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नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़: तीन गिरफ्तार, टेलिग्राम एप के जरिये तलाशते थे शिकार

अमर उजाला नेटवर्क, झांसी Published by: दीपक महाजन Updated Wed, 15 Oct 2025 06:48 AM IST
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सार

जालसाजों ने बताया कि टेलिग्राम एप के जरिये अपना शिकार तलाशते थे। पार्ट टाइम नौकरी एवं निवेश कराने के बहाने जाल में फंसाते थे। दिलचस्पी दिखाने वालों को टेलिग्राम में बनाए ग्रुप से जोड़ लेते थे।

Gang busted for fraud by promising jobs: Three arrested, used to find victims through Telegram app
आरोपियों के साथ पुलिस - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का प्रेमनगर पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। दावा है कि दर्जनों लोगों को शिकार बनाकर उनसे 24 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। इस रकम से जालसाज क्रिप्टो करेंसी खरीदते थे।
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सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम ने बताया कि पुलिस को कुछ जालसाजों के बारे में सुराग मिला था। रेल कोच फैक्टरी के पास से देव सागर निवासी ईसाई टोला, अंकुश सेन एवं नीरज अहिरवार निवासी खाती बाबा को गिरफ्तार किया। जालसाजों ने बताया कि टेलिग्राम एप के जरिये अपना शिकार तलाशते थे। पार्ट टाइम नौकरी एवं निवेश कराने के बहाने जाल में फंसाते थे। दिलचस्पी दिखाने वालों को टेलिग्राम में बनाए ग्रुप से जोड़ लेते थे। इसके बाद एपीके फाइल डाउनलोड करके अंकुश सेन खाते से पैसा निकालता था। जबकि, देव सागर फर्जी खाते उपलब्ध कराता था। नीरज अहिरवार एटीएम से पैसे निकालता था। पैसा निकालकर अंकुश को देता था। इमरान की मदद से क्रिप्टो करेंसी खरीदी जाती थी। अब तक वह लोग 24,01,300 रुपये की ठगी कर चुके हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस टीम में थाना प्रभारी रवि श्रीवास्तव, रविकांत शुक्ला, अंकित पंवार, धरमवीर सिंह, शुभांशु शुक्ला शामिल रहे। पुलिस के मुताबिक तीनों के खिलाफ जालसाजी समेत कई अन्य आरोप में भी मुकदमे दर्ज हैं।
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प्रति खाता तीन हजार रुपये मिलता था कमीशन

जालसाजी की रकम मंगाने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने के एवज में देव सागर को तीन हजार रुपये प्रति खाते के हिसाब से कमीशन मिलता था। उसने पुलिस को बताया कि गांव के लोगों को लालच देकर वह उनसे आधार कार्ड, फोटो समेत अन्य जरूरी कागज ले लेता था। इसके अपने पास रखता था। इसके बाद बैंक कर्मियों से साठगांठ कर उनका खाता खुलवा लेता था। खाते के डेबिट कार्ड भी अपने पास रखता था। पुलिस को उसके पास से दर्जनों बैंक खातों के बारे में मालूम चला।
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