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Jalaun News: स्कूली वाहनों की जांच के लिए 15 तक विशेष अभियान
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उरई। स्कूलों में संचालित वाहनों की जांच व मानकविहीन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। बुधवार को एआरटीओ कार्यालय में स्कूलों के प्रबंधक, प्रधानाचार्यों के साथ बैठक हुई।
बैठक में एआरटीओ प्रवर्तन एवं प्रशासन सुरेश कुमार ने कहा कि विद्यालय में जो भी वाहन छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए लगे हैं। उनका संचालन मानकों को पूरा करने के बाद ही करें। वाहनों में सीटिंग क्षमता से अधिक छात्र-छात्राएं न बैठाएं। न ही वाहनों को गलत दिशा में संचालित किया जाए। जिन वाहनों की फिटनेस, बीमा, प्रदूषण, परमिट की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें दुरुस्त करा लें।
वाहनों को जांच के लिए एआरटीओ कार्यालय में प्रस्तुत कर फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त कर लें। चेकिंग के दौरान कोई भी वाहन मानकविहीन, अनफिट, क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं को लाते या ले-जाते मिलता है तो वाहन स्वामी, विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों से कहा है कि स्कूल वाहन चालकों व परिचालकों के चरित्र का सत्यापन कराकर सूची व चालक लाइसेंस के लाइसेंस की फोटोकॉपी एआरटीओ कार्यालय में उपलब्ध कराएं। एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम राजेश कुमार, यात्री कर अधिकारी विनय कुमार पांडेय, गुड सेमेरिटन से सम्मानित डॉ. ममता स्वर्णकार, अब्दुल अलीम खान, अशोक कुमार राठौर, अजय इटौरिया, गरिमा पाठक, अनुपम द्विवेदी मौजूद रहे।
स्कूल बस वैन के लिए लागू किए गए विशेष नियम
- वाहन पीले रंग का हो, स्कूल का नाम लिखा हो।
- बसों में 02 एवं वैन में 01 अंकित हो।
- अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बाॅक्स भी हों।
- गति सीमा यंत्र (स्पीडो मीटर) लगा हो।
- नियमानुसार सीट बेल्ट का प्रावधान है।
- प्रेशर हाॅर्न, मल्टीटोन हाॅर्न न लगा हो।
- स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की, द्वार अवश्य हों।
- स्कूल बसों की खिड़की पर स्टील की छड़ क्षैतिज लगी हो।
- स्कूल बसों में सीट के नीचे स्कूल वैग रखने की जगह हो।
- बसों के प्रवेश द्वार पर हैंडरेल लगा हो।
- वाहन पर पुलिस, फायर, एंबुलेंस, हाॅस्पिटल, प्रबंधक, प्रधानाचार्य, चालक, परिचालक का नंबर अंकित होना अनिवार्य है।
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बैठक में एआरटीओ प्रवर्तन एवं प्रशासन सुरेश कुमार ने कहा कि विद्यालय में जो भी वाहन छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए लगे हैं। उनका संचालन मानकों को पूरा करने के बाद ही करें। वाहनों में सीटिंग क्षमता से अधिक छात्र-छात्राएं न बैठाएं। न ही वाहनों को गलत दिशा में संचालित किया जाए। जिन वाहनों की फिटनेस, बीमा, प्रदूषण, परमिट की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें दुरुस्त करा लें।
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वाहनों को जांच के लिए एआरटीओ कार्यालय में प्रस्तुत कर फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त कर लें। चेकिंग के दौरान कोई भी वाहन मानकविहीन, अनफिट, क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं को लाते या ले-जाते मिलता है तो वाहन स्वामी, विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों से कहा है कि स्कूल वाहन चालकों व परिचालकों के चरित्र का सत्यापन कराकर सूची व चालक लाइसेंस के लाइसेंस की फोटोकॉपी एआरटीओ कार्यालय में उपलब्ध कराएं। एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम राजेश कुमार, यात्री कर अधिकारी विनय कुमार पांडेय, गुड सेमेरिटन से सम्मानित डॉ. ममता स्वर्णकार, अब्दुल अलीम खान, अशोक कुमार राठौर, अजय इटौरिया, गरिमा पाठक, अनुपम द्विवेदी मौजूद रहे।
स्कूल बस वैन के लिए लागू किए गए विशेष नियम
- वाहन पीले रंग का हो, स्कूल का नाम लिखा हो।
- बसों में 02 एवं वैन में 01 अंकित हो।
- अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बाॅक्स भी हों।
- गति सीमा यंत्र (स्पीडो मीटर) लगा हो।
- नियमानुसार सीट बेल्ट का प्रावधान है।
- प्रेशर हाॅर्न, मल्टीटोन हाॅर्न न लगा हो।
- स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की, द्वार अवश्य हों।
- स्कूल बसों की खिड़की पर स्टील की छड़ क्षैतिज लगी हो।
- स्कूल बसों में सीट के नीचे स्कूल वैग रखने की जगह हो।
- बसों के प्रवेश द्वार पर हैंडरेल लगा हो।
- वाहन पर पुलिस, फायर, एंबुलेंस, हाॅस्पिटल, प्रबंधक, प्रधानाचार्य, चालक, परिचालक का नंबर अंकित होना अनिवार्य है।