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Hathras Court: न्यायालय में प्रस्तुत की फर्जी व कूटरचित जमानत आख्या, रिपोर्ट दर्ज
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: चमन शर्मा
Updated Fri, 24 Jan 2025 03:41 AM IST
सार
तहसील हाथरस द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच आख्या में यह उल्लेख किया गया कि लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की आख्या पर उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त व संबंधित व्यक्तियों द्वारा अनुचित लाभ के लिए जमानत प्रपत्रों की कूटरचना करके न्यायालय को धोखा दिया गया है।
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कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सादाबाद के फौजदारी लिपिक संदीप कुमार पाठक ने सादाबाद कोतवाली में फर्जी व कूटरचित जमानत आख्या प्रस्तुत करने के मामले में फिरोजाबाद जिले के टूंडला निवासी प्रेम सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि एसीजेएम न्यायालय में लंबित आपराधिक वाद में सत्र न्यायालय हाथरस के आदेश के तहत नामजद प्रेम सिंह ने अधिवक्ता के जरिये दो लाख रुपये की दो जमानतें और व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल किया था। संबंधित अधिवक्ता ने जमानत पत्रों में जमानतदार कमल सिंह व रवेंद्र सिंह निवासीगण अहियापुर कलां थाना कोतवाली हाथरस की पहचान कर तस्दीक किया था, लेकिन जमानतदारों के जमानत प्रपत्रों का सत्यापन तहसील व थाने से कराया गया था।
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इन जमानतदारों के सबंध में न्यायालय में तहसील और थाने से प्राप्त सत्यापन आख्या के आधार पर प्रेम सिंह के जमानत प्रपत्र न्यायालय द्वारा स्वीकृत करते हुए प्रेम सिंह का रिहाई परवाना आदेश जारी किया गया। वादी मुकदमा की ओर से न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा गया कि अभियुक्त प्रेम सिंह द्वारा दाखिल जमानत आख्या फर्जी व कूटरचित हैं। प्रार्थना पत्र के संबंध में एसडीएम हाथरस से आख्या मांगी गई।
एसडीएम ने अवगत कराया कि तहसील हाथरस द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच आख्या में यह उल्लेख किया गया कि लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की आख्या पर उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त व संबंधित व्यक्तियों द्वारा अनुचित लाभ के लिए जमानत प्रपत्रों की कूटरचना करके न्यायालय को धोखा दिया गया है।