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Hamirpur News: खाद न मिलने पर किसानों ने हमीरपुर-कालपी हाईवे किया जाम
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Tue, 04 Nov 2025 11:41 PM IST
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फोटो 04 एचएएमपी 32- कुरारा कस्बा के हमीरपुर कालपी हाईवे पर बैठे किसान व जाम में फंसे वाहन। संवा
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हमीरपुर/कुरारा। कुसमरा समिति में 500 बोरी आई खाद के लिए 10 से अधिक गांवों के किसान खाद के लिए मंगलवार को सुबह से ही समिति में पहुंच गए। शाम तक खाद न मिलने पर किसानों ने हमीरपुर कालपी हाईवे पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंचे प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने किसी तरह सभी किसानों को एक-एक बोरी खाद का आश्वासन देने पर एक घंटे बाद जाम खुल सका।
किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हैं। वहीं, सहकारिता विभाग दो लाख बोरी लक्ष्य के सापेक्ष अब तक मात्र करीब 80,000 बोरी खाद समितियों को उपलब्ध करा पाया है। इससे समितियों में खाद आने की सूचना लगते ही किसानों का हुजूम उमड़ पड़ता है।
बता दें कि जिले में करीब सवा दो लाख किसान पंजीकृत हैं। वहीं, समितियों में अकेले 1.42 लाख किसान सदस्य हैं। जनपद की 45 सहकारी समितियों में कुल खपत का एक तिहाई खाद की उपलब्धता होने का दावा किया जा रहा है। रबी सीजन के लिए सहकारिता विभाग को 2,00,640 बोरी (10,032 एमटी) का लक्ष्य मिला है। इसके सापेक्ष अब तक जिले को करीब 80,000 बोरी (4,000 एमटी) डीएपी उपलब्ध हो सकी है। इसके अलावा 36,500 बोरी एनपीके मिली है। बारिश के बाद खेतों में गेहूं की बुआई के लिए किसान खाद के लिए परेशान है।
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छह के सापेक्ष एक समिति में आई खाद
कुरारा क्षेत्र में कुसमरा, पतारा, बेरी, कुरारा, शेखूपुर व मिश्रीपुर समिति संचालित हैं। इनमें से मात्र कुसमरा समिति में सोमवार को 500 बोरी डीएपी खाद आने की सूचना पर मंगलवार को सुबह सात बजे से ही जल्ला, जखेला, रिठारी, चकोठी, कुतुबपुर, खिरवा, झलोखर, शीतलपुर, डिमुहा, कुसमरा आदि गांवों के करीब 500 किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा।
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खाताधारक किसानों के अलावा खाद न देने पर भड़के किसान
समिति के सचिव द्वारा खाता धारक किसानों को खाद वितरण की बात कहने पर बिना खाताधारक किसान भड़क गए और एक-एक बोरी खाद देने की मांग करने लगे। मना करने पर आक्रोशित किसानों ने हमीरपुर कालपी हाईवे पर बस स्टैंड के पास जाम लगाकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना पर आई पुलिस किसानों को समझाने बुझाने लगे। वहीं, शाम को पहुंचे जिला सहायक निबंधक रमाकांत द्विवेदी ने किसानों को एक-एक बोरी खाद का अश्वासन देकर किसी तरह जाम खुलवाया। तब कहीं जाकर एक घंटे बाद यातायात बहाल हो सका।
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सुबह से बैठे, नहीं मिली एक बोरी खाद
शीतलपुर गांव निवासी महिला किसान शकुंतला देवी व कलावती ने बताया कि पांच दिनों से खाद लेने के लिए समितियों के चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को खाद वितरण की सूचना मिलने पर सुबह से बैठी हैं। एक बोरी खाद भी नहीं मिली अब खेतों की कैसे बुआई करें।
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समिति से न बांटकर कस्बा से बांटी जा रही खाद
कुसमरा गांव निवासी किसान संतराम व प्रदीप कुमार ने बताया कि समिति की खाद कस्बा स्थिति एक किराये के भवन से बांटी जा रही है। इससे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। सुबह से एक बोरी खाद भी नसीब नहीं हुई है।
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खाता धारक सदस्यों का खाद का वितरण कराया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों के आ जाने पर भीड़ एकत्र हो गई। कहा कि जल्द ही सभी समितियों में खाद का वितरण कराया जाएगा।
- रमाकांत द्विवेदी, एआर सहकारिता।
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समितियों से डीएपी गायब, महंगे दामों में बाजार से खरीद रहे किसान
