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Jalaun News: 25 साल पुराने मुकदमे में तत्कालीन एसडीएम व थानेदार कोर्ट में हाजिर
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उरई। 25 साल पहले जिला पंचायत चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी की पिटाई, गाली-गलौज व रुपये छीनने के मामले में गुरुवार को डकैती कोर्ट में सुनवाई की गई। आरोपी तत्कालीन एसडीएम और थानेदार कोर्ट में हाजिर हुए। दोनों जमानत मिलने के बाद से कोर्ट में नहीं हाजिर हो रहे थे। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ अगस्त में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
चुर्खी क्षेत्र के अटरा कला गांव निवासी चौधरी विष्णु पाल सिंह उर्फ नन्नू राजा ने कोर्ट में वाद दायर किया था। इसमें बताया था कि 23 जून 2000 को जिला पंचायत का मतदान होना था। उसमें वह सपा से उम्मीदवार थे। वह क्षेत्र में भ्रमण कर गांव अटरा कला मतदान केंद्र पर पहुंचे थे तो वहां ड्यूटी पर तैनात तत्कालीन एसडीएम जेपी चौरसिया, थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद ने उसके साथ मारपीट की। उनके 20 हजार रुपये व कागजातों से भरा बैग छीन लिया। उन्हें थाने ले जाकर बंद कर दिया गया। देर शाम को उनको छोड़ा गया।
उनका आरोप था कि थानाध्यक्ष व एसडीएम बसपा प्रत्याशी की मदद कर रहे हैं। मतदान की सुबह एसडीएम कोंच जेपी चौरसिया पुलिस व थानाध्यक्ष को लेकर उसके गांव पहुंचे और ग्रामीणों के सामने गालियां दीं। धमकाया कि अगर किसी ने विष्णुपाल (वादी) को वोट दिए तो गोली से उड़ा देंगे। इसकी शिकायत उसने पुलिस से की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने डकैती कोर्ट में एसडीएम व थानाध्यक्ष के खिलाफ वाद दायर किया था। डकैती कोर्ट ने एसडीएम जेपी चौरसिया व थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद को तलब किया था लेकिन दोनों आरोपी जेल जाने से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे।
कोर्ट ने एसडीएम जेपी चौरसिया की जमानत मंजूर की थी जबकि तत्कालीन थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद को जेल जाना पड़ा था। बाद में उन्हें भी जमानत मिल गई। 2022 में जमानत मिलने के बाद से आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इस पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने वारंट को रिकॉल कराया था। बृहस्पतिवार को मुकदमे में गवाही हुई। इस दौरान एसडीएम जेपी चौरसिया व थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद डकैती कोर्ट में पेश हुए।
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चुर्खी क्षेत्र के अटरा कला गांव निवासी चौधरी विष्णु पाल सिंह उर्फ नन्नू राजा ने कोर्ट में वाद दायर किया था। इसमें बताया था कि 23 जून 2000 को जिला पंचायत का मतदान होना था। उसमें वह सपा से उम्मीदवार थे। वह क्षेत्र में भ्रमण कर गांव अटरा कला मतदान केंद्र पर पहुंचे थे तो वहां ड्यूटी पर तैनात तत्कालीन एसडीएम जेपी चौरसिया, थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद ने उसके साथ मारपीट की। उनके 20 हजार रुपये व कागजातों से भरा बैग छीन लिया। उन्हें थाने ले जाकर बंद कर दिया गया। देर शाम को उनको छोड़ा गया।
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उनका आरोप था कि थानाध्यक्ष व एसडीएम बसपा प्रत्याशी की मदद कर रहे हैं। मतदान की सुबह एसडीएम कोंच जेपी चौरसिया पुलिस व थानाध्यक्ष को लेकर उसके गांव पहुंचे और ग्रामीणों के सामने गालियां दीं। धमकाया कि अगर किसी ने विष्णुपाल (वादी) को वोट दिए तो गोली से उड़ा देंगे। इसकी शिकायत उसने पुलिस से की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने डकैती कोर्ट में एसडीएम व थानाध्यक्ष के खिलाफ वाद दायर किया था। डकैती कोर्ट ने एसडीएम जेपी चौरसिया व थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद को तलब किया था लेकिन दोनों आरोपी जेल जाने से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे।
कोर्ट ने एसडीएम जेपी चौरसिया की जमानत मंजूर की थी जबकि तत्कालीन थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद को जेल जाना पड़ा था। बाद में उन्हें भी जमानत मिल गई। 2022 में जमानत मिलने के बाद से आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इस पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने वारंट को रिकॉल कराया था। बृहस्पतिवार को मुकदमे में गवाही हुई। इस दौरान एसडीएम जेपी चौरसिया व थानाध्यक्ष गौस मोहम्मद डकैती कोर्ट में पेश हुए।