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Hardoi News: पांचवें साल फिर जागी एमआरएफ सेंटर संचालन की उम्मीद
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फोटो 20: घंटाघर रोड पर कूड़ाघर और पास में फैला कूड़ा। संवाद
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हरदोई। शहर के घरों और सार्वजनिक स्थानों से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण की एक बार फिर उम्मीद जगी है। शासन ने शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर इटौली में बनवाए गए एमआरएफ सेंटर में मशीन स्थापना और संचालन के लिए दोबारा से नए सिरे से प्रक्रिया की व्यवस्था दी है। नगर निकाय ने फिर से प्रक्रिया शुरू की है।
शहर के 26 वार्डों के मोहल्लों के घरों और सार्वजनिक स्थानों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए सीतापुर रोड पर इटौली के पास साल 2021-22 में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) की स्थापना कराई है। वहां पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से भवन बनवाए गए हैं। मशीनों की स्थापना के साथ ही संचालन के लिए संस्था का चयन होना है। शहर के 26 वार्डों से करीब 40-45 टन कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होने से कूड़ा नीर में बनाए गए डंपिंग यार्ड में डलवाया जा रहा है। वहीं, शहर के बाहर के कुछ अन्य स्थानों पर भी कूड़ा डाला जा रहा है जिससे कूड़ा का निस्तारण अभी तक होना नहीं शुरू हो पाया है। अब स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने दोबारा से संस्था चयन और मशीनों की स्थापना के लिए प्रक्रिया किए जाने के आदेश दिए हैं।
निस्तारण न होने से मार्गों के किनारे फुटपाथ पर कूड़े से गंदगी फैल रही है। गंदगी और बदबू से लोगों को दिक्कतें होती हैं। वहीं, 33,67,000 रुपये से बना एमआरएफ संचालन से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगा है। वहीं, दूसरा भवन भी उपयोग में न आने से बेकार साबित हो रहा है।
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एमआरएफ सेंटर संचालन के साथ ही मशीनों की स्थापना और संचालन के लिए संस्था चयन की प्रक्रिया दोबारा से शुरू की गई है। शासन ने पूरी प्रक्रिया नए सिरे से कराने के आदेश दिए हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से संस्था का चयन किया जाना है। मशीनों की स्थापना होने तक एमआरएफ पर मैनुअली कूड़ा निस्तारण कराया जा रहा है। मैटेरियल की भी छंटनी कराई जा रही है। -रामेंद्र सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका
शहर के 26 वार्डों के मोहल्लों के घरों और सार्वजनिक स्थानों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए सीतापुर रोड पर इटौली के पास साल 2021-22 में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) की स्थापना कराई है। वहां पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से भवन बनवाए गए हैं। मशीनों की स्थापना के साथ ही संचालन के लिए संस्था का चयन होना है। शहर के 26 वार्डों से करीब 40-45 टन कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होने से कूड़ा नीर में बनाए गए डंपिंग यार्ड में डलवाया जा रहा है। वहीं, शहर के बाहर के कुछ अन्य स्थानों पर भी कूड़ा डाला जा रहा है जिससे कूड़ा का निस्तारण अभी तक होना नहीं शुरू हो पाया है। अब स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने दोबारा से संस्था चयन और मशीनों की स्थापना के लिए प्रक्रिया किए जाने के आदेश दिए हैं।
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निस्तारण न होने से मार्गों के किनारे फुटपाथ पर कूड़े से गंदगी फैल रही है। गंदगी और बदबू से लोगों को दिक्कतें होती हैं। वहीं, 33,67,000 रुपये से बना एमआरएफ संचालन से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगा है। वहीं, दूसरा भवन भी उपयोग में न आने से बेकार साबित हो रहा है।
एमआरएफ सेंटर संचालन के साथ ही मशीनों की स्थापना और संचालन के लिए संस्था चयन की प्रक्रिया दोबारा से शुरू की गई है। शासन ने पूरी प्रक्रिया नए सिरे से कराने के आदेश दिए हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से संस्था का चयन किया जाना है। मशीनों की स्थापना होने तक एमआरएफ पर मैनुअली कूड़ा निस्तारण कराया जा रहा है। मैटेरियल की भी छंटनी कराई जा रही है। -रामेंद्र सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका