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Jalaun News: आत्महत्या के विचार को बदलकर बचाई जा सकती जिंदगी
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फोटो-12-मनपरी और मनदूत के रूप में चयनित छात्र-छात्राएं व अतिथि। स्रोत-विभाग
- फोटो : credit
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उरई। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अंतर्गत 10 से 16 सितंबर तक जागरूकता सप्ताह के तहत शनिवार को जीआईसी में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला अस्पताल की मानसिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना विश्वास ने आत्महत्या की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी रोकथाम के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाला व्यक्ति में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, अगर हम उन लक्षणों को पहचान कर उससे बात करें तो उसके आत्महत्या करने के विचार को बदलकर कई ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं। अपनी मानसिक परेशानियों को छुपाए नहीं, बल्कि मनोचिकित्सक को दिखाएं या टेली मानस टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 पर कॉल करें।
प्रधानाचार्य जितेंद्र राजपूत ने कहा कि आत्महत्या आज के समय में यह एक गंभीर सामाजिक समस्या है। आत्महत्या करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, उसके लिए हमें मानसिक रूप से सशक्त होकर समस्या का सामना करना चाहिए। संचालन कुलदीप गुप्ता ने किया। इस दौरान वीके शुक्ला, प्रदीप त्रिपाठी, बृजनंदन गौड़, अनुरुद्ध सिंह, नितेंद्र राजपूत, मयंक कौशिक, रितु अहिरवार, वर्षा गुप्ता, सीमा वर्मा आदि रहे।
मनपरी व मनदूत के रूप में चयन
मानसिक स्वास्थ्य विषय पर कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सटीक उत्तर देने वाले 20 छात्र-छात्राओं को मनदूत एव मनपरी के लिए चयन कर उनका उत्साह बढ़ाने के लिए बैच, पानी की बोतल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। मनपरी के रुप में अंजली, गुड़िया, राशि, प्राची, दीपशिखा, दिव्या, मुस्कान, आशिकी, प्रतिष्ठा को चुना गया। जबकि मनदूत के रूप में आयुष, हर्ष, आदित्य तिवारी, शिवम, विकास, अनुभव, प्रणव गौतम, नैतिक, आनंद, वंश, प्रद्युम्न का चयन किया गया।

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प्रधानाचार्य जितेंद्र राजपूत ने कहा कि आत्महत्या आज के समय में यह एक गंभीर सामाजिक समस्या है। आत्महत्या करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, उसके लिए हमें मानसिक रूप से सशक्त होकर समस्या का सामना करना चाहिए। संचालन कुलदीप गुप्ता ने किया। इस दौरान वीके शुक्ला, प्रदीप त्रिपाठी, बृजनंदन गौड़, अनुरुद्ध सिंह, नितेंद्र राजपूत, मयंक कौशिक, रितु अहिरवार, वर्षा गुप्ता, सीमा वर्मा आदि रहे।
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मनपरी व मनदूत के रूप में चयन
मानसिक स्वास्थ्य विषय पर कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सटीक उत्तर देने वाले 20 छात्र-छात्राओं को मनदूत एव मनपरी के लिए चयन कर उनका उत्साह बढ़ाने के लिए बैच, पानी की बोतल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। मनपरी के रुप में अंजली, गुड़िया, राशि, प्राची, दीपशिखा, दिव्या, मुस्कान, आशिकी, प्रतिष्ठा को चुना गया। जबकि मनदूत के रूप में आयुष, हर्ष, आदित्य तिवारी, शिवम, विकास, अनुभव, प्रणव गौतम, नैतिक, आनंद, वंश, प्रद्युम्न का चयन किया गया।