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साल 2025 : हाईवे और एक्सप्रेसवे मिले पर जनता ने साल भर गड्ढों में खाए हिचकोले
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फोटो-13- लखनऊ रोड पर सड़क पर हुए गड्ढे। संवाद
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हरदोई। जिले को एक और एक्सप्रेसवे मिला और नेशनल हाईवे का भी काम पूरा हुआ लेकिन आमजनता पूरे साल सड़कों के गड्ढों में हिचकोले ही खाती रही। जिले के सिंगल लेन मार्गों को दो लेन में बनवाए जाने के काम भी हुए और लोगों को आवागमन में सुविधा-सहूलियत के दावे भी खूब हुए। वहीं, ग्रामीण मार्गों की तो बात दूर मुख्य मार्गों पर लोगों ने पूरे गड्ढों से होकर सफर तय किया।
जिले में विकास तो खूब हुआ मार्गों और भवनों को बनवाए जाने की स्वीकृति भी मिली और बनवाए भी गए। जिले को एक और एक्सप्रेसवे मिला है। एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी बनवाया गया। शहर के अंदर से बड़े वाहनों के गुजरने पर रोक और आवागमन को सुविधाजनक बनाए जाने के लिए बाईपास भी बनवाया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों को साल-2025 में मुख्य मार्गों पर ही गड्ढों में हिचकोले खाने के लिए विवश होना पड़ रहा। पहले तो दो विभागों के बीच फंसे मार्ग में मार्ग की दशा जर्जर हो गई और सफर के दौरान लोगों को मिलने वाले दर्द को किसी भी अधिकारी-जिम्मेदार ने समझने का प्रयास नहीं किया। समय के साथ ही लखनऊ-पलिया मार्ग के खेतुई से पिहानी चुंगी तक के भाग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लोक निर्माण विभाग को वापस मिला।
वहीं, बिलरायां-पनवारी मार्ग भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन चला गया जिससे हरदोई-सीतापुर के मध्य का सफर तो ठीक रहा लेकिन हरदाई-कानपुर मार्ग पर बिलग्राम से हरदोई तक के भाग पर लोगों को गड्ढों से होकर ही सफर तय करना पड़ा जिसमें लोगों को सफर के दौरान दर्द तो मिला ही वाहनों को होने वाले नुकसान से आर्थिक बोझ भी बढ़ा।
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इन मार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण को मिली स्वीकृति, कराया जा रहा काम
साल-2025 में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से मेहंदीघाट-संडीला-भटपुर मार्ग को बनवाए जाने की स्वीकृति के साथ ही संडीला में औद्योगिक क्षेत्र में बाईपास भी आठ करोड़, 81 लाख रुपये से बनवाए जाने का काम शुरू कराया गया। ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन सड़क से जोड़ने की योजना में पलिया-लखनऊ मार्ग पर टोडरपुर ब्लॉक के सामने से शाहाबाद-पिहानी मार्ग को जोड़ने के लिए 33.73 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। काम भी कराया जा रहा है, जिसको मई 2026 में पूरा किए जाने की समयसीमा तय की गई है।
शाहाबाद-बेझा-वासतपुर-अनंगपुर-सुल्तानपुर-पाली मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 23.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। मटियामऊ-मंसूरनगर-पतसिया-भुड्डा मार्ग को 5.50 मीटर चौड़ाई में बनवाए जाने के लिए 15.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। पिहानी-बूढ़ागांव-कुल्हाघाट मार्ग के चौड़ीकरण के लिए भी 23.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। चौरासी कोसीय परिक्रमा मार्ग के द्वितीय पड़ाव हर्रैया से चौथे पड़ाव उमरारी तक मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 26.86 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। पलिया-लखनऊ मार्ग पर खेतुई के पास महुईपुरी होते सीतापुर रोड को जोड़ने वाले मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 14.92 करोड़ रुपये, गंजमुरादाबाद-सरायं सुल्तान-दारूकुइया-नयागांव मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 24.80 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। इन मार्गों पर काम भी कराया जा रहा है।
