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Hamirpur News: लोकेटर के पीछे छिपे घर के विभीषणों की भी तलाश

संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर Updated Thu, 20 Nov 2025 12:06 AM IST
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Search is also on for the house's demons hidden behind the locator.
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हमीरपुर। पुलिस को लोकेटर के पीछे छिपे विभीषणों की भी तलाश है। इसके लिए पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। इसके लिए एसओजी समेत चार टीमें गठित की गई है। सख्ती रही तो अभी और भी नाम आगे आएंगे। प्रशासन की इस कार्रवाई से ट्रांसपोर्टर भी परेशान हैं। वहीं लोगों का कहना है कि ओवरलोडिंग, मौरंग चोरी का खेल पुराना है, यह कार्रवाई तो और पहले होनी चाहिए थी। प्रशासन ने जो सख्ती दिखाई है उसके अलग अलग मायने निकाले जा रहे है।
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जिला प्रशासन ने 24 लोकेटर व 200 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। अब इन सभी को खोजने के लिए पुलिस प्रशासन जुट गया है। एसओजी समेत चार पुलिस टीमें गठित की गई है। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को पुलिस ने लोकेटर मातादीन को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लेने के लिए अर्जी डाली थी, इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। पुलिस लोकेटर से पूछताछ करेगी। उसका मोबाइल को खंगालेगी। मातादीन से पुलिस को बड़े सुराग लगने की उम्मीद है। प्रशासन की कार्रवाई में अभी 100 से 150 नाम और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। कई के मोबाइल नंबर बंद हो गए हैं। कई जिला छोड़कर दूसरे जिले में चले गए हैं।
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बीते मई माह में खनिज अधिकारी की गाड़ी की लोकेशन कर रहे एक वाहन को पकड़ा गया था। इससे लोकेशन में लगे 21 वाहनों के खिलाफ बिवांर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा एआरटीओ के वाहन पर भी हमला हो चुका है। इसके बाद भी जिला प्रशासन इन लोकेटर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। एसटीएफ की ओर से उन्नाव, लखनऊ, फतेहपुर जनपदों में की गई कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली और इन लोकेटरों के खिलाफ चाबुक चलाया गया। इससे प्रशासन को काफी मदद मिली और आदेश मिलते ही इन पर अभियान चलाकर पहली बार जनपद में इनके विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है।



इस कार्रवाई की शासन से अनुमति मिलने के बाद चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच की गई। इस कार्य में विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता अभी तक कहीं नजर नहीं आई है। आगे की कार्रवाई पुलिस को करनी है। उनके पास सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं। अवैध खनन व ओवरलोडिंग पर हर हाल में लगाम लगाई जाएगी।
घनश्याम मीना, डीएम


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तीन सालों में 5,824 वाहनों से वसूला 31.58 करोड़ का राजस्व

खनिज विभाग के अनुसार, वर्ष 2022-23 से अब तक 5,824 वाहनों का चालान कर 31.58 करोड़ रुपये राजस्व वसूला गया है। इसके अलावा 151 वाहनों पर सीज की कार्रवाई की गईं। वहीं, 130 वाहनों पर 54 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं।

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हर साल 262 किमी सड़कें हो जाती ध्वस्त

ओवरलोडिंग की मार से हर साल 234 किलोमीटर लंबी सड़कें ध्वस्त हो जाती हैं। इससे विभाग को 1.83 अरब से अधिक का नुकसान उठाना पड़ता है। लोनिवि विभाग के मुताबिक जिले भर में कुल 30 खनन मार्ग हैं। इनकी कुल लंबाई करीब 260 किलोमीटर है। एक किलोमीटर सड़क बनाने में 70-75 लाख रुपये की लागत आती है। ओवरलोड वाहनों के निकलने से यह सड़कें खराब हो जाती हैं।

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सभी ट्रकों पर लगेंगे जीपीएस सिस्टम

