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Jalaun News: अंग्रेजी का प्रभाव बढ़ा, हिंदी ने भी बढ़ाई वैश्विक पहचान
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फोटो-23-मोहम्मद अनस।
- फोटो : credit
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जालौन। 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी केवल भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की धरोहर है। आज के वैश्वीकरण के दौर में अंग्रेजी का प्रभाव बढ़ा है, लेकिन हिंदी की सहजता और व्यापकता उसे विशेष बनाती है। हिंदी दिवस सिर्फ एक दिवसीय कार्यक्रम बनकर न रह जाए। बल्कि हम दैनिक बोलचाल के साथ कार्यालयों आदि में भी हिंदी का प्रयोग करें।
सोशल मीडिया पर मिले हिंदी को बढ़ावा
फोटो-23-मोहम्मद अनस।
मोहम्मद अनस ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका प्रयोग करना हमारे लिए सम्मान की बात होनी चाहिए। पढ़ाई और नौकरी के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए। हिंदी हमारी भावनाओं की भाषा है। यह भावनाएं व्यक्त करने का सबसे सरल और सहज माध्यम है।
हिंदी की प्रतियोगिताएं बढ़ाई जाएं
फोटो-24-अनमोल खन्ना।
अनमोल खन्ना ने कहा कि आज के समय में अंग्रेजी जरूरी है लेकिन हिंदी के बिना हमारी पहचान अधूरी है। युवाओं को हिंदी में लेखन और वाद-विवाद जैसी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। हमें इसे केवल 14 सितंबर तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाना चाहिए। ताकि हिंदी को बढ़ावा मिलता रहे और हिंदी का व्यापक प्रयोग हो सके।
तकनीकी और वैज्ञानिक विषयों में हो हिंदी का प्रयोग
फोटो-25-अमन तिवारी।
अमन तिवारी ने कहा कि हिंदी में अभिव्यक्ति सबसे सरल और सहज है। यदि हम हिंदी में तकनीकी और वैज्ञानिक विषयों पर ज्यादा साहित्य तैयार करें तो इसका दायरा और भी व्यापक हो सकता है। हिंदी दिवस सिर्फ औपचारिकता न होकर, इसे व्यापक आंदोलन का रूप लेना चाहिए। युवाओं को चाहिए कि प्रतियोगी परीक्षाओं, विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई में भी हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं।
युवा पीढ़ी को हिंदी के प्रति जागरूक किया जाए
फोटो-26-सोमिल याज्ञिक।
सोमिल याज्ञिक ने बताया कि हिंदी हमारी भावनाओं की भाषा है। हमें चाहिए कि घर, स्कूल, दफ्तर और बाजार हर जगह हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं ताकि आने वाली पीढ़ी भी इससे जुड़ी रहें। जब तक हम खुद हिंदी को प्राथमिकता नहीं देंगे, तब तक यह केवल कार्यक्रमों तक सिमटकर रह जाएगी। हमें हर जगह हिंदी में काम करने का संकल्प लेना चाहिए।
हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
उरई। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के वंदना सभागार में हिंदी दिवस मनाया गया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य गोविंद श्याम ने कहा कि कि यह दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसके बाद विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बाल वर्ग में महाकुंभ का पौराणिक व सांस्कृतिक महत्व प्रकरण दिया गया। किशोर वर्ग में महाकुंभ के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन व तरुण वर्ग में महाकुंभ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक पर्व प्रकरण पर छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रधानाचार्य अतुल कुमार बाजपेई ने कहा कि निबंध लेखन एक ऐसी कला है जो हमें अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में मदद करती है। इस दौरान प्रतियोगिता प्रभारी अमित पाठक, मनोज गुप्ता, इनाम सिंह, रविंद्र राजपूत, सीताराम शुक्ला, कामता प्रसाद त्रिपाठी, जगत नारायण, राजकुमार, शिवकुमार आदि रहे। (संवाद)

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सोशल मीडिया पर मिले हिंदी को बढ़ावा
फोटो-23-मोहम्मद अनस।
मोहम्मद अनस ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका प्रयोग करना हमारे लिए सम्मान की बात होनी चाहिए। पढ़ाई और नौकरी के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए। हिंदी हमारी भावनाओं की भाषा है। यह भावनाएं व्यक्त करने का सबसे सरल और सहज माध्यम है।
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हिंदी की प्रतियोगिताएं बढ़ाई जाएं
फोटो-24-अनमोल खन्ना।
अनमोल खन्ना ने कहा कि आज के समय में अंग्रेजी जरूरी है लेकिन हिंदी के बिना हमारी पहचान अधूरी है। युवाओं को हिंदी में लेखन और वाद-विवाद जैसी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। हमें इसे केवल 14 सितंबर तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाना चाहिए। ताकि हिंदी को बढ़ावा मिलता रहे और हिंदी का व्यापक प्रयोग हो सके।
तकनीकी और वैज्ञानिक विषयों में हो हिंदी का प्रयोग
फोटो-25-अमन तिवारी।
अमन तिवारी ने कहा कि हिंदी में अभिव्यक्ति सबसे सरल और सहज है। यदि हम हिंदी में तकनीकी और वैज्ञानिक विषयों पर ज्यादा साहित्य तैयार करें तो इसका दायरा और भी व्यापक हो सकता है। हिंदी दिवस सिर्फ औपचारिकता न होकर, इसे व्यापक आंदोलन का रूप लेना चाहिए। युवाओं को चाहिए कि प्रतियोगी परीक्षाओं, विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई में भी हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं।
युवा पीढ़ी को हिंदी के प्रति जागरूक किया जाए
फोटो-26-सोमिल याज्ञिक।
सोमिल याज्ञिक ने बताया कि हिंदी हमारी भावनाओं की भाषा है। हमें चाहिए कि घर, स्कूल, दफ्तर और बाजार हर जगह हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं ताकि आने वाली पीढ़ी भी इससे जुड़ी रहें। जब तक हम खुद हिंदी को प्राथमिकता नहीं देंगे, तब तक यह केवल कार्यक्रमों तक सिमटकर रह जाएगी। हमें हर जगह हिंदी में काम करने का संकल्प लेना चाहिए।
हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
उरई। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के वंदना सभागार में हिंदी दिवस मनाया गया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य गोविंद श्याम ने कहा कि कि यह दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसके बाद विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बाल वर्ग में महाकुंभ का पौराणिक व सांस्कृतिक महत्व प्रकरण दिया गया। किशोर वर्ग में महाकुंभ के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन व तरुण वर्ग में महाकुंभ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक पर्व प्रकरण पर छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रधानाचार्य अतुल कुमार बाजपेई ने कहा कि निबंध लेखन एक ऐसी कला है जो हमें अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में मदद करती है। इस दौरान प्रतियोगिता प्रभारी अमित पाठक, मनोज गुप्ता, इनाम सिंह, रविंद्र राजपूत, सीताराम शुक्ला, कामता प्रसाद त्रिपाठी, जगत नारायण, राजकुमार, शिवकुमार आदि रहे। (संवाद)
फोटो-23-मोहम्मद अनस।- फोटो : credit
फोटो-23-मोहम्मद अनस।- फोटो : credit
फोटो-23-मोहम्मद अनस।- फोटो : credit