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यह काम समय से नहीं हो पाए, बढ़वाई गई समयसीमा
साल-2025 में वैसे तो विकास और निर्माण के क्षेत्र में बहुत कामों को स्वीकृति मिलीं लेकिन काम तय समयसीमा में पूरे नहीं हो पाए जिससे उन कामों को पूरा कराए जाने के लिए विभागों की तरफ से समयसीमा में वृद्धि कराई गई है। सेतु निगम की तरफ से रामगंगा नदी पर बनवाए जा रहे अर्जुनपुर-बड़ागांव मार्ग पर 136.66 करोड़ रुपये की लागत के सेतु के काम भी तय समय में पूरे नहीं हो पाए। काम न होने से करीब 30 करोड़ रुपये लागत भी बढ़ गई है और काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है।
उप्र राज्य सेतु निगम ने अब 21 जनवरी तक काम पूरा कराने के लिए समयसीमा बढ़वाई है। वहीं, सिंचाई ओर जल संसाधन विभाग के माध्यम से बरबन रजबहा पर 1.60 करोड़ रुपये से कराए जाने वाले सीसी लाइनिंग का काम अगस्त में पूरा हो जाना चाहिए, नहीं हो पाया। अब काम को 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे ही शारदा नहर की लखनऊ शाखा की बायीं पटरी पर 8.66 करोड़ रुपये के ईंट सोलिंग के काम को वैसे तो जुलाई में ही पूरा होना था पर तय समय में पूरा नहीं हो सका। ऐसे ही संस्कृति विभाग की तरफ से सीएंडडीएस के माध्यम से संडीला में रामलीला मैदान में कराए जा रहे 1.99 करोड़ रुपये से भवन बनवाए जाने का काम भी पूरा नहीं हो सका है।
40.65 करोड़ रुपये से बनवाए जा रहे बेहटा-मंसूरपुर मार्ग, 54.97 करोड़ रुपये से बनवाए जा रहे शाहजहांपुर बॉर्डर से पाली-सहजहनुपर-रामापुर छैया मार्ग, 56.97 कडोड़ रुपये से बनवाए जा रहे रद्धेपुरवा-सकतपुर-बबनापुर मार्ग भी तय समय में नहीं बन पाए। लोक निर्माण विभाग ने काम कराने के लिए समयसीमा में बढ़ोतरी कराई है। तय समय में काम न हो पाने के लिए विभागों के अधिकारियों का दावा है कि समय से रुपये न मिल पाना, निविदा प्रक्रिया में समय और जांच-पड़ताल में मिली कमियां भी कारण रही हैं।
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इन कामों के लिए याद किया जाएगा साल-2025
वैसे तो आगरा एक्सप्रेसवे से जिला जुड़ा है, साल-2025 में गंगा एक्सप्रेसवे से भी जिला जुड़ गया। गंगा एक्सप्रेसवे की कुल 594 किलोमीटर लंबाई का सर्वाधिक 99 किलोमीटर भाग जिले की सीमा में आता है। जिसे उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पूरा करा लिया है। मार्ग बन जाने के साथ ही सवायजयुपर तहसील क्षेत्र में मुंडेर और बिलग्राम में जरौली नेवादा के पास गंगा एक्सप्रेसवे से जिले में आने और जिले से जाने के लिए भी व्यवस्था दी गई है। वहीं, एनएच-731 पर 105 किलोमीटर लंबाई पर काम भी करीब-करीब पूरा होने को है। शहर के अंदर से बड़े वाहनों के प्रवेश को कम किए जाने के लिए लखनऊ रोड पर खेतुई के पास से शाहजहांपुर मार्ग पर कोर्रिया तक करीब 16 किलोमीटर लंबाई का बाईपास भी निर्माणाधीन है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जिले से फर्रुखाबाद को जोड़ने की भी स्वीकृति मिली है।
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श्रेय की होड़ पर अभी तक नहीं मिल पाई स्वीकृति
एनएच-731 लखनऊ रोड पर खेतुई से शाहजहांपुर मार्ग पर पिहानी चुंगी तक शहर के अंदर से जाने वाले मार्ग की दशा किसी से छिपी नहीं है। इस भाग का चौड़ीकरण से लेकर सुदृढ़ीकरण कराया जाना है। साल 2021 से साल 2025 तक यह भाग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन रहा। रख-रखाव के अभाव में लखनऊ चुंगी से नानकगंज झाला तक मार्ग गड्ढों में बदल गया। धन्नूपुरवा के पास तो मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो गया। लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं। इस भाग को बनवाए जाने के लिए जिम्मेदारों ने प्रयास किए इसलिए एनएचएआई से वापस लोक निर्माण विभाग में आ गया। लोक निर्माण विभाग की तरफ से मार्ग के सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण के साथ ही डिवाइडर आदि बनवाए जाने के लिए करीब 71 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को भेजी गई। राजनीतिज्ञों ने श्रेय लेने के लिए मुख्यमंत्री तक मुलाकात और स्वीकृति दिलाने के दावे किए लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई।