भरुआसुमेरपुर। कस्बे में क्षेत्रीय सहकारी समिति, क्रय विक्रय केंद्र, पीसीएफ केंद्र व ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समिति इंगोहटा, छानी, पौथिया, हेलापुर, पचखुरा बुजुर्ग, मुंडेरा से किसानों को खाद बीज मुहैया होता है। मौजूदा समय में किसी भी समिति में डीएपी खाद नहीं है। किसान समितियों के चक्कर काटने के बाद बाजार से महंगे दामों में डीएपी खरीदकर फसलें बोने को मजबूर हो रहे हैं। किसान केशव प्रसाद, सुरेश कुमार, धीरेंद्र यादव, भूपेंद्र कुमार आदि ने बताया कि समितियों में डीएपी का संकट होने पर बाजार से 1600 से लेकर 1800 रुपये प्रति बोरी डीएपी खरीदना पड़ रहा है। समितियों के सचिवों ने बताया कि डिमांड लगी हुई है। एक-दो दिन के अंदर डीएपी उपलब्ध हो जाएगी।
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किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हैं। वहीं, सहकारिता विभाग दो लाख बोरी लक्ष्य के सापेक्ष अब तक मात्र करीब 80,000 बोरी खाद समितियों को उपलब्ध करा पाया है। इससे समितियों में खाद आने की सूचना लगते ही किसानों का हुजूम उमड़ पड़ता है।
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बता दें कि जिले में करीब सवा दो लाख किसान पंजीकृत हैं। वहीं, समितियों में अकेले 1.42 लाख किसान सदस्य हैं। जनपद की 45 सहकारी समितियों में कुल खपत का एक तिहाई खाद की उपलब्धता होने का दावा किया जा रहा है। रबी सीजन के लिए सहकारिता विभाग को 2,00,640 बोरी (10,032 एमटी) का लक्ष्य मिला है। इसके सापेक्ष अब तक जिले को करीब 80,000 बोरी (4,000 एमटी) डीएपी उपलब्ध हो सकी है। इसके अलावा 36,500 बोरी एनपीके मिली है। बारिश के बाद खेतों में गेहूं की बुआई के लिए किसान खाद के लिए परेशान है।
छह के सापेक्ष एक समिति में आई खाद
कुरारा क्षेत्र में कुसमरा, पतारा, बेरी, कुरारा, शेखूपुर व मिश्रीपुर समिति संचालित हैं। इनमें से मात्र कुसमरा समिति में सोमवार को 500 बोरी डीएपी खाद आने की सूचना पर मंगलवार को सुबह सात बजे से ही जल्ला, जखेला, रिठारी, चकोठी, कुतुबपुर, खिरवा, झलोखर, शीतलपुर, डिमुहा, कुसमरा आदि गांवों के करीब 500 किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा।
खाताधारक किसानों के अलावा खाद न देने पर भड़के किसान
समिति के सचिव द्वारा खाता धारक किसानों को खाद वितरण की बात कहने पर बिना खाताधारक किसान भड़क गए और एक-एक बोरी खाद देने की मांग करने लगे। मना करने पर आक्रोशित किसानों ने हमीरपुर कालपी हाईवे पर बस स्टैंड के पास जाम लगाकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना पर आई पुलिस किसानों को समझाने बुझाने लगे। वहीं, शाम को पहुंचे जिला सहायक निबंधक रमाकांत द्विवेदी ने किसानों को एक-एक बोरी खाद का अश्वासन देकर किसी तरह जाम खुलवाया। तब कहीं जाकर एक घंटे बाद यातायात बहाल हो सका।
सुबह से बैठे, नहीं मिली एक बोरी खाद
शीतलपुर गांव निवासी महिला किसान शकुंतला देवी व कलावती ने बताया कि पांच दिनों से खाद लेने के लिए समितियों के चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को खाद वितरण की सूचना मिलने पर सुबह से बैठी हैं। एक बोरी खाद भी नहीं मिली अब खेतों की कैसे बुआई करें।
समिति से न बांटकर कस्बा से बांटी जा रही खाद
कुसमरा गांव निवासी किसान संतराम व प्रदीप कुमार ने बताया कि समिति की खाद कस्बा स्थिति एक किराये के भवन से बांटी जा रही है। इससे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। सुबह से एक बोरी खाद भी नसीब नहीं हुई है।
खाता धारक सदस्यों का खाद का वितरण कराया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों के आ जाने पर भीड़ एकत्र हो गई। कहा कि जल्द ही सभी समितियों में खाद का वितरण कराया जाएगा।
- रमाकांत द्विवेदी, एआर सहकारिता।
समितियों से डीएपी गायब, महंगे दामों में बाजार से खरीद रहे किसान
भरुआसुमेरपुर। कस्बे में क्षेत्रीय सहकारी समिति, क्रय विक्रय केंद्र, पीसीएफ केंद्र व ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समिति इंगोहटा, छानी, पौथिया, हेलापुर, पचखुरा बुजुर्ग, मुंडेरा से किसानों को खाद बीज मुहैया होता है। मौजूदा समय में किसी भी समिति में डीएपी खाद नहीं है। किसान समितियों के चक्कर काटने के बाद बाजार से महंगे दामों में डीएपी खरीदकर फसलें बोने को मजबूर हो रहे हैं। किसान केशव प्रसाद, सुरेश कुमार, धीरेंद्र यादव, भूपेंद्र कुमार आदि ने बताया कि समितियों में डीएपी का संकट होने पर बाजार से 1600 से लेकर 1800 रुपये प्रति बोरी डीएपी खरीदना पड़ रहा है। समितियों के सचिवों ने बताया कि डिमांड लगी हुई है। एक-दो दिन के अंदर डीएपी उपलब्ध हो जाएगी।