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Hathras News: खुले आसमान के नीचे कट रहीं रातें, नहीं बने रैन बसेरे
संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस
Updated Fri, 12 Dec 2025 02:19 AM IST
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एक तरफ सर्दी का सितम बढ़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ नगर पंचायत को अभी तक उन लोगों का ख्याल नहीं आया है, जो खुले आसमान के नीचे जिंदगी बसर करते हैं। अभी तक नगर पंचायत ने ऐसे लोगों को शरण देने के लिए रैन बसेरा नहीं बनाया है।
ये लोग रोजाना खुले में दुकानों के तख्त, फुटपाथ या टिन शेड के नीचे सोकर सर्द रातें काट रहे हैं। नगर पंचायत के स्थायी रैन बसेरे के कमरों में ताला है, जिससे पता चलता है कि नगर पंचायत इन लोगों की सुरक्षा के लिए कितनी गंभीर है।
बुधवार की देर रात अलीगढ़ से चलकर भरतपुर जा रहे मजदूरों के पास जब आगे के भाड़े लायक रुपये नहीं बचे तो वे शरण लेने के लिए रैन बसेरा तलाशने लगे, लेकिन यहां उन्हें ऐसा कोई इंतजाम नहीं आया। मजबूरी में उन्हें रोडवेज बस स्टैंड के अंदर ही रात काटनी पड़ी। एसडीएम नीरज शर्मा का कहना है कि रैन बसेरा जल्द ही चालू करा दिया जाएगा और अलाव भी जलवाए जाएंगे।
रैन बसेरे के कमरों में भरा सामान
नगर पंचायत के निचले भवन के जिन कमरों में हर वर्ष सर्दी के मौसम में रैन बसेरा बनाया जाता है, उनमें फिलहाल सामान भरा हुआ है और उन पर ताला लगा है। नगर पंचायत ने अभी तक इन कमरों को साफ कराके यहां रैन बसेरा चालू कराने की जरूरत नहीं समझी है।
खुले में रहने वालों की सुरक्षा के लिए नगर पंचायत संवेदनशील है। जिन जगहों पर हर वर्ष रैन बसेरे संचालित होते हैं, वहां जल्द ही इनका संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
-विकास कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत
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ये लोग रोजाना खुले में दुकानों के तख्त, फुटपाथ या टिन शेड के नीचे सोकर सर्द रातें काट रहे हैं। नगर पंचायत के स्थायी रैन बसेरे के कमरों में ताला है, जिससे पता चलता है कि नगर पंचायत इन लोगों की सुरक्षा के लिए कितनी गंभीर है।
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बुधवार की देर रात अलीगढ़ से चलकर भरतपुर जा रहे मजदूरों के पास जब आगे के भाड़े लायक रुपये नहीं बचे तो वे शरण लेने के लिए रैन बसेरा तलाशने लगे, लेकिन यहां उन्हें ऐसा कोई इंतजाम नहीं आया। मजबूरी में उन्हें रोडवेज बस स्टैंड के अंदर ही रात काटनी पड़ी। एसडीएम नीरज शर्मा का कहना है कि रैन बसेरा जल्द ही चालू करा दिया जाएगा और अलाव भी जलवाए जाएंगे।
रैन बसेरे के कमरों में भरा सामान
नगर पंचायत के निचले भवन के जिन कमरों में हर वर्ष सर्दी के मौसम में रैन बसेरा बनाया जाता है, उनमें फिलहाल सामान भरा हुआ है और उन पर ताला लगा है। नगर पंचायत ने अभी तक इन कमरों को साफ कराके यहां रैन बसेरा चालू कराने की जरूरत नहीं समझी है।
खुले में रहने वालों की सुरक्षा के लिए नगर पंचायत संवेदनशील है। जिन जगहों पर हर वर्ष रैन बसेरे संचालित होते हैं, वहां जल्द ही इनका संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
-विकास कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत