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Banda: मंडी में आई 1500 बोरी खाद, बांटी सिर्फ 500...खाली हाथ लौटने पर रो पड़ा किसान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 07 Oct 2025 11:10 PM IST
सार
बांदा में टोकन पाने वाले किसानों को सिर्फ एक बोरी खाद मिली। खाली हाथ लौटने पर एक किसान रो पड़ा।
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लाइन में रोते किसान को चुप कराते दूसरे किसान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
खाद का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। सहकारी समितियों में किसानों की लंबी लाइनें प्रशासनिक दावों की पोल खोल रही हैं। कई-कई दिनों से लाइनों में लग रहे और खाद न मिलने पर किसान कतार में खड़े-खड़े रो पड़ें। खाद के लिए मंगलवार को फिर से एक बार मंडी समिति में किसानों का हुजूम जुटा, लेकिन यहां के तीन विक्रय केंद्रों से सिर्फ सोमवार को टोकन पाने वाले किसानों को ही खाद बांटी गई। परसौड़ा के अलखनारायण, बृजराज, पपरेंदा के देवीदयाल, सत्तीदीन ने बताया कि वह रविवार की रात से लाइन में लगे थे। सोमवार को सुबह 10 बजे टोकन वितरित हुए। कहा कि पांच हजार किसानों के बीच सिर्फ पांच सौ टोकन बांटे गए। सोमवार को खाद नहीं मिलने पर मंगलवार को फिर से आए हैं। बताया कि टोकन पर सिर्फ एक बोरी खाद दी जा रही है। कुछ ऐसी ही बात अन्य किसानों ने भी कही। मंगलवार को नए टोकन नही बंटे। समिति संचालक मनमानी पर उतारू हैं।
किसानों ने कहा
सोमवार की सुबह 4 बजे गांव से आकर लाइन में लगे थे। भगवान भरोसे टोकन मिल गया। आज सुबह से खाद मिलने का इंतजार कर रहे है। दोपहर के एक बज गए हैं, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली। - कुसुमा, किसान, पपरेंदा
सरसों व मटर की बोआई के लिए खाद की जरूरत है। बीते 15 दिन से चक्कर लगा रहे हैं। आज-कल के चक्कर में रोजाना लौटा दिया जाता है। टोकन होने के बाद भी खाद नहीं मिलती। - गया प्रसाद, किसान, गोधनी
रविवार की रात खाद के लिए लाइन में लगे थे। सोमवार को टोकन मिला, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली। खेत की जोताई के बाद किसानों को खाद की जरूरत है, लेकिन प्रशासन सबको अनदेखा किए है। - मिथलेश नारायण, किसान, परसौंड़ा
निजी दुकानों में नकली खाद मिलती है। इससे समिति आना पड़ता है। प्रशासन नकली खाद की बिक्री पर रोक लगाए या फिर किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद दिलाए। - किशोरी, पपरेंदा
किसानों की संख्या पहुंची 5000
मंडी समिति स्थित सहकारी समिति की तीन दुकानों में रविवार को 1500 बोरी खाद भेजी गई थी। इसकी भनक होते ही रविवार शाम से ही किसान वहां जुटने लगे। देररात तक मंडी में किसानों की बड़ी संख्या एकत्र हो गई। सोमवार सुबह तक किसानों की संख्या 5000 से ज्यादा हो गई। इतनी भीड़ देखकर समिति संचालक दुकान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हाल यह रहा कि सुबह 10 बजे तक टोकन नहीं बांटे जा सके। किसानों के आक्रोश को देखते हुए टोकन वितरण शुरु हुआ। इसके बाद खाद बांटी जा सकी। सोमवार को मंडी में मौजूद किसानों में सिर्फ 500 को ही टोकन मिल सके। वहीं टोकन पर सिर्फ एक बोरी खाद ही किसानों को दी गई।
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किसानों ने कहा
सोमवार की सुबह 4 बजे गांव से आकर लाइन में लगे थे। भगवान भरोसे टोकन मिल गया। आज सुबह से खाद मिलने का इंतजार कर रहे है। दोपहर के एक बज गए हैं, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली। - कुसुमा, किसान, पपरेंदा
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सरसों व मटर की बोआई के लिए खाद की जरूरत है। बीते 15 दिन से चक्कर लगा रहे हैं। आज-कल के चक्कर में रोजाना लौटा दिया जाता है। टोकन होने के बाद भी खाद नहीं मिलती। - गया प्रसाद, किसान, गोधनी
रविवार की रात खाद के लिए लाइन में लगे थे। सोमवार को टोकन मिला, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली। खेत की जोताई के बाद किसानों को खाद की जरूरत है, लेकिन प्रशासन सबको अनदेखा किए है। - मिथलेश नारायण, किसान, परसौंड़ा
निजी दुकानों में नकली खाद मिलती है। इससे समिति आना पड़ता है। प्रशासन नकली खाद की बिक्री पर रोक लगाए या फिर किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद दिलाए। - किशोरी, पपरेंदा
किसानों की संख्या पहुंची 5000
मंडी समिति स्थित सहकारी समिति की तीन दुकानों में रविवार को 1500 बोरी खाद भेजी गई थी। इसकी भनक होते ही रविवार शाम से ही किसान वहां जुटने लगे। देररात तक मंडी में किसानों की बड़ी संख्या एकत्र हो गई। सोमवार सुबह तक किसानों की संख्या 5000 से ज्यादा हो गई। इतनी भीड़ देखकर समिति संचालक दुकान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हाल यह रहा कि सुबह 10 बजे तक टोकन नहीं बांटे जा सके। किसानों के आक्रोश को देखते हुए टोकन वितरण शुरु हुआ। इसके बाद खाद बांटी जा सकी। सोमवार को मंडी में मौजूद किसानों में सिर्फ 500 को ही टोकन मिल सके। वहीं टोकन पर सिर्फ एक बोरी खाद ही किसानों को दी गई।
खाद की कोई कमी नहीं है। सभी किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से खाद मिलेगी। खाद का पर्याप्त स्टॉक है। रबी फसल की बोआई के लिए किसान परेशान हैं। जल्द ही व्यवस्था सुचारू हो जाएगी। - अंसल कुमार, एआर सहकारिता