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Hapur News: डॉ.फारूक को पूछताछ के बाद छोड़ा, फिलहाल कश्मीर में है परिवार के साथ
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संवाद न्यूज एजेंसी
पिलखुवा। दिल्ली कार धमाका मामले की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिए गए जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.फारूक अहमद डार को एजेंसियों ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर में हैं।
गौरतलब हैं कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें 13 नवंबर की रात पिलखुवा स्थित कॉलेज परिसर से हिरासत में लिया था। उन पर जांच का पहिया इसलिए चला था, क्योंकि पूछताछ में सामने आया था कि उनका नाम मुजम्मिल शकील गनाइ नाम के संदिग्ध से जुड़े नेटवर्क के दस्तावेजों में आया था।
यह भी बताया गया है कि डॉ.फारूक का मेडिकल प्रशिक्षण हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में हुआ था, जो जांच एजेंसियों की जांच में महत्वपूर्ण है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अब भी घटनाक्रम की गहन पड़ताल कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी पूछताछ से कई तकनीकी दस्तावेज, संबंध-नेटवर्क और अन्य पहलुओं की समीक्षा की गई।
हालांकि किसी नए आरोप (गिरफ्तारी) की सूचना सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉलेज प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहा है और आगे की कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया में भी सक्रिय रहेगा।
अस्पताल के उपनिदेशक मनोज कुमार सिसोदिया ने पुष्टि की है कि डॉ.फारूक को औपचारिक पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। उनकी हिरासत कोई गिरफ्तारी-पुष्टि जैसा नहीं बनी और कॉलेज-अस्पताल की सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।
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पिलखुवा। दिल्ली कार धमाका मामले की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिए गए जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.फारूक अहमद डार को एजेंसियों ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर में हैं।
गौरतलब हैं कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें 13 नवंबर की रात पिलखुवा स्थित कॉलेज परिसर से हिरासत में लिया था। उन पर जांच का पहिया इसलिए चला था, क्योंकि पूछताछ में सामने आया था कि उनका नाम मुजम्मिल शकील गनाइ नाम के संदिग्ध से जुड़े नेटवर्क के दस्तावेजों में आया था।
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यह भी बताया गया है कि डॉ.फारूक का मेडिकल प्रशिक्षण हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में हुआ था, जो जांच एजेंसियों की जांच में महत्वपूर्ण है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अब भी घटनाक्रम की गहन पड़ताल कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी पूछताछ से कई तकनीकी दस्तावेज, संबंध-नेटवर्क और अन्य पहलुओं की समीक्षा की गई।
हालांकि किसी नए आरोप (गिरफ्तारी) की सूचना सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉलेज प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहा है और आगे की कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया में भी सक्रिय रहेगा।
अस्पताल के उपनिदेशक मनोज कुमार सिसोदिया ने पुष्टि की है कि डॉ.फारूक को औपचारिक पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। उनकी हिरासत कोई गिरफ्तारी-पुष्टि जैसा नहीं बनी और कॉलेज-अस्पताल की सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।