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कार्यदायी संस्थाएं तय समयसीमा में काम करें पूरा : डीएम
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उरई। डीएम राजेश कुमार पांडेय ने बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन, जल संस्थान एवं जल निगम की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को समयसीमा के अंदर काम पूरा करने के निर्देश दिए।
डीएम ने कदौरा ब्लॉक के 22 गांवों में पाइपलाइन बिछाने के दौरान टूटी सड़कों की मरम्मत न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने ब्रजगोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को 30 नवंबर तक सभी सड़कों की मरम्मत कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। डकोर ब्लॉक के छह गांवों में भी पाइपलाइन डाले जाने के बाद सड़कों की मरम्मत न होने पर उन्होंने जीवीपीआर एजेंसी को भी 30 नवंबर तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पेयजल से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए, यदि शिकायत मिलती है तो उसका तत्काल निस्तारण किया जाए। अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत जालौन नगर में बन रही पेयजल योजना की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने जल निगम अर्बन को फटकार लगाई और कहा कि कार्य तय समयसीमा में पूर्ण किया जाए।
उन्होंने सीएलडीएस संस्था को भी कोटरा, कदौरा और माहिल तालाब पर चल रहे कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और निर्देशित किया कि तालाब निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। डीएम ने ईओ को निर्देशित किया कि शहर में स्थापित 19 नए ट्यूबवेलों में से शेष नौ का शीघ्र विद्युत ऊर्जीकृत करना सुनिश्चित करें। इस दौरान एडीएम नमामि गंगे प्रेमचंद मौर्य, अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण अंचल गुप्ता, ईओ रामअचल कुरील आदि रहे।
फार्मर रजिस्ट्री न कराने वाल किसान हो सकते है योजनाओं से वंचित
संवाद न्यूज एजेंसी
कालपी। फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसान सचेत हो जाए। वह शासन की योजनाओं से वंचित हो सकते हैं। फिलहाल अभी खाद वितरण पर रोक लगाने की तैयारी है। शासन ने अब किसानों के खेतों को भी आधारकार्ड से जोड़ने की योजना बनाई है, जिसे फार्मर रजिस्ट्री नाम दिया गया है। हालांकि इस योजना को चालू हुए कई माह बीत चुके हैं पर अभी तक 60 प्रतिशत किसानों ने ही अपनी जमीन को आधारकार्ड से जोडा है, लेकिन प्रशासन ने इस अभियान को युद्धस्तर पर शुरू किया है। कुछ दिनों पहले बगैर फार्मर रजिस्ट्री कराए खतौनी उद्धरण पर रोक लगाई गई थी, अब नया फरमान जारी किया है। जिसके तहत अभी सहकारी समितियों तथा संस्थानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बगैर फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को डीएपी खाद न दी जाए। जिसके चलते बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों को खाद बिक्री केंद्र से बैरंग होना पडा है। तहसीलदार अभिनव तिवारी के अनुसार खाद वितरण पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि खाद बिक्री करने वाले संस्थानों को फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया है। एसडीएम मनोज कुमार सिंह का कहना है कि फार्मर रजिस्ट्री सभी किसानों के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इससे शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल सकेगा। किसान समय से जनसेवा केंद्रों पर अपना पंजीकरण करा लें ताकि उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।
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उन्होंने कहा कि पेयजल से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए, यदि शिकायत मिलती है तो उसका तत्काल निस्तारण किया जाए। अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत जालौन नगर में बन रही पेयजल योजना की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने जल निगम अर्बन को फटकार लगाई और कहा कि कार्य तय समयसीमा में पूर्ण किया जाए।
उन्होंने सीएलडीएस संस्था को भी कोटरा, कदौरा और माहिल तालाब पर चल रहे कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और निर्देशित किया कि तालाब निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। डीएम ने ईओ को निर्देशित किया कि शहर में स्थापित 19 नए ट्यूबवेलों में से शेष नौ का शीघ्र विद्युत ऊर्जीकृत करना सुनिश्चित करें। इस दौरान एडीएम नमामि गंगे प्रेमचंद मौर्य, अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण अंचल गुप्ता, ईओ रामअचल कुरील आदि रहे।
फार्मर रजिस्ट्री न कराने वाल किसान हो सकते है योजनाओं से वंचित
संवाद न्यूज एजेंसी
कालपी। फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसान सचेत हो जाए। वह शासन की योजनाओं से वंचित हो सकते हैं। फिलहाल अभी खाद वितरण पर रोक लगाने की तैयारी है। शासन ने अब किसानों के खेतों को भी आधारकार्ड से जोड़ने की योजना बनाई है, जिसे फार्मर रजिस्ट्री नाम दिया गया है। हालांकि इस योजना को चालू हुए कई माह बीत चुके हैं पर अभी तक 60 प्रतिशत किसानों ने ही अपनी जमीन को आधारकार्ड से जोडा है, लेकिन प्रशासन ने इस अभियान को युद्धस्तर पर शुरू किया है। कुछ दिनों पहले बगैर फार्मर रजिस्ट्री कराए खतौनी उद्धरण पर रोक लगाई गई थी, अब नया फरमान जारी किया है। जिसके तहत अभी सहकारी समितियों तथा संस्थानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बगैर फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को डीएपी खाद न दी जाए। जिसके चलते बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों को खाद बिक्री केंद्र से बैरंग होना पडा है। तहसीलदार अभिनव तिवारी के अनुसार खाद वितरण पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि खाद बिक्री करने वाले संस्थानों को फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया है। एसडीएम मनोज कुमार सिंह का कहना है कि फार्मर रजिस्ट्री सभी किसानों के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इससे शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल सकेगा। किसान समय से जनसेवा केंद्रों पर अपना पंजीकरण करा लें ताकि उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।