प्रमुख बाजारों में घटी डिमांड

जीएसटी दरों में सुधार नहीं होने के कारण, देश के प्रमुख बाजारों में कांच के उत्पादों जैसे ग्लास, डिनर सैट, बाउल और कप-प्लेट आदि की डिमांड घट गई है। कांच उद्यमी नितिन बंसल, पराग अग्रवाल और हिमांशु पाराशर का कहना है कि इस संबंध में कई बार केंद्र सरकार से जीएसटी स्लैब में सुधार की मांग की गई है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उद्यमियों ने नए बजट से पूर्व केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि सिरेमिक की भांति कांच आइटम पर भी अधिकतम 12 प्रतिशत जीएसटी तय की जाए, ताकि इस परंपरागत उद्योग को समुचित संरक्षण मिल सके और यह बाजार में टिक सके।



नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की दरकार

कांच उद्यमियों ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है। उनका कहना है कि कांच कारखानों में ईंधन के रूप में खपने वाली नेचुरल गैस को भी तत्काल जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। नेचुरल गैस के जीएसटी के दायरे में आने के बाद, कांच उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं के जरिए रिफंड मिलना आसान होगा, जिसका सीधा असर कांच आइटम की लागत पर पड़ेगा और वे बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।



इन शहरों में होती है कांच आइटम की सप्लाई

कांच आइटम की सप्लाई मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई, बंगलौर, नेपाल, कर्नाटक, इंदौर, हैदराबाद, लखनऊ, वाराणसी, सिलीगुड़ी और कोलकाता जैसे प्रमुख प्रांतों और शहरों में होती है, लेकिन जीएसटी दर के कारण अब इन बाजारों में कांच की बिक्री प्रभावित हो रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed