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भांजे ने मामा के साथ मिलकर उड़ाया रेलवे का 69.78 लाख: मुठभेड़ में पकड़े, गोदाम में जमीन खोदकर छिपा दी थी रकम
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Sun, 26 Oct 2025 10:07 PM IST
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सार
रोजाना मोटी रकम देख उसके मन में लालच आ गया। उसने यह बात अपने मामा जीवन साहू को बताई। इसके बाद से दोनों प्लान बनाने में जुटे थे। अंशुल ने 3 जुलाई को सार्वजनिक नोटिस निकालकर परिवार से नाता तोड़ लिया। इसके बाद मौके का इंतजार करने लगा।
पुलिस गिरफ्त में जीवन साहू
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
झांसी रेलवे स्टेशन से 69.78 लाख रुपये उड़ाने की साजिश सीएमएस इन्फो सिस्टम के कर्मचारी अंशुल साहू ने अपने मामा जीवन साहू के साथ मिलकर रची थी। रविवार सुबह अंशुल पुलिस से हुई मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गया, जबकि मामा को घेरकर पकड़ लिया गया। अंशुल की निशानदेही पर पूरी रकम भी बरामद कर ली गई। अंशुल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
रविवार को एसएसपी बीबी जीटीएस मूर्ति ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 13 अक्तूबर को सीएमएस इन्फो सिस्टम के कलेक्शन एजेंट अंशुल साहू निवासी कसाई बाबा, नगरा ने पैसा बैंक में जमा कराने के बहाने रेलवे स्टेशन से 69.78 लाख रुपये लेकर भाग गया था। उसकी तलाश में स्वाट समेत आधा दर्जन टीम लगी थी। अंशुल सबसे पहले ललितपुर पहुंचा। यहां से मध्य प्रदेश से धौलपुर तक छिपता रहा। परिजनों से पूछताछ पर अंशुल के मामा जीवन साहू का नाम उजागर हुआ, लेकिन जीवन ने अंशुल के बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया।
रविवार को एसएसपी बीबी जीटीएस मूर्ति ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 13 अक्तूबर को सीएमएस इन्फो सिस्टम के कलेक्शन एजेंट अंशुल साहू निवासी कसाई बाबा, नगरा ने पैसा बैंक में जमा कराने के बहाने रेलवे स्टेशन से 69.78 लाख रुपये लेकर भाग गया था। उसकी तलाश में स्वाट समेत आधा दर्जन टीम लगी थी। अंशुल सबसे पहले ललितपुर पहुंचा। यहां से मध्य प्रदेश से धौलपुर तक छिपता रहा। परिजनों से पूछताछ पर अंशुल के मामा जीवन साहू का नाम उजागर हुआ, लेकिन जीवन ने अंशुल के बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया।
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पुलिस मुठभेड़ में घायल अंशुल
- फोटो : अमर उजाला
छतरपुर भागने की फिराक में थे
पुलिस ने जब जीवन की कॉल डिटेल खंगाली तो मालूम चला कि कई माह से उसकी सबसे अधिक बात अंशुल से ही हुई है। जीवन पर निगरानी रखने पर अंशुल का सुराग मिल गया। रविवार सुबह अंशुल मामा के पास रखी रकम लेने पहुंचा था। दोनों कार से छतरपुर भागने की फिराक में थे। सुबह करीब साढ़े पांच बजे पुलिस टीम ने दोनों को भगवंतपुरा के पास रोक लिया। पुलिस को देख अंशुल ने तमंचे से फायर झोंक दिया। जवाबी फायरिंग में अंशुल पांव में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस टीम में स्वाट प्रभारी जितेंद्र तक्खर, नवाबाद थाना प्रभारी जेपी पाल समेत स्वाट के रजत कुमार, सदानंद, हर्षित, शैलेंद्र शामिल थे।
मामा के गोदाम के अंदर जमीन खोदकर छिपाई थी रकम
अंशुल ने पूछताछ के दौरान बताया कि स्टेशन से रकम लेकर सबसे पहले वह रेलवे कॉलोनी में रहने वाले अपने दोस्त के मामा के घर पहुंचा। स्कूटी खड़ी कर पहले से तय प्लान के मुताबिक मामा जीवन के राजगढ़ स्थित गोदाम पहुंचा। जीवन गल्ले का काम करता है। गल्ला रखने के लिए गोदाम बनाया है। गोदाम के भीतर उन दोनों ने जमीन खोदकर पूरी रकम छिपा दी। पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद उन दोनों की निशानदेही पर पूरी रकम गोदाम से बरामद कर ली गई।