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जिले में विकास तो खूब हुआ मार्गों और भवनों को बनवाए जाने की स्वीकृति भी मिली और बनवाए भी गए। जिले को एक और एक्सप्रेसवे मिला है। एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी बनवाया गया। शहर के अंदर से बड़े वाहनों के गुजरने पर रोक और आवागमन को सुविधाजनक बनाए जाने के लिए बाईपास भी बनवाया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों को साल-2025 में मुख्य मार्गों पर ही गड्ढों में हिचकोले खाने के लिए विवश होना पड़ रहा। पहले तो दो विभागों के बीच फंसे मार्ग में मार्ग की दशा जर्जर हो गई और सफर के दौरान लोगों को मिलने वाले दर्द को किसी भी अधिकारी-जिम्मेदार ने समझने का प्रयास नहीं किया। समय के साथ ही लखनऊ-पलिया मार्ग के खेतुई से पिहानी चुंगी तक के भाग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लोक निर्माण विभाग को वापस मिला।
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वहीं, बिलरायां-पनवारी मार्ग भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन चला गया जिससे हरदोई-सीतापुर के मध्य का सफर तो ठीक रहा लेकिन हरदाई-कानपुर मार्ग पर बिलग्राम से हरदोई तक के भाग पर लोगों को गड्ढों से होकर ही सफर तय करना पड़ा जिसमें लोगों को सफर के दौरान दर्द तो मिला ही वाहनों को होने वाले नुकसान से आर्थिक बोझ भी बढ़ा।
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इन मार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण को मिली स्वीकृति, कराया जा रहा काम
साल-2025 में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से मेहंदीघाट-संडीला-भटपुर मार्ग को बनवाए जाने की स्वीकृति के साथ ही संडीला में औद्योगिक क्षेत्र में बाईपास भी आठ करोड़, 81 लाख रुपये से बनवाए जाने का काम शुरू कराया गया। ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन सड़क से जोड़ने की योजना में पलिया-लखनऊ मार्ग पर टोडरपुर ब्लॉक के सामने से शाहाबाद-पिहानी मार्ग को जोड़ने के लिए 33.73 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। काम भी कराया जा रहा है, जिसको मई 2026 में पूरा किए जाने की समयसीमा तय की गई है।
शाहाबाद-बेझा-वासतपुर-अनंगपुर-सुल्तानपुर-पाली मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 23.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। मटियामऊ-मंसूरनगर-पतसिया-भुड्डा मार्ग को 5.50 मीटर चौड़ाई में बनवाए जाने के लिए 15.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। पिहानी-बूढ़ागांव-कुल्हाघाट मार्ग के चौड़ीकरण के लिए भी 23.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। चौरासी कोसीय परिक्रमा मार्ग के द्वितीय पड़ाव हर्रैया से चौथे पड़ाव उमरारी तक मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 26.86 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। पलिया-लखनऊ मार्ग पर खेतुई के पास महुईपुरी होते सीतापुर रोड को जोड़ने वाले मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 14.92 करोड़ रुपये, गंजमुरादाबाद-सरायं सुल्तान-दारूकुइया-नयागांव मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 24.80 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। इन मार्गों पर काम भी कराया जा रहा है।
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यह काम समय से नहीं हो पाए, बढ़वाई गई समयसीमा
