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Jalaun News: बिजली का नया कनेक्शन लेना होगा महंगा
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उरई। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर जारी आदेश ने जिले भर में खलबली मचा दी है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने 10 सितंबर को आदेश जारी कर दिया कि अब जिन क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं, वहां नए बिजली कनेक्शन केवल इसी मोड में दिए जाएंगे। इस फैसले का सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।
जिले में इस समय लगभग 2.80 लाख उपभोक्ता जुड़े हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी करीब 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके घरों में बिजली कनेक्शन नहीं है। रोजाना 10 से 15 उपभोक्ता नए कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब कनेक्शन महंगा होने से उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी तक उपभोक्ताओं को साधारण इलेक्ट्रॉनिक मीटर के साथ कनेक्शन दिए जाते थे, जिनकी कीमत कम थी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें काफी ज्यादा हैं। ऐसे में नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेते समय अधिक राशि अदा करनी होगी।
गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती बन जाएगी। जिले में रोजाना औसतन दो से तीन मीटर खराब होते हैं। पहले साधारण मीटर सस्ते होने के कारण उपभोक्ता आसानी से बदलवा लेते थे, लेकिन अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर महंगे हैं। ऐसे में जिन कनेक्शनों पर ये मीटर लगाए जा चुके हैं, अगर वे खराब हो जाते हैं तो उपभोक्ताओं को उनका अलग से भुगतान करना होगा। यानी उपभोक्ताओं को बिजली बिल के साथ-साथ मीटर बदलवाने के लिए भी अतिरिक्त बजट जोड़ना पड़ेगा।
अधीक्षण अभियंता नंदलाल ने बताया कि फिलहाल इस आदेश की प्रति उनके पास नहीं पहुंची है। यदि आदेश आता है तो विभाग उसका पालन करेगा। बावजूद इसके, जिले में यह मामला उपभोक्ताओं और विभागीय कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। खासतौर से उन परिवारों में चिंता और ज्यादा है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिनके घरों में अब तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है।
नई व्यवस्था को लेकर उपभोक्ता समझ नहीं पा रहे कि उन्हें आगे कनेक्शन लेने या मीटर बदलवाने में कितनी अतिरिक्त रकम देनी पड़ेगी। जो लोग पहले से साधारण मीटर के जरिए जुड़े हुए हैं, वे इस डर में हैं कि मीटर खराब होने पर उन्हें महंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर का बोझ उठाना होगा। वहीं, जिनके पास अभी तक कनेक्शन नहीं है, वे यह सोचकर असमंजस में हैं कि क्या अब बिजली लेना उनकी पहुंच से बाहर हो जाएगा।

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जिले में इस समय लगभग 2.80 लाख उपभोक्ता जुड़े हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी करीब 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके घरों में बिजली कनेक्शन नहीं है। रोजाना 10 से 15 उपभोक्ता नए कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब कनेक्शन महंगा होने से उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी तक उपभोक्ताओं को साधारण इलेक्ट्रॉनिक मीटर के साथ कनेक्शन दिए जाते थे, जिनकी कीमत कम थी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें काफी ज्यादा हैं। ऐसे में नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेते समय अधिक राशि अदा करनी होगी।
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गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती बन जाएगी। जिले में रोजाना औसतन दो से तीन मीटर खराब होते हैं। पहले साधारण मीटर सस्ते होने के कारण उपभोक्ता आसानी से बदलवा लेते थे, लेकिन अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर महंगे हैं। ऐसे में जिन कनेक्शनों पर ये मीटर लगाए जा चुके हैं, अगर वे खराब हो जाते हैं तो उपभोक्ताओं को उनका अलग से भुगतान करना होगा। यानी उपभोक्ताओं को बिजली बिल के साथ-साथ मीटर बदलवाने के लिए भी अतिरिक्त बजट जोड़ना पड़ेगा।
अधीक्षण अभियंता नंदलाल ने बताया कि फिलहाल इस आदेश की प्रति उनके पास नहीं पहुंची है। यदि आदेश आता है तो विभाग उसका पालन करेगा। बावजूद इसके, जिले में यह मामला उपभोक्ताओं और विभागीय कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। खासतौर से उन परिवारों में चिंता और ज्यादा है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिनके घरों में अब तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है।
नई व्यवस्था को लेकर उपभोक्ता समझ नहीं पा रहे कि उन्हें आगे कनेक्शन लेने या मीटर बदलवाने में कितनी अतिरिक्त रकम देनी पड़ेगी। जो लोग पहले से साधारण मीटर के जरिए जुड़े हुए हैं, वे इस डर में हैं कि मीटर खराब होने पर उन्हें महंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर का बोझ उठाना होगा। वहीं, जिनके पास अभी तक कनेक्शन नहीं है, वे यह सोचकर असमंजस में हैं कि क्या अब बिजली लेना उनकी पहुंच से बाहर हो जाएगा।