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अधिवक्ता दिवस आज : वकालत के साथ सामाजिक बदलाव की भी मजबूत पैरवी
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Tue, 02 Dec 2025 11:15 PM IST
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गोंडा। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती बुधवार को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाई जाएगी। विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके अधिवक्ताओं की सामाजिक, संवैधानिक और न्यायिक भूमिका पर चर्चा होगी। जिले के कई अधिवक्ता न केवल न्यायालयों में वकालत कर रहे हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की मुहिम भी चला रहे हैं। पेश है रिपोर्ट-
साहित्य प्रेमियों में भी लोकप्रिय हैं राजेश
मोकलपुर गांव निवासी अधिवक्ता राजेश ओझा वकालत के साथ ही साहित्य साधना में लगे हैं। उनके कहानी संग्रह कनेर के फूल ने दुनियाभर के हिंदी साहित्य प्रेमियों में लोकप्रियता हासिल की। इस कहानी संग्रह को मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय ने अपने स्नातक पाठ्यक्रम में भी शामिल किया है। एक समीक्षा संग्रह ''''अरथु अमित अति आखर थोरे'''' भी प्रकाशित हो चुका है। इसके अतिरिक्त कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके साहित्यिक योगदान पर एलबीएस पीजी कॉलेज के छात्र धर्मेंद्र कुलदीप द्वारा शोधकार्य भी किया जा रहा है। नजर बट्टू जैसे बड़े प्रसिद्ध सोशल मीडिया पेज ने राजेश की कहानी ''''भाभी'''' का फिल्मांकन भी किया है। होप पब्लिकेशन ने अपनी लघुकथाओं के अंग्रेजी अनुवाद संग्रह ''''दी सूप'''' में राजेश ओझा की लघुकथा ''''योग'''' का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। स्थानीय स्तर पर भी वह कई सम्मान हासिल कर चुके हैं।
बालिकाओं के उत्थान की अलख जगा रहीं रुचि
स्टेशन रोड निवासी अधिवक्ता रुचि मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। हम आपके साथ हैं फाउंडेशन के माध्यम से वह सात वर्षों से गरीब बालिकाओं की पढ़ाई के लिए काम कर रही हैं। अब तक लगभग 400 बेटियों की पूरे साल की फीस जमा कराकर उन्हें शिक्षा से जोड़ा है। वह पीड़ित महिलाओं के मुकदमों की निशुल्क पैरवी, पति-पत्नी के पारिवारिक विवादों में सुलह के प्रयास और गरीब महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सिलाई मशीन वितरण जैसे सामाजिक कार्य भी कर रही हैं।
पर्यावरण प्रहरी बने श्रीराम गुप्ता
सिविल लाइंस निवासी अधिवक्ता श्रीराम गुप्ता 26 वर्षों से हरियाली अभियान से जुड़े हैं। स्वतंत्रता दिवस पर वह प्रत्येक वर्ष सिविल कोर्ट एवं कलेक्ट्रेट परिसर में कम से कम पांच पौधे रोपित करते हैं। उनकी इस पहल को कई मंचों पर सराहना मिली है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वह ‘पर्यावरण प्रहरी’ के रूप में जाने जाते हैं।
अदालत तक किसानों की आवाज बुलंद करते गणेश
परसिया पंडित गांव निवासी अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्र उच्च न्यायालय में वकालत करते हैं। नव जागरण अभियान के माध्यम से वह गांवों में शिविर लगाकर लोगों को साइबर अपराध, सामाजिक कुरीतियों और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं। साथ ही किसानों की समस्याओं को लेकर उन्होंने जनहित याचिकाओं के माध्यम से न्यायालय में भी आवाज बुलंद की है।
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बालिकाओं के उत्थान की अलख जगा रहीं रुचि
स्टेशन रोड निवासी अधिवक्ता रुचि मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। हम आपके साथ हैं फाउंडेशन के माध्यम से वह सात वर्षों से गरीब बालिकाओं की पढ़ाई के लिए काम कर रही हैं। अब तक लगभग 400 बेटियों की पूरे साल की फीस जमा कराकर उन्हें शिक्षा से जोड़ा है। वह पीड़ित महिलाओं के मुकदमों की निशुल्क पैरवी, पति-पत्नी के पारिवारिक विवादों में सुलह के प्रयास और गरीब महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सिलाई मशीन वितरण जैसे सामाजिक कार्य भी कर रही हैं।
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सिविल लाइंस निवासी अधिवक्ता श्रीराम गुप्ता 26 वर्षों से हरियाली अभियान से जुड़े हैं। स्वतंत्रता दिवस पर वह प्रत्येक वर्ष सिविल कोर्ट एवं कलेक्ट्रेट परिसर में कम से कम पांच पौधे रोपित करते हैं। उनकी इस पहल को कई मंचों पर सराहना मिली है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वह ‘पर्यावरण प्रहरी’ के रूप में जाने जाते हैं।
अदालत तक किसानों की आवाज बुलंद करते गणेश
परसिया पंडित गांव निवासी अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्र उच्च न्यायालय में वकालत करते हैं। नव जागरण अभियान के माध्यम से वह गांवों में शिविर लगाकर लोगों को साइबर अपराध, सामाजिक कुरीतियों और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं। साथ ही किसानों की समस्याओं को लेकर उन्होंने जनहित याचिकाओं के माध्यम से न्यायालय में भी आवाज बुलंद की है।