साल-2025 में वैसे तो विकास और निर्माण के क्षेत्र में बहुत कामों को स्वीकृति मिलीं लेकिन काम तय समयसीमा में पूरे नहीं हो पाए जिससे उन कामों को पूरा कराए जाने के लिए विभागों की तरफ से समयसीमा में वृद्धि कराई गई है। सेतु निगम की तरफ से रामगंगा नदी पर बनवाए जा रहे अर्जुनपुर-बड़ागांव मार्ग पर 136.66 करोड़ रुपये की लागत के सेतु के काम भी तय समय में पूरे नहीं हो पाए। काम न होने से करीब 30 करोड़ रुपये लागत भी बढ़ गई है और काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है।
उप्र राज्य सेतु निगम ने अब 21 जनवरी तक काम पूरा कराने के लिए समयसीमा बढ़वाई है। वहीं, सिंचाई ओर जल संसाधन विभाग के माध्यम से बरबन रजबहा पर 1.60 करोड़ रुपये से कराए जाने वाले सीसी लाइनिंग का काम अगस्त में पूरा हो जाना चाहिए, नहीं हो पाया। अब काम को 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे ही शारदा नहर की लखनऊ शाखा की बायीं पटरी पर 8.66 करोड़ रुपये के ईंट सोलिंग के काम को वैसे तो जुलाई में ही पूरा होना था पर तय समय में पूरा नहीं हो सका। ऐसे ही संस्कृति विभाग की तरफ से सीएंडडीएस के माध्यम से संडीला में रामलीला मैदान में कराए जा रहे 1.99 करोड़ रुपये से भवन बनवाए जाने का काम भी पूरा नहीं हो सका है।
40.65 करोड़ रुपये से बनवाए जा रहे बेहटा-मंसूरपुर मार्ग, 54.97 करोड़ रुपये से बनवाए जा रहे शाहजहांपुर बॉर्डर से पाली-सहजहनुपर-रामापुर छैया मार्ग, 56.97 कडोड़ रुपये से बनवाए जा रहे रद्धेपुरवा-सकतपुर-बबनापुर मार्ग भी तय समय में नहीं बन पाए। लोक निर्माण विभाग ने काम कराने के लिए समयसीमा में बढ़ोतरी कराई है। तय समय में काम न हो पाने के लिए विभागों के अधिकारियों का दावा है कि समय से रुपये न मिल पाना, निविदा प्रक्रिया में समय और जांच-पड़ताल में मिली कमियां भी कारण रही हैं।
इन कामों के लिए याद किया जाएगा साल-2025
वैसे तो आगरा एक्सप्रेसवे से जिला जुड़ा है, साल-2025 में गंगा एक्सप्रेसवे से भी जिला जुड़ गया। गंगा एक्सप्रेसवे की कुल 594 किलोमीटर लंबाई का सर्वाधिक 99 किलोमीटर भाग जिले की सीमा में आता है। जिसे उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पूरा करा लिया है। मार्ग बन जाने के साथ ही सवायजयुपर तहसील क्षेत्र में मुंडेर और बिलग्राम में जरौली नेवादा के पास गंगा एक्सप्रेसवे से जिले में आने और जिले से जाने के लिए भी व्यवस्था दी गई है। वहीं, एनएच-731 पर 105 किलोमीटर लंबाई पर काम भी करीब-करीब पूरा होने को है। शहर के अंदर से बड़े वाहनों के प्रवेश को कम किए जाने के लिए लखनऊ रोड पर खेतुई के पास से शाहजहांपुर मार्ग पर कोर्रिया तक करीब 16 किलोमीटर लंबाई का बाईपास भी निर्माणाधीन है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जिले से फर्रुखाबाद को जोड़ने की भी स्वीकृति मिली है।
श्रेय की होड़ पर अभी तक नहीं मिल पाई स्वीकृति
एनएच-731 लखनऊ रोड पर खेतुई से शाहजहांपुर मार्ग पर पिहानी चुंगी तक शहर के अंदर से जाने वाले मार्ग की दशा किसी से छिपी नहीं है। इस भाग का चौड़ीकरण से लेकर सुदृढ़ीकरण कराया जाना है। साल 2021 से साल 2025 तक यह भाग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन रहा। रख-रखाव के अभाव में लखनऊ चुंगी से नानकगंज झाला तक मार्ग गड्ढों में बदल गया। धन्नूपुरवा के पास तो मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो गया। लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं। इस भाग को बनवाए जाने के लिए जिम्मेदारों ने प्रयास किए इसलिए एनएचएआई से वापस लोक निर्माण विभाग में आ गया। लोक निर्माण विभाग की तरफ से मार्ग के सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण के साथ ही डिवाइडर आदि बनवाए जाने के लिए करीब 71 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को भेजी गई। राजनीतिज्ञों ने श्रेय लेने के लिए मुख्यमंत्री तक मुलाकात और स्वीकृति दिलाने के दावे किए लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई।

फोटो-13- लखनऊ रोड पर सड़क पर हुए गड्ढे। संवाद

फोटो-13- लखनऊ रोड पर सड़क पर हुए गड्ढे। संवाद

फोटो-13- लखनऊ रोड पर सड़क पर हुए गड्ढे। संवाद

फोटो-13- लखनऊ रोड पर सड़क पर हुए गड्ढे। संवाद
