{"_id":"690a48cefd9a87e9130d1204","slug":"the-school-management-will-be-held-accountable-if-students-leave-the-school-hamirpur-news-c-223-1-sknp1030-132133-2025-11-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur News: छात्राें के स्कूल छोड़ने पर स्कूल प्रबंधन होगा जवाबदेह","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur News: छात्राें के स्कूल छोड़ने पर स्कूल प्रबंधन होगा जवाबदेह
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Wed, 05 Nov 2025 12:11 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
हमीरपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों के ड्रॉप आउट मामलों पर अब बेसिक शिक्षा विभाग सख्ती अपनाने जा रहा है। जिले में अब ऐसे छात्रों की अलग निगरानी सूची बनाई जाएगी। विभाग की नजर अब हर उस बच्चे पर रहेगी, जो बीच में पढ़ाई छोड़ेगा। इसमें अगर स्कूल की गलती की पुष्टि होती है तो उसकी मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
विभाग के अनुसार, आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। विभाग का निर्देश है कि यदि आरटीई से भर्ती किसी भी छात्र ने स्कूल छोड़ा तो पहले उसके परिजनों से संपर्क कर कारण जाना जाएगा। इसके बाद संबंधित स्कूल प्रबंधन से जवाब-तलब किया जाएगा। कई स्कूलों में लापरवाही, फीस का दबाव या अनदेखी के चलते बच्चे पढ़ाई से अलग हो जाते हैं। अब ऐसे मामलों में स्कूल की जवाबदेही तय की जाएगी। जांच में गलती पाए जाने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
बीएसए आलोक सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों की पढ़ाई बीच में न टूटे, इसके लिए अब प्रत्येक छात्र की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। अगर कोई बच्चा स्कूल छोड़ता है, तो उसका कारण सिस्टम पर दर्ज होगा और संबंधित स्कूल से जवाब मांगा जाएगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Trending Videos
विभाग के अनुसार, आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। विभाग का निर्देश है कि यदि आरटीई से भर्ती किसी भी छात्र ने स्कूल छोड़ा तो पहले उसके परिजनों से संपर्क कर कारण जाना जाएगा। इसके बाद संबंधित स्कूल प्रबंधन से जवाब-तलब किया जाएगा। कई स्कूलों में लापरवाही, फीस का दबाव या अनदेखी के चलते बच्चे पढ़ाई से अलग हो जाते हैं। अब ऐसे मामलों में स्कूल की जवाबदेही तय की जाएगी। जांच में गलती पाए जाने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
बीएसए आलोक सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों की पढ़ाई बीच में न टूटे, इसके लिए अब प्रत्येक छात्र की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। अगर कोई बच्चा स्कूल छोड़ता है, तो उसका कारण सिस्टम पर दर्ज होगा और संबंधित स्कूल से जवाब मांगा जाएगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।