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2 घंटे 25 मिनट तक ऐसे चली ट्रैक काटने की नापाक कोशिश

टीम डिजिटल, अमर उजाला, कानपुर Updated Tue, 03 Jan 2017 07:24 AM IST
सार

-मंधना के पास ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला
-निरीक्षण पर निकले ट्रैकमैनों ने बयां की वारदात की कहानी

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2 hours 25 minutes nefarious plot
मंधना में रेल की पटरी काटनी की कोशिश
कानपुर-फर्रूखाबाद ट्रैक पर मंधना स्टेशन के पास शनिवार देर रात पटरी काटकर और पैंड्रॉल क्लिप खोलकर ट्रेन पलटाने की साजिश 2 घंटा 25 मिनट तक चली।

 
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9:45 से 12:10 के बीच पटरी काटी गई

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कटे हुए ट्रैक की ओर इशारा करता रेलवेकर्मी - फोटो : अमर उजाला कानपुर
सोमवार को अमर उजाला टीम ने घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे ट्रैकमैन संजीव यादव और रामराज सिंह से बात-चीत की। दोनों ट्रैकमैन ने बताया कि शनिवार रात 9:45 बजे घटनास्थल खंभा नंबर 16/1 पर जब पहली बार पहुंचे तो सब-कुछ ठीक था। वापसी में 12:10 बजे जब वह दोबारा वहां आए तो पैंड्रॉल क्लिप खुले और पटरी कटी मिली। इसका मतलब 9:45 से 12:10 के बीच पटरी काटी गई और पैंड्रॉल क्लिप खोले गए।

 
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ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला रेल मंत्री और रेल मंत्रालय तक पहुंचा

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रेलवे ट्रैक का निरिक्षण करते हुए रेलवेकर्मी - फोटो : अमर उजाला कानपुर

ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला रेल मंत्री और रेल मंत्रालय तक पहुंच गया है। इस मामले पर रेल मंत्री सुरेश प्रमुख और रेल मंत्रालय ने भी रीट्विट किया है। ट्रैकमैन संजीव कुमार ने बताया कि वह साथी रामराज के साथ रात नौ बजे मंधना स्टेशन से कल्याणपुर स्टेशन तक निरीक्षण पर निकले थे। दोनों को प्रतिदिन चार किलोमीटर तक ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण करना होता है।

पटरी के एक तरफ के निरीक्षण में करीब दो घंटा देना अनिवार्य

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ट्रैकमैन संजीव यादव - फोटो : अमर उजाला कानपुर
पटरी के एक तरफ के निरीक्षण में करीब दो घंटा देना अनिवार्य है। निरीक्षण करते हुए हम दोनों 9 बजकर 45 मिनट पर खंभा नंबर 16/1 पर पहुंचे। तब तक सब ठीक था। जिस जगह हमारा निरीक्षण खत्म होता है, वहां से आगे की टीम के साथ हम निरीक्षण रजिस्टर बदलते हैं। कल्याणपुर में हमने वहां तक निरीक्षण करते आए ट्रैकमैन शिवमूरत और नानू के साथ करीब 11.15 बजे रजिस्टर की अदला-बदली की। इसके बाद पटरी के दूसरी ओर निरीक्षण करते हुए लौट पड़े।





 
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हमले की आशंका से बुरी तरह डर गए थे दोनों ट्रैकमैन

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ट्रैकमैन रामराज सिंह - फोटो : अमर उजाला कानपुर
ट्रैकमैन रामराज सिंह ने बताया कि वापसी में घटनास्थल पर बायीं ओर संजीव ने पैंड्रॉल क्लिप खुली देखी। उन्होंने इसकी जानकारी मुझे दी। हम दोनों ने टार्च से आसपास देखा तो पटरी भी कटी मिली। ऐसा करने वालों की आसपास मौजूदगी और हमला करने की आशंका से दोनों बुरी तरह डर गए।

 
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