बुधवार को डीएम से कई ट्रांसपोर्टरों ने मुलाकात की है। डीएम ने सभी ट्रांसपोर्टरों को अपने वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगवाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि किसी भी हालत में ओवरलोडिंग पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। खनिज अधिकारी विकास परमार ने बताया कि सामान्य जीपीएस में एक आईपी एड्रेस होता है। इसे एक जगह से मॉनीटर किया जा सकता है। हम जो वाहनों पर जीपीएस लगवा रहे हैं, वह 4जी टाइप 140 वीटीएस है। इसे तीन जगह से मॉनीटर किया जाएगा। पहला जिला हेडक्वार्टर से, दूसरा खनन निदेशालय व तीसरा मोटर मालिक मॉनीटर कर सकेगा। इसकी इंट्रीग्रेशन या मैपिंग सेंटर का मोड खनन निदेशालय से जोड़ा जाएगा। इससे अवैध खनन व ओवरलोडिंग को रोका जा सकेगा।
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एसओजी टीम सहित चार टीमें गठित
सदर सीओ राजेश कमल ने बताया कि जिले भर में करीब 100 लोकेटर हैं। इसके अलावा जालौन, कानपुर, महोबा आदि जनपदों के लोग भी शामिल हैं। लोकेशन लेने वाली आठ गाड़ियों के नंबर पुलिस के पास है। ऐसे तीन से चार वाट्सएप ग्रुप हाथ लगे हैं। जिनकी गहनता से जांच की जा रही है। इस खेल में जो भी शामिल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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बुधवार दोपहर कुछेछा के पास चेकिंग कर करीब 150 वाहनों की जांच की गईं। इनमें बिना रॉयल्टी के एक डंपर को पकड़ा गया। सीज की कार्रवाई की गई है। सेल टैक्स टीम भी राठ रोड पर चेकिंग करती रही, लेकिन सभी वाहन सही पाए गए। - अमिताभ राय, एआरटीओ प्रर्वतन।


ये हैं खनन मार्ग

1-उजनेड़ी से सहुरापुर मार्ग दो किलोमीटर, पतारा से नैठी चार किलोमीटर, सुमेरपुर से टिकरी बुजुर्ग 29.30 किमी.,भमई से बक्छा छानी मार्ग 4.94 किमी, मौदहा-सिसोलर से भुलसी मार्ग 19 किमी, कदौरा-बेरी से कुरारा मनकी मार्ग 45.25 किमी., सुमेरपुर से पत्योरा 12.60 किमी., पारा-कैथी से किसवाही मार्ग 25.50 किमी.खस्ताहाल है। इसी प्रकार पतारा से हरेहटा मार्ग तीन किमी., बुढ़ई से बैजेमऊ 4.70 किमी., कुरारा बेरी से जल्ला कंडौर मार्ग 5.50 किमी., बैजेमऊ से गढ़ा मार्ग 8.70 किमी. का अधिकांश हिस्सा खराब है। इसी प्रकार ललपुरा से कुम्हऊपुर 2.50 किमी., सिसोलर बैजेमऊ से टोला मार्ग 1.83 किमी., स्वासा से मोराकांदर परसनी मार्ग पांच किमी., बीपी मार्ग से मगरौठ दो किमी., राठ कालपी से जिटकरी मार्ग 1.60 किमी., चंडौत मार्ग 300 मीटर भी सड़क खराब है।
वहीं, चंडौत से बसरिया मार्ग सात किमी., चिकासी से हरदुआ सात किमी., नई बस्ती से जिटकरी 2.80 किमी., देवराय डेरा मार्ग 3.40 किमी., मगरौठ से जिगनी 6.20 किमी., छानी-अछपुरा से बहदीना मार्ग 10.30 किमी., मगरौठ से चंदवारी 5.33 किमी., छानी से भुजपुर 7.20 किमी., जराखर से टोला खंगारन 4.33 किमी., राठ से चिकासी 28 किमी., जिटकरी से बौखर 2.10 किमी., बजेहटा से भुजपुर 1.50 किमी मार्ग शामिल है।
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