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Hamirpur News: एलटी न स्टॉफ, शुरू कर दी गई इंटीग्रेटेड लैब घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रही रिपोर्ट
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Wed, 05 Nov 2025 12:01 AM IST
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हमीरपुर। जिला अस्पताल के ऊपरी मंजिल में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री (आईपीएचएल) शुरू तो कर दी गई, लेकिन स्टॉफ की कमी के चलते कर्मचारी परेशान हैं। मरीजों को जहां दो से चार घंटे जांच के लिए सैंपल देने को लाइन में लगना पड़ रहा है, वहीं रिपोर्ट के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। सोमवार से शुरू हुई लैब में रोजाना 300 से अधिक जांचे की जा रही हैं।
जिला अस्पताल में दो साल पहले शुरू हुई इंटीग्रेटेड लैब का कार्य पूरा हो चुका है। सोमवार से इसमें जांचें भी शुरू कर दी गई हैं। इस लैब को तैयार करने में करीब 80 लाख से अधिक की धनराशि खर्च हुई है, लेकिन लैब में स्टॉफ की कमी होने के कारण मरीजों को समय से जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही हैं।
लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट अनीस खान ने बताया कि स्टॉफ की काफी कमी है। 11 लैब टेक्नीशियन के सापेक्ष मात्र तीन एलटी से काम चलाया जा रहा है। इनके अलावा दो क्लीनिंग स्टॉफ, तीन वार्ड व्वाॅय, तीन गार्ड की जरूरत है। रोजाना 300 से अधिक जांच सैंपल लिए जाते हैं। स्टॉफ की कमी के कारण परेशानी हो रही है। इसकी मांग की गई है।
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117 जांचों की सुविधा
जिला अस्पताल के मैनेजर विवेक राजधर ने बताया कि इसमें मरीजों को एक ही छत के नीचे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रबटाइफस, एक्ट्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, टीबी के अलावा कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, आईडीएसपी, आरटीपीसीआर समेत अन्य सभी गैर संचारी रोगों, माइक्रो बायोलॉजी में वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी समेत करीब 117 तरह की जांचों की सुविधा दी जा रही है।
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तीन घंटे से खड़े हैं, अब नहीं जमा कर रहे परचा
सुमेरपुर से आए मरीज सुनील कुमार आंखों में आंसू भरे गुमसुम नजर आए। पूछने पर बताया कि साहब तीन घंटे से परचा जमा करने के लिए लाइन में खड़े हैं, लेकिन अब कह रहे हैं कि कल आना। जांच तो दूर की बात है। अब कहां जाएं, किससे कहें।
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छह घंटे बाद मिली जांच रिपोर्ट
शहर निवासी तीमारदार विश्वास द्विवेदी ने बताया कि जिला अस्पताल में बहन की जांच कराने आए थे। सुबह नौ बजे ब्लड सैंपल दिया था, लेकिन जांच छह घंटे बाद मिली है। चिकित्सक को कल दिखाकर दवा लेंगे।
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लैब शुरू करा दी गई है, लेकिन स्टॉफ की बेहद कमी है। इसके लिए सीएमओ को पत्राचार कर मांग की गई है। समस्या दूर कराकर मरीजों को बेहतर जांच की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
- डॉ. एसपी गुप्ता, सीएमएस, जिला अस्पताल।
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जिला अस्पताल में दो साल पहले शुरू हुई इंटीग्रेटेड लैब का कार्य पूरा हो चुका है। सोमवार से इसमें जांचें भी शुरू कर दी गई हैं। इस लैब को तैयार करने में करीब 80 लाख से अधिक की धनराशि खर्च हुई है, लेकिन लैब में स्टॉफ की कमी होने के कारण मरीजों को समय से जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही हैं।
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लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट अनीस खान ने बताया कि स्टॉफ की काफी कमी है। 11 लैब टेक्नीशियन के सापेक्ष मात्र तीन एलटी से काम चलाया जा रहा है। इनके अलावा दो क्लीनिंग स्टॉफ, तीन वार्ड व्वाॅय, तीन गार्ड की जरूरत है। रोजाना 300 से अधिक जांच सैंपल लिए जाते हैं। स्टॉफ की कमी के कारण परेशानी हो रही है। इसकी मांग की गई है।
117 जांचों की सुविधा
जिला अस्पताल के मैनेजर विवेक राजधर ने बताया कि इसमें मरीजों को एक ही छत के नीचे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रबटाइफस, एक्ट्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, टीबी के अलावा कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, आईडीएसपी, आरटीपीसीआर समेत अन्य सभी गैर संचारी रोगों, माइक्रो बायोलॉजी में वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी समेत करीब 117 तरह की जांचों की सुविधा दी जा रही है।
तीन घंटे से खड़े हैं, अब नहीं जमा कर रहे परचा
सुमेरपुर से आए मरीज सुनील कुमार आंखों में आंसू भरे गुमसुम नजर आए। पूछने पर बताया कि साहब तीन घंटे से परचा जमा करने के लिए लाइन में खड़े हैं, लेकिन अब कह रहे हैं कि कल आना। जांच तो दूर की बात है। अब कहां जाएं, किससे कहें।
छह घंटे बाद मिली जांच रिपोर्ट
शहर निवासी तीमारदार विश्वास द्विवेदी ने बताया कि जिला अस्पताल में बहन की जांच कराने आए थे। सुबह नौ बजे ब्लड सैंपल दिया था, लेकिन जांच छह घंटे बाद मिली है। चिकित्सक को कल दिखाकर दवा लेंगे।
लैब शुरू करा दी गई है, लेकिन स्टॉफ की बेहद कमी है। इसके लिए सीएमओ को पत्राचार कर मांग की गई है। समस्या दूर कराकर मरीजों को बेहतर जांच की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
- डॉ. एसपी गुप्ता, सीएमएस, जिला अस्पताल।