{"_id":"6931f7ec95cb1274780b31d6","slug":"even-after-the-reduction-in-gst-rates-on-jewellery-making-charges-customers-are-left-empty-handed-hathras-news-c-56-1-hts1003-141241-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hathras News: ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर जीएसटी दरें घटने के बाद भी ग्राहक हैं खाली हाथ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hathras News: ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर जीएसटी दरें घटने के बाद भी ग्राहक हैं खाली हाथ
विज्ञापन
विज्ञापन
ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर लागू जीएसटी दरों में की गई कमी का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंच रहा है। ज्यादातर दुकानदार मेकिंग चार्ज पर अलग से जीएसटी लेने के बजाय सीधे गहनों की कीमत पर ही तीन प्रतिशत जीएसटी जोड़कर बिल बना रहे हैं।
केंद्र सरकार ने करीब दो माह पहले ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर लगने वाली जीएसटी दरों में राहत दी थी। पहले जहां मेकिंग चार्ज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, वहीं अब इसे घटाकर सिर्फ पांच प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना है, लेकिन बाजार में यह राहत कागजों तक ही सीमित है।
हाथरस के सराफा बाजार में अधिकांश ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज को बिल में अलग से दर्शाने के बजाय तैयार आभूषण की कीमत में ही जोड़ देते हैं। ऐसे में ग्राहक यह समझ ही नहीं पाते कि मेकिंग चार्ज और उस पर लगने वाला टैक्स कितना है। दुकानदार सिर्फ सोने या चांदी की मौजूदा दर पर तीन प्रतिशत जीएसटी जोड़कर कुल कीमत बताते हैं, जबकि नियम के अनुसार मेकिंग चार्ज पर अलग से जीएसटी लगाया जाना चाहिए। ज्वेलर्स सुधीर कुमार का कहना है कि मेकिंग चार्ज की गणना हर डिजाइन के हिसाब से अलग-अलग होने के कारण बिल में जटिलता बढ़ती है। जिससे ग्राहकों को समझा पाना मुश्किल हो जाता है।
जीएसटी के उपायुक्त आरके सिंह ने बताया कि गहनों के मेकिंग चार्ज में घटी हुई जीएसटी दरों का लाभ नहीं मिलने की कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है। अगर शिकायत आती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बातचीत-- -
सोने की अंगूठी खरीदी है, लेकिन मेकिंग चार्ज पर लागू जीएसटी की घटी दरों का कोई लाभ नहीं मिला। किसी भी दुकान से गहने ले लो, मेकिंग चार्ज की जीएसटी घटने का लाभ आम ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। कई ग्राहकों को इसकी जानकारी भी नहीं है।
-- विशाल कुमार, उपभोक्ता।
पुराना गहना देकर नई डिजाइन की चेन बनवाई थी। मेकिंग चार्ज और उस पर लागू जीएसटी के नाम पर मनमानी वसूली हो रही है। बिल देने की बात तो दूर है। मेकिंग चार्ज में लगने वाले जीएसटी की दरों में कमी का आम उपभोक्ता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
-गरिमा वार्ष्णेय, ग्राहक।
Trending Videos
केंद्र सरकार ने करीब दो माह पहले ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर लगने वाली जीएसटी दरों में राहत दी थी। पहले जहां मेकिंग चार्ज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, वहीं अब इसे घटाकर सिर्फ पांच प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना है, लेकिन बाजार में यह राहत कागजों तक ही सीमित है।
विज्ञापन
विज्ञापन
हाथरस के सराफा बाजार में अधिकांश ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज को बिल में अलग से दर्शाने के बजाय तैयार आभूषण की कीमत में ही जोड़ देते हैं। ऐसे में ग्राहक यह समझ ही नहीं पाते कि मेकिंग चार्ज और उस पर लगने वाला टैक्स कितना है। दुकानदार सिर्फ सोने या चांदी की मौजूदा दर पर तीन प्रतिशत जीएसटी जोड़कर कुल कीमत बताते हैं, जबकि नियम के अनुसार मेकिंग चार्ज पर अलग से जीएसटी लगाया जाना चाहिए। ज्वेलर्स सुधीर कुमार का कहना है कि मेकिंग चार्ज की गणना हर डिजाइन के हिसाब से अलग-अलग होने के कारण बिल में जटिलता बढ़ती है। जिससे ग्राहकों को समझा पाना मुश्किल हो जाता है।
जीएसटी के उपायुक्त आरके सिंह ने बताया कि गहनों के मेकिंग चार्ज में घटी हुई जीएसटी दरों का लाभ नहीं मिलने की कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है। अगर शिकायत आती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बातचीत
सोने की अंगूठी खरीदी है, लेकिन मेकिंग चार्ज पर लागू जीएसटी की घटी दरों का कोई लाभ नहीं मिला। किसी भी दुकान से गहने ले लो, मेकिंग चार्ज की जीएसटी घटने का लाभ आम ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। कई ग्राहकों को इसकी जानकारी भी नहीं है।
पुराना गहना देकर नई डिजाइन की चेन बनवाई थी। मेकिंग चार्ज और उस पर लागू जीएसटी के नाम पर मनमानी वसूली हो रही है। बिल देने की बात तो दूर है। मेकिंग चार्ज में लगने वाले जीएसटी की दरों में कमी का आम उपभोक्ता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
-गरिमा वार्ष्णेय, ग्राहक।