पुलिस ने जब जीवन की कॉल डिटेल खंगाली तो मालूम चला कि कई माह से उसकी सबसे अधिक बात अंशुल से ही हुई है। जीवन पर निगरानी रखने पर अंशुल का सुराग मिल गया। रविवार सुबह अंशुल मामा के पास रखी रकम लेने पहुंचा था। दोनों कार से छतरपुर भागने की फिराक में थे। सुबह करीब साढ़े पांच बजे पुलिस टीम ने दोनों को भगवंतपुरा के पास रोक लिया। पुलिस को देख अंशुल ने तमंचे से फायर झोंक दिया। जवाबी फायरिंग में अंशुल पांव में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस टीम में स्वाट प्रभारी जितेंद्र तक्खर, नवाबाद थाना प्रभारी जेपी पाल समेत स्वाट के रजत कुमार, सदानंद, हर्षित, शैलेंद्र शामिल थे।
मामा के गोदाम के अंदर जमीन खोदकर छिपाई थी रकम
अंशुल ने पूछताछ के दौरान बताया कि स्टेशन से रकम लेकर सबसे पहले वह रेलवे कॉलोनी में रहने वाले अपने दोस्त के मामा के घर पहुंचा। स्कूटी खड़ी कर पहले से तय प्लान के मुताबिक मामा जीवन के राजगढ़ स्थित गोदाम पहुंचा। जीवन गल्ले का काम करता है। गल्ला रखने के लिए गोदाम बनाया है। गोदाम के भीतर उन दोनों ने जमीन खोदकर पूरी रकम छिपा दी। पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद उन दोनों की निशानदेही पर पूरी रकम गोदाम से बरामद कर ली गई।
बरामद रेलवे का रूपया
- फोटो : अमर उजाला
विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए उड़ाई थी रकम
अंशुल शातिर दिमाग है। मई में सीएमएस कंपनी में एक दोस्त की सिफारिश पर उसे काम मिला था। उसके जिम्मे कैश लेकर बैंक में जमा कराना था। रोजाना मोटी रकम देख उसके मन में लालच आ गया। उसने यह बात अपने मामा जीवन साहू को बताई। इसके बाद से दोनों प्लान बनाने में जुटे थे। अंशुल ने 3 जुलाई को सार्वजनिक नोटिस निकालकर परिवार से नाता तोड़ लिया। इसके बाद मौके का इंतजार करने लगा। 13 अक्तूबर को स्टेशन पर 69,78,642 रुपये जमा थे। यह रकम देखकर उसकी नीयत डोल गई। उसने तुरंत मामा को बताया। इसके बाद योजना के मुताबिक पैसा लेकर निकल भागा। पुलिस के मुताबिक अंशुल ने कुछ माह पहले कारोबार भी शुरू किया था। उसे घाटा लग गया था। अंशुल विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए पैसा जुटाना चाहता था।
पूरी रकम बरामद होने पर दी शाबाशी
पुलिस टीम ने गबन की 69,78,642 पूरी रकम दोनों आरोपियों के पास से बरामद कर ली। एसएसपी ने खुलासे में शामिल टीम को शाबाशी दी। रेलवे को कंपनी की ओर से पहले ही यह रकम दी जा चुकी है।
अंशुल शातिर दिमाग है। मई में सीएमएस कंपनी में एक दोस्त की सिफारिश पर उसे काम मिला था। उसके जिम्मे कैश लेकर बैंक में जमा कराना था। रोजाना मोटी रकम देख उसके मन में लालच आ गया। उसने यह बात अपने मामा जीवन साहू को बताई। इसके बाद से दोनों प्लान बनाने में जुटे थे। अंशुल ने 3 जुलाई को सार्वजनिक नोटिस निकालकर परिवार से नाता तोड़ लिया। इसके बाद मौके का इंतजार करने लगा। 13 अक्तूबर को स्टेशन पर 69,78,642 रुपये जमा थे। यह रकम देखकर उसकी नीयत डोल गई। उसने तुरंत मामा को बताया। इसके बाद योजना के मुताबिक पैसा लेकर निकल भागा। पुलिस के मुताबिक अंशुल ने कुछ माह पहले कारोबार भी शुरू किया था। उसे घाटा लग गया था। अंशुल विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए पैसा जुटाना चाहता था।
पूरी रकम बरामद होने पर दी शाबाशी
पुलिस टीम ने गबन की 69,78,642 पूरी रकम दोनों आरोपियों के पास से बरामद कर ली। एसएसपी ने खुलासे में शामिल टीम को शाबाशी दी। रेलवे को कंपनी की ओर से पहले ही यह रकम दी जा चुकी है।