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Hapur News: मृतक आश्रित में नाबालिग को दी नौकरी, जांच में दो एबीएसए दोषी
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Thu, 27 Nov 2025 10:23 PM IST
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हापुड़। बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में मृतक आश्रित में नाबालिग को नियुक्त करने के मामले में संयुक्त शिक्षा सचिव ने जांच में दो एबीएसए को दोषी करार दिया है। कार्यालय में तैनात अनिल कुमार की मृत्यु के बाद उनके पुत्र ध्रुव कुमार को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने से चार माह पहले ही मृतक आश्रित में नियुक्त कर दिया गया। संयुक्त शिक्षा सचिव द्वारा प्रकरण की जांच की जा रही थी। इसमें अभिलेखों का परीक्षण किए बिना अग्रसारित करने पर योगेश गुप्ता और सत्यापन न करने पर रचना सिंह को दोषी पाया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित में ध्रुव कुमार को पिछले दिनों चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दी गई थी। मामला सामने आने पर इसकी जांच कराई गई। जांच में सामने आया है कि नाबालिग ध्रुव कुमार को नौकरी देने में मानकों का पालन नहीं किया गया था। दरअसल जिस पोर्टल से नौकरी के लिए आवेदन कराया गया, उसके लिए न तो कोई शासनादेश था और न ही कोई विभागीय आदेश ही जारी किया गया था। उसके बावजूद बिना जांच-पड़ताल और सत्यापन के ही उक्त आवेदन को अग्रसारित कर दिया गया।
जांच में पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय से 10 जुलाई 2024 को 18 साल की आयु पूरी होने से चार महीने पहले ही ध्रुव कुमार को उसके पिता अनिल कुमार के स्थान पर मृतक आश्रित में नियुक्त किया गया था। जबकि दसवीं की सनद में ध्रुव कुमार की आयु 11 नवंबर 2006 अंकित है। इस आधार पर 18 साल की आयु पूर्ण होने से चार महीने पहले ही बीएसए कार्यालय से नियुक्ति पत्र दे दिया गया था।
एबीएसए योगेश गुप्ता का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति का अधिकार बीएसए को नहीं है। इनकी नियुक्ति का अधिकारी एबीएसए मुख्यालय का होता है। मानव संविदा पोर्टल को बीएसए कार्यालय के नाम से बनाया गया था। उसका प्रयोग एबीएसए को करना था। यदि आवेदन के साथ लगाए गए कागजात फर्जी भी थे, तो जांच कराने का अधिकार एबीएसए रचना सिंह का होना चाहिए। इस संबंध में बीएसए ने किसी प्रकार की टिप्प्णी करने से इन्कार कर दिया।
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बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित में ध्रुव कुमार को पिछले दिनों चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दी गई थी। मामला सामने आने पर इसकी जांच कराई गई। जांच में सामने आया है कि नाबालिग ध्रुव कुमार को नौकरी देने में मानकों का पालन नहीं किया गया था। दरअसल जिस पोर्टल से नौकरी के लिए आवेदन कराया गया, उसके लिए न तो कोई शासनादेश था और न ही कोई विभागीय आदेश ही जारी किया गया था। उसके बावजूद बिना जांच-पड़ताल और सत्यापन के ही उक्त आवेदन को अग्रसारित कर दिया गया।
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जांच में पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय से 10 जुलाई 2024 को 18 साल की आयु पूरी होने से चार महीने पहले ही ध्रुव कुमार को उसके पिता अनिल कुमार के स्थान पर मृतक आश्रित में नियुक्त किया गया था। जबकि दसवीं की सनद में ध्रुव कुमार की आयु 11 नवंबर 2006 अंकित है। इस आधार पर 18 साल की आयु पूर्ण होने से चार महीने पहले ही बीएसए कार्यालय से नियुक्ति पत्र दे दिया गया था।
एबीएसए योगेश गुप्ता का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति का अधिकार बीएसए को नहीं है। इनकी नियुक्ति का अधिकारी एबीएसए मुख्यालय का होता है। मानव संविदा पोर्टल को बीएसए कार्यालय के नाम से बनाया गया था। उसका प्रयोग एबीएसए को करना था। यदि आवेदन के साथ लगाए गए कागजात फर्जी भी थे, तो जांच कराने का अधिकार एबीएसए रचना सिंह का होना चाहिए। इस संबंध में बीएसए ने किसी प्रकार की टिप्प्णी करने से इन्कार कर